हेल्थ / लाइफस्टाइल

गिल्ट से बाहर आने के लिए कोई दवा ढूंढ रहे हैं, तो एक्सपर्ट के ये 3 सुझाव…

18 जनवरी2024|अपराधबोध एक तरह का नेगेटिव इमोशन है। अक्सर छोटे और बड़े हो रहे बच्चों के मामले में, अपराधबोध को पॉजिटिव प्रभाव के रूप में भी देखा जाता है। जो उन्हें सही तौर-तरीकों, सामाजिक आचरण की सीख देता है। जहां तक वयस्क होने पर अपराधबोध का सवाल है, तो कुछ हद तक ऐसा होना नॉर्मल होता है। पर लंबे समय तक इस भावना से घिरे रहना और खुद को अपराधी मानना आपको मानसिक रूप से परेशान कर सकता है। यह जरूरी है कि आप किसी भी तरह के गिल्ट में बहुत ज्यादा दिन न रहें। इससे उबरने में कुछ थेरेपी और बदलाव आपकी मदद कर सकते हैं।

अगर आप लगातार खुद को गिल्ट और ड्रिप्रेशन (अवसाद) में पाते हैं, तो यह जानना जरूरी है कि यह दोतरफा तरीके से काम करता है। यानि अपरोधबोध की वजह से अवसाद पैदा हो सकता है या पहले से ही अवसादग्रस्त होने पर आप स्वयं को अपराधी महसूस करने लगते हैं।

समझिए क्या हैं सबसे कॉमन गिल्ट

1 व्यवहार या आदतों संबंधी गिल्ट
आमतौर पर, लोग अलग-अलग आदतों/व्यवहारों को लेकर गिल्टी महसूस करते हैं। मसलन, कुछ करने को लेकर या न करने के ख्याल को लेकर, किसी विचार या अहसास, अथवा हालात, इरादों, लक्ष्यों आदि को लेकर भी वे खुद को अपराधी महसूस कर सकते हैं।

2 सर्वाइवर गिल्ट
गिल्ट का एक खास प्रकार होता है अंतरवैयक्तिक (इंटरपर्सनल) गिल्ट। सरवाइवर गिल्ट इसका एक उदाहरण है। यह उस व्यक्ति में पैदा हो सकता है, जो किसी खतरनाक या जीवनघाती स्थिति से जूझने के बाद बच निकला हो। जबकि उसी हालात से सामना होने पर अन्य लोगों की जान न बच पायी हो।

3 किसी प्रियजन को खोने का गिल्ट
इसके अलावा, किसी नज़दीकी की मृत्यु होने, ट्रॉमा की वजह से, या पैरेन्टल गिल्ट भी होता है। मृत्यु के मामले में इमोशनल रिएक्शन के तौर पर गिल्ट पैदा हो सकता है। ऐसे में व्यक्ति खुद को मृत व्यक्ति की अपेक्षाओं या उम्मीदों पर खरा नहीं उतर पाने की वजह से अपराधी महसूस करता है।

4 पेरेंटल गिल्ट
पैरेन्टल गिल्ट उन अभिभावकों को होता है, जो यह महसूस करते हैं कि वे अपने बच्चों के लालन-पालन में खरे नहीं उतरे या उनकी परवरिश में उनसे कुछ कमी रह गई।

5 ट्रॉमा संबंधी गिल्ट
ट्रॉमा संबंधी गिल्ट तब होता है जबकि कोई यह महसूस करता है कि किसी खतरनाक, घातक परिस्थिति में जब दूसरों की जान पर बन आयी होती है, तब उसे अलग प्रकार से बर्ताव करना चाहिए था। कोई अलग एक्शन करना चाहिए था। ताकि दुर्घटना के शिकार बने लोगों के बचाव में कोई योगदान किया जा सकता।

कमजोर मेंटल हेल्थ बढ़ा देती है गिल्ट की भावना
लगातार बने रहने वाले दुःख से बाहर आने के लिए, जरूरी है उन मेंटल कंडीशंस से निपटना जो इसे बढ़ाती हैं, जैसे डिप्रेशन या फिर गिल्ट को भूलने के लिए नशीले पदार्थों के सेवन की आदतों को छोड़ना। सबसे पहले तो यह स्वीकार करना होगा कि गिल्ट से बचने के लिए आप इस तरह की आदतों में पड़े हैं।

इसी तरह, अपने बारे में नेगेटिव सेल्फ टॉक से बचें। यह भी संभव है कि अपराधबोध की वजह आपको आसानी से समझ ही न आए। ऐसे में, उसकी जड़ में जाना होगा और अगर ऐसा करना मुमकिन न हो, तो प्रोफेशनल सहायता लेने में देरी नहीं करनी चाहिए।

जानिए क्यों होता है गिल्ट

1.झूठ बोलने या सच अथवा किसी जानकारी को जानबूझकर छिपाने की वजह से पैदा होने वाला गिल्ट।
2.परिवार के साथ पर्याप्त समय नहीं बिताने, या परिजनों की पर्याप्त देखभाल नहीं करने के ख्याल से उत्पन्न दुःख।

3.परिजनों की जरूरत के समय उपलब्ध नहीं रहने जैसे ख्याल भी अपराधबोध का कारण बनते हैं।
दूसरों के साथ बुरा व्यवहार करने या उनके बारे में गलत सोचने पर।
4.जीवन के हालात या परिस्थितियों को लेकर या दूसरों की मृत्यु का खुद को जिम्मेदार ठहराना /
सहायता न कर पाने का अहसास।
5.कुछ हासिल न कर पाने का अहसास।
6.निजी जीवन की घटनाओं जैसे तलाक, ब्रेक अप, परिवार में किसी समस्या के लिए खुद को जिम्मेदार ठहराना।

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