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चैत्र नवरात्रि कल से, जानें कलश स्थापना मुहूर्त….पढ़े कैसे कर सकते है माता को प्रसन्न

रायपुर 8 अप्रैल 2024 चैत्र नवरात्रि 9 अप्रैल से शुरू होने जा रहे हैं और इसका समापन 17 अप्रैल को महानवमी के साथ होगा. चैत्र नवरात्रि मां दुर्गा को समर्पित है. कहते हैं कि इन पवित्र दिनों में देवी की विधिवत उपासना से मनचाहा वरदान पाया जा सकता है. इस साल चैत्र नवरात्रि में पूरे 9 दिन के व्रत रखे जाएंगे. इस दौरान 16 अप्रैल को महाष्टमी का कन्या पूजन होगा. और 17 अप्रैल को महानवमी पर कन्या पूजन के साथ नवरात्रि समाप्त हो जाएंगे. इस बार चैत्र नवरात्रि पर 30 वर्ष बाद एक बड़ा ही शुभ संयोग भी बनने वाला है. आइए आपको ये शुभ संयोग और घटस्थापना का मुहूर्त बताते हैं.

30 साल बाद शुभ संयोग (Chaitra Navratri 2024 Shubh yog)
ज्योतिष गणना के अनुसार, चैत्र नवरात्रि पर पूरे 30 साल बाद अमृत सिद्धि योग, सर्वार्थ सिद्धि योग, शश योग और अश्विनी नक्षत्र का अद्भुत संयोग बनने वाला है. इस दिन अमृत सिद्धि योग और सर्वार्थ सिद्धि योग सुबह 07 बजकर 32 मिनट से प्रारंभ होंगे और यह अगले दिन 19 अप्रैल को सुबह 05 बजकर 06 मिनट तक रहेंगे.

नवरात्रि के पहले दिन घटस्थापना शुभ मुहूर्त में ही करें. मिट्‌टी के पात्र में खेत की स्वच्छ मिट्‌टी डालकर उसमें 7 प्रकार के अनाज बोएं. ईशान कोण सफाई कर पूजा की चौकी रखें. उसपर लाल कपड़ा बिछाएं देवी की मूर्ति स्थापित करें. अब कलश में सिक्का, गंगाजल, सुपारी, अक्षत, दूर्वा डालकर उसपर आम के पत्ते लगाएं और जटा वाला नारियल रख दें और नारियल पर मौली बांधे. इसे चौकी पर स्थापित करें. जौ वाला पात्र चौकी पर रखें. अब गणपति, समस्त ग्रहों और मां दुर्गा का आव्हान करें.

चैत्र नवरात्रि के पहले दिन कुछ विशेष चीजें घर लाने से मां दुर्गा प्रसन्न होती है. घटस्थापना वाले दिन तुलसी का पौधा, श्रीयंत्र, श्रृंगार की सामग्री, शंखपुष्पी जड़, मोरपंख घर लाना बेहद शुभ माना जाता है. कहते हैं माता रानी सालभर भक्तों पर अपनी कृपा बरसाती हैं. संकटों से उनकी रक्षा करती हैं और धन के भंडार भरे रहते हैं.

चैत्र नवरात्रि 2024 पहले दिन का मुहूर्त

ब्रह्म मुहूर्त – सुबह 04.27 – सुबह 05.13
गोधूलि मुहूर्त – शाम 06.20 – शाम 06.43
अमृत काल मुहूर्त – रात 10.38 – प्रात: 12.04, 10 अप्रैल
निशिता मुहूर्त – रात 11.47 – प्रात: 12.33, 10 अप्रैल

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