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CG POLTICS-VIDEO – राजस्व मंत्री के आरोप पर उन्ही के पार्टी के विधायक ने उठाया सवाल ! मुख्यमंत्री भी गड़बड़ियों की बात से कर चूके है इंकार, उधर पूर्व गृहमंत्री ने राजस्व मंत्री को लेकर कहा…….

 

रायपुर 4 मार्च 2022 । यूपी चुनाव के रिजल्ट की उल्टी गिनती शुरू हो गयी है, ऐसे में एक बार फिर छत्तीसगढ़ की राजनीति गरमाने लगी है। आलम ये है कि प्रदेश के मंत्री अपने ही सरकार के प्रशासनिक अफसर पर भ्रष्टाचार के संगीन आरोप लगा रहे है, वो भी उस वक्त जब विपक्ष के आरोपो पर खुद सीएम ने क्लीन चीट देते हुए निष्पक्ष जांच की बात कही थी। ऐसे में अब मुख्यमंत्री के इस बयान के बाद राजस्व मंत्री के आरोप पर ना केवल विपक्ष बल्कि उन्ही के पार्टी के विधायक ने शासन-प्रशासन की बेहतर कार्य प्रणाली की दुहाई देते हुए मंत्री जी के आरोपो पर प्रश्न चिन्ह लगा दिया है।

 

गौरतलब है कि छत्तीसगढ़ के राजस्व मंत्री जयसिंह अग्रवाल और IAS-IPS अफसरो के बीच होता टशन कोई नयी बात नही है। दबंग नेता के रूप में खुद को प्रोजेक्ट करने वाले राजस्व मंत्री जयसिंह अग्रवाल ने पिछले दिनों कोरबा कलेक्टर के खिलाफ मोर्चा खोल दिया। निर्माणाधीन सड़क के लिए पैसे जारी नही किये जाने की बात से बिफरे मंत्री जी ने मीडिया के सामने कलेक्टर को सीधे तौर पर भ्रष्ट होने का गंभीर आरोप लगाते हुए सीएम से शिकायत करने की बात कह दी थी। राजस्व मंत्री के इस बयान पर अब उन्ही के पार्टी के तानाखार विधायक मोहितराम केरकेटटा ने सवाल खड़े कर दिये है।

एक ओर जहां राजस्व मंत्री कलेक्टर को भ्रष्ट और विकास कार्यो में बाधक बता रहे है, तो वही दूसरी तरफ कांग्रेस के तानाखार विधायक ने कोरबा कलेक्टर और एसपी की तारीफ करते हुए ये कह दिया कि मंत्री जी ने अपने विवेक से कैसे बोले……वो तो वही जानेगें, लेकिन मेरी नजर में यहां के कलेक्टर हो….एसपी हो.. सभी प्रशासनिक अधिकारी मुख्यमंत्री के विकास कार्यो का पूरा पूरा निर्वहन कर रहे है,और ईमानदारी से कर रहे है। मोहितराम केरकेटटा के इस बयान के बाद एक ओर जहां उन्ही के पार्टी के मंत्री के आरोप को लेकर अब चर्चाओं का दौर शुरू हो गया है, वही इस राजनीतिक बयानबाजी में पूर्व गृहमंत्री और बीजेपी के वरिष्ठ आदिवासी नेता ननकीराम कंवर ने भी राजस्व मंत्री पर गंभीर आरोप लगाये है। मंत्री के बयान पर पलटवार करते हुए ननकीराम कंवर ने उल्टे राजस्व मंत्री पर ही भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप लगाये है। ननकीराम कंवर नेे यहां तक कह दिया कि ऐसे व्यक्ति को मंत्री बनाये है, जिन पर खुद भ्रष्टाचार के आरोप है।

खैर इन सारी राजनीतिक बयानबाजी के बीच सबसे बड़ा सवाल यही है कि आखिर कौन सच और कौन झूठ बोल रहा है ?  कौन अपने निजी स्वार्थ के लिए विकास की राह पर रोड़ा अटका रहा है या फिर विकास के नाम पर कौन अपना निजी स्वार्थ सिद्ध कर रहा है ? ये तो जांच का विषय है, लेकिन हां पिछले एक सप्ताह में जिस तरह से कोरबा जिला प्रशासन और DMF को लेकर हुए शिकवा-शिकायत पर गौर करे, तो ये पूरा प्रकरण कही ना कही राजनीति षणयंत्र का ही हिस्सा नजर आता है। जिसके जरिये ना केवल जिला प्रशासन बल्कि शासन की मंशा पर भी सवाल खड़े करने की कोशिश की गयी है। ऐसे में अब ये देखने वाली बात होगी कि इस पूरे प्रकरण का समय रहते पटाक्षेत होता है, या फिर राजनीतिक प्रतिस्पर्धा में शासन-प्रशासन का और बटटा लगाया जायेगा, ये तो आने वाला वक्त ही बतायेगा।

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