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दुनिया से मलेरिया का होगा खात्मा, लैब में तैयार हुआ ‘सुपर मच्छर’, ये खत्म करेगा बीमारी

16 अगस्त 2023 जैसे ही  देश में बरसात और इसके बाद का मौसम आता है, वैसे ही मच्छरों को प्रकोप कुछ इस तरह से बढ़ जाता है कि आए दिन मलेरिया, डेंगू और चिकनगुनिया जैसी बीमारियों के किस्से सुनाई देने लगते हैं. जैसे-जैसे इंसान मच्छरों के बचने के तरीके इज़ाद करते है, ये भी उसे सर्वाइव करके की शक्ति विकसित कर लेते हैं. ऐसे में बड़ा सवाल ये है कि आखिर ये खत्म कैसे होंगे?

मलेरिया और डेंगू से मरने वालों की तादाद दुनिया भर में काफी ज्यादा है. डेली स्टार की रिपोर्ट के मुताबिक हर साल करीब 6 लाख लोग मलेरिया से मर जाते हैं. ऐसे में इन्हें खत्म करने के लिए यूके ऑक्सीटेक नाम की फर्क ने एक फुल प्रूफ प्लान तैयार किया है. उन्होंने जेनेटिक मॉडिफिकेशन से ऐसे मच्छर तैयार किए हैं, जो मलेरिया जैसी बीमारियां फैलाने वाली मादा मच्छरों के लिए काल हैं.

ऐसे करते हैं मलेरिया का खात्मा
जंगल में छोड़े गए ऑक्सिटेक के आनुवंशिक रूप से संशोधित नर जंगली मादाओं के साथ संबंध बनाते हैं और जीन ट्रांसफर कर देते हैं  फिर सभी मादा संतानें मर जाती हैं. नर मच्छर [जो काटते या बीमारी नहीं फैलाते]  जीवित रहते हैं और अन्य जंगली मादाओं के साथ संबंध बनाते हैं.

बिल गेट्स के अनुसार, इससे दुनिया में मच्छरों की आबादी और ‘मलेरिया का प्रसार’ प्रभावी रूप से कम हो जाएगा.  उन्होंने एक ऑनलाइन ब्लॉग में लिखा, ‘बिना किसी नकारात्मक प्रभाव’ के दुनिया भर में अब तक एक अरब से अधिक मच्छर छोड़े जा चुके हैं.

सुपर मच्छर से मनुष्य को कोई खतरा नहीं
परीक्षणों से यह भी पता चला है कि सुपर मच्छर से पर्यावरण या मनुष्यों को कोई खतरा नहीं है. ब्राजील में ब्रिटिश बजर्स डेंगू बुखार को खत्म करने में मदद कर रहे हैं. मच्छर से फैलने वाली एक ऐसी बीमारी जो प्रति वर्ष 40,000 लोगों की जान ले लेती है.

ऑक्सीटेक के रिसर्च से मालूम चला है कि सुपर नर मच्छर पर्यावरण और इंसान दोनों के लिए ही खतरा नहीं हैं. बिल गेट्स ने बताया कि अभी तक दुनियाभर में एक अरब नर मच्छरों को छोड़ा गया है. इनकी वजह से किसी भी तरह का नकारात्मक प्रभाव भी नहीं देखने को मिला है. गेट्स ने कहा कि ऑक्सीटेक ने जिन मच्छरों को तैयार किया है, वो मच्छरों की तादाद को कंट्रोल करने के लिए गेम-चेंजिंग हैं.  

मच्छरों को कहां छोड़ने का बन रहा प्लान?

ब्राजील में सुपर मच्छरों की वजह से डेंगू बुखार को खत्म करने में मदद मिल रही है. अगले साल इन मच्छरों को पूर्वी अफ्रीका के जिबूती में छोड़ा जाएगा, जहां हाल के सालों में मलेरिया के मामले बढ़े हैं. जिबूती में मलेरिया से संक्रमित लोगों की तादाद 7 फीसदी है. अफ्रीकी देश इथियोपिया, सूडान, सोमालिया, केन्या, नाइजीरिया और घाना जैसे मुल्कों की 12 करोड़ से ज्यादा की आबादी में मच्छरों को छोड़ा जाएगा.

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