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सूर्य-शनि आमने-सामने आ जाएं तो बनता है खरतनाक योग

2 सितंबर 2023|शनि और सूर्य देव में घोर शत्रुता है। जबकि इन दोनों के बीच बाप-बेटे का रिश्ता है। सूर्य देव शनि के पिता हैं। अब सवाल ये है कि पिता-पुत्र का रिश्ता होते हुए भी इन दोनों के बीच इतनी गहरी दुश्मनी क्यों है? इसका उत्तर हमें पौराणिक कथाओं में मिलता है। ज्योतिषी चिराग दारुवाला द्वारा जानिए इसके पीछे की पौराणिक कहानी। 

क्यों शनि देव और सूर्य देव शत्रु हैं?

सूर्यदेव का विवाह दक्ष की पुत्री संज्ञा से हुआ। बाद में उन दोनों को तीन बच्चों का आशीर्वाद मिला जो मनु, यमराज और यमुना थे। संज्ञा अपने पति सूर्यदेव के तेज से काफी विचलित थीं। एक बार संज्ञा अपने पिता के पास गुहार लेकर पहुंची। उस समय पिता ने उन्हें सूर्य लोक वापस जाने का आदेश देते हुए कहा कि अब उनका घर सूर्य लोक है। यह सुनकर संज्ञा पुनः सूर्यलोक लौट आई। उसी समय संज्ञा ने सूर्य देव से दूर रहने का विचार किया और अपनी हमशक्ल छाया बना ली तथा बच्चों की जिम्मेदारी उन्हें सौंपकर स्वयं तपस्या करने चली गईं। सवर्ण एक छाया थी जिसके कारण उस पर सूर्य के तेज का तनिक भी प्रभाव नहीं पड़ता था। ऐसे में छाया और सूर्य से तीन संतानों का जन्म हुआ जो तपती, भद्रा और शनि हैं।

छाया ने सूर्यदेव को कभी यह पता नहीं चलने दिया कि वह संज्ञा की छाया है। बाद में छाया से शनिदेव का जन्म हुआ। जब शनिदेव का जन्म हुआ तो सूर्यदेव को संदेह हुआ कि शनिदेव उनकी संतान नहीं हैं। तभी शनि की क्रोधपूर्ण दृष्टि उन पर पड़ी और सूर्यदेव भी काले पड़ गये। उस समय, सूर्य देव शापित चेहरा लेकर भगवान शिव के पास पहुंचे। जहां शिवजी ने उन्हें स्थिति से अवगत कराया। तब सूर्य देव को अपनी गलती का एहसास हुआ और उन्होंने छाया से माफी मांगी। लेकिन इस घटना के बाद शनिदेव और पिता सूर्य के बीच संबंध खराब हो गए।

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