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IPS वेद प्रकाश छत्तीसगढ़ में NIA की संभालेंगे जिम्मेदारी… 2009 बैच के इस अफसर के बारे में जानिये

रायपुर 28 अगस्त 2022। छत्तीसगढ़ में NIA की जिम्मेदारी IPS वेद प्रकाश सूर्या संभालेंगे। AGMUT कैडर के 2009 बैच के अफसर सूर्या इससे पहले दिल्ली में पोस्टेड थे। फरवरी 2022 तक वे उत्तर-पूर्वी दिल्ली के जिला पुलिस आयुक्त-DCP रहे हैं। वेदप्रकाश सूर्या के पिता भी पुलिस अधिकारी रहे हैं। वे दुर्ग-भिलाई में भी तैनात रहे हैं। इससे पहले IPS सूर्या की पोस्टिंग राष्ट्रपति भवन में उपायुक्त के रूप में भी रही थी। इसी साल वो NIA में प्रतिनियुक्ति पर गये हैं। इसकी वजह से सूर्या छत्तीसगढ़ के सामाजिक-राजनीतिक परिवेश से परिचित हैं। आपको बता दें कि कल ही गृहमंत्री अमित शाह ने NIA के नये भवन का उदघाटन किया था।

बता दें कि छत्तीसगढ़ मुख्यालय नवा रायपुर के सेक्टर 24 में केंद्रीय सचिवालय के पास NIA का नया भवन बना है। इसे केंद्रीय लोक निर्माण विभाग ने करीब 18 करोड़ रुपए की लागत से तैयार किया है। इस भवन में एजेंसी के सभी विभाग और शाखाओं के साथ डाटा बेस और सर्वर भी होगा। 2009 बैच के आईपीएस वेद प्रकाश सूर्या पूर्व में नार्थ ईस्ट जिले दिल्ली के डीसीपी रह चुके हैं।

NIA की कल ही गृहमंत्री ने थपथपायी थी पीठ

कल रायपुर में हेडक्वार्टर का उदघाटन करते हुए गृहमंत्री ने कहा था कि किसी भी जांच एजेंसी को अपनी साख बनाने में काफी लंबा वक्त लगता है। NIA को स्थापित हुए ज्यादा वक्त नहीं हुआ है, काफी कम समय में एनआईएए ने जांच के क्षेत्र में एक मानक स्थापित किया है। किसी भी जांच एजेंसी का मानक उसके कनवेक्शन रेट से तय होता है, एनआईए का दोष सिद्धी प्रतिशत 94% है, जो काफी अच्छा है। वो भी ऐसे केस में जहां साक्ष्य की काफी कमी होती है, कई केस तो देश के बाहर होते हैं, अपराधी देश के बाहर ही होता है, और अपराध करने वाले की मौके पर ही मौत होने की भी संभावना होती है, उन केस में एनआईए ने काफी अच्छा काम किया है। एनआईए ने अपने गठन को सार्थक किया है।गृहमंत्री ने कहा कि तीन साल में 18 राज्यों में NIA ने अपनी स्थिति मजबूत की है, वहां मुख्यालय खोले हैं।  2024 के पहले देश के सभी राज्यों में NIA का मुख्यालय होगा। वामपंथी उग्रवाल और आतंकवाद या उससे जुड़े अपराथ के लिए एनआईए को मजबूत करने की पूरी कोशिश हमारी सरकार ने की है । NIA के लिए तकनीकी पक्ष को और भी मजबूत किया जायेगा।गृहमंत्री ने वामपंथ उग्रवाद को लेकर भी मोदी सरकार की मंशा को बयां किया। अमित शाह ने कहा कि पहले देश में 120 जिले नक्सलवाद से प्रभावित थे, जो अब घटकर 46 जिलों में सिट गया है। उन्होंने कहा कि मौत जवानों की शहादत में 71 प्रतिशत की कमी हुई है। वहीं आत्मसमर्पण की घटनाओं में 140 प्रतिशत की बढ़ोत्तरी हुई है। गृहमंत्री ने कहा कि छत्तीसगढ़ में कुछ जिले अभी नक्सल प्रभावित है, जिसे जल्द ही नक्सलवाद से मुक्त कराया जायेगा।

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