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हाईकोर्ट : SI पर IG की कड़ी कार्रवाई के आदेश पर हाईकोर्ट की रोक, पूर्व की सजा के 8 माह बाद IG ने दिया था पुनरीक्षण आदेश… पढ़ें मामला

बिलासपुर 7 मई 2023। हाईकोर्ट ने सब इंस्पेक्टर के खिलाफ कड़ी कार्रवाई के दिये आदेश पर रोक लगा दी है। मामला कांकेर में पदस्थ सब इंस्पेक्टर से जुड़ा है, जिसका वायरलेस सेट कवर्धा में पदस्थ रहते गुम हो गया था। वर्तमान में जिला कांकेर में पदस्थ पुलिस सब इन्सपेक्टर सौरभ उपाध्याय वर्ष 2019 में थाना-चिल्फी, जिला कबीरधाम में सब इन्सपेक्टर पद पर पदस्थ थे। उक्त पदस्थापना के दौरान उनसे एक मेनपेक (वायरलेस) सेट गुम हो जाने पर एस.पी. कबीरधाम द्वारा लापरवाही के आरोप में सौरम उपाध्याय को निन्दा की सजा दी गई परन्तु 8 (आठ) माह की समयावधि के पश्चात् पुलिस महानिरीक्षक (आईजीपी) दुर्ग द्वारा निंदा की सजा को कम पाते हुए एस.पी. कबीरधाम को यह निर्देशित किया गया कि वे विभागीय जांच कर सब इन्सपेक्टर को दीर्घ दण्ड से दण्डित करें।

आईजीपी दुर्ग द्वारा जारी पुनरीक्षण आदेश से क्षुब्ध होकर सब इन्सपेक्टर द्वारा हाईकोर्ट अधिवक्ता अभिषेक पाण्डेय एवं दुर्गा मेहर के माध्यम से हाईकोर्ट बिलासपुर के समक्ष रिट याचिका दायर की गई। अधिवक्ता अभिषेक पाण्डेय एवं दुर्गा मेहर द्वारा हाईकोर्ट के समक्ष यह तर्क प्रस्तुत किया गया कि छत्तीसगढ़ पुलिस रेगुलेशन के रेगुलेशन 270 (4) के अनुसार यदि अपीलीय अधिकारी किसी कर्मचारी के विरूद्ध पारित लघुण्ड से असंतुष्ट है एवं दीर्घ दण्ड देना चाहता है तो पुनरीक्षण आदेश जारी करने के पहले उक्त पुलिस कर्मचारी को कारण बताओ नोटिस जारी कर सुनवाई का पर्याप्त अवसर दिया जाना चाहिए।

इसके साथ ही छत्तीसगढ़ सिविल सेवा (वर्गीकरण, नियंत्रण एवं अपील) नियम, 1966 के उपनियम 29 (3) में यह प्रावधान है कि यदि अपीलीय अधिकारी यह पाता है कि अनुशासनात्मक अधिकारी द्वारा किसी पुलिस कर्मचारी को लघुदण्ड दिया गया है तो उस दण्ड को दीर्घदण्ड में परिवर्तित करने हेतु सजा पारित होने के सिर्फ 06 (छ) माह के भीतर ही पुनरीक्षण की शक्तियों का प्रयोग किया जा सकता है, 06 (छः) माह पश्चात् नहीं परन्तु याचिकाकर्ता के मामले में पुलिस महानिरीक्षक (आईजीपी) दुर्ग द्वारा समयावधि बीत जाने पर आठ माह पश्चात पुनरीक्षण की शक्ति का प्रयोग किया गया। उच्च न्यायालय, बिलासपुर द्वारा उक्त रिट याचिका की सुनवाई के पश्चात याचिका को स्वीकार करते हुए आईजीपी दुर्ग द्वारा सब इन्सपेक्टर के विरूद्ध जारी पुनरीक्षण आदेश को निरस्त कर दिया गया।

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