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ज्ञानवापी मामले में सुनवाई आज, शिवलिंग की कार्बन डेटिंग पर आज आ सकता है फैसला…

उत्तर प्रदेश 07 अक्टूबर 2022 : ज्ञानवापी मामले में शुक्रवार को सुनवाई होने वाली है। शिवलिंग की कार्बन डेटिंग पर फैसला आज आ सकता है। शिवलिंग की कार्बन डेटिंग होनी है। मामले में जिला जज एके विश्वेश फैसला सुना सकते हैं। कार्बन डेटिंग को लेकर हिन्दू पक्ष में दो धड़े हो गए हैं। वाराणसी के ज्ञानवापी-श्रृंगार गौरी मामले के हिंदू पक्षकारों में टूट के बाद विवाद बढ़ता जा रहा है। हिंदू पक्षकार इस मामले को लेकर एक-दूसरे के ऊपर गंभीर आरोप लगा रहे हैं।

उत्तर प्रदेश के वाराणसी में ज्ञानवापी मस्जिद और श्रृंगार गौरी मामले में शुक्रवार को जिला अदालत एक अहम फैसला सुना सकती है। हिंदू पक्ष ने मस्जिद के वजूखाना क्षेत्र में मिले कथित शिवलिंग की कार्बन डेटिंग कराने की मांग की है। कोर्ट शुक्रवार को इसे लेकर अपना फैसला सुना सकती है। हालांकि इससे पहले बनारस हिंदू यूनिवर्सिटी (BHU) के पुरातत्वविद और प्रोफेसर का दावा है कि इसकी कार्बन डेटिंग संभव नहीं है। ज्ञानवापी मस्जिद परिसर के वजूखाने के बीच एक शिला मिली है, जिसे लेकर हिंदू पक्ष का दावा है कि ये शिवलिंग है, जबकि मुस्लिम पक्ष इसे एक फव्वारा बताता है।

ज्ञानवापी में मिले शिवलिंग की कार्बन डेंटिंग संभव नहीं
ज्ञानवापी परिसर में मिले शिवलिंग की कार्बन डेटिंग कराने मांग पर बीएचयू प्राचीन इतिहास विभाग के प्रो. अशोक सिंह का दावा है कि शिवलिंग की कार्बन डेटिंग संभव नहीं है। अमर उजाला से बातचीत में उन्होंने दावा किया कि कार्बन डेटिंग पत्थर जैसे वस्तुओं की नहीं की जा सकती है।

प्रो. अशोक सिंह ने बताया कि कार्बन डेटिंग केवल उसी चीज की हो सकती है, जिसमें कभी भी कार्बन रहा हो। पुरातात्विक संदर्भों में मिली वस्तुओं की कार्बन डेटिंग जरूर की जाती है, लेकिन इसके लिए इसका सही प्रारूप में मिलना जरूरी होता है। शिवलिंग की जानकारी करने के लिए जीपीआर यानी ग्राउंड पेनेट्रेटिंग राडार सिस्टम का इस्तेमाल किया जा सकता है
इसमें जियोलॉजी यानी भू वैज्ञानिकों की अहम भूमिका होती है। इसके लिए लेजर बीम का इस्तेमाल होता है, जिससे जमीन के अंदर की वस्तुओं के बारे में सही जानकारी मिल सकती है। सारनाथ के पुरातात्विक सर्वेक्षण में भी इस तकनीक से कई अहम जानकारियां मिली हैं।

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