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ज्ञानवापी तहखाने मामले में हाई कोर्ट पहुंचा मुस्लिम पक्ष, पूजा पर रोक लगाने की मांग…

वाराणसी1 फरवरी2024|ज्ञानवापी मामले में अंजुमन इंतजामिया मस्जिद कमेटी ने जिला न्यायाधीश के उस आदेश के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है, जिसमें हिंदू पक्ष को मस्जिद के सीलबंद तहखाने के अंदर पूजा करने की अनुमति दी गई थी. आजतक को मिली जानकारी के मुताबिक मस्जिद समिति ने कल रात शीर्ष अदालत के वेकेशन रजिस्ट्रार से संपर्क किया, और आदेश के 7 घंटे के अंदर वाराणसी प्रशासन द्वारा रातोंरात इसके कार्यान्वयन के कारण तत्काल सूचीबद्ध करने की मांग की. 

मुस्लिम पक्ष की कानूनी टीम में वकील फुजैल अय्यूबी, निजाम पाशा और आकांशा शामिल थे. उन्होंने गुरुवार सुबह 3 बजे सुप्रीम कोर्ट के वेकेशन रजिस्ट्रार से संपर्क किया और वाराणसी कोर्ट के आदेश पर रोक लगाने का अनुरोध किया ताकि वह कानूनी उपाय तलाश सके. रजिस्ट्रार ने सुबह 4 बजे भारत के मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ के सामने दस्तावेज रखे. कागजात देखने के बाद सीजेआई ने मुस्लिम पक्ष से किसी भी तरह की राहत के लिए मामले का उल्लेख इलाहाबाद हाई कोर्ट के के मुख्य न्यायाधीश के समक्ष करने को कहा. 

प्रशासन हिंदू याचिकाकर्ताओं के साथ मिला हुआ है: मस्जिद कमिटी

बता दें कि वाराणसी की अदालत ने स्थानीय प्रशासन से ज्ञानवापी परिसर के तहखाने में सात दिनों में पूजा बहाली की व्यवस्था करने का​ निर्देश दिया था. प्रशासन ने सात घंटे में ही सब काम पूरा कर दिया. सुप्रीम कोर्ट के समक्ष दायर पत्र के अनुसार, मस्जिद कमिटी ने कहा कि प्रशासन के पास इस कार्य को ‘जल्दबाजी’ और रात के अंधेरे में’ करने का कोई कारण नहीं था. क्योंकि ट्रायल कोर्ट द्वारा पारित आदेश उन्हें आवश्यक व्यवस्थाएं करने के लिए एक सप्ताह का समय  पहले ही दिया जा चुका था. मुस्लिम पक्ष ने आरोप लगाया कि प्रशासन हिंदू याचिकाकर्ताओं के साथ मिला हुआ है.

31 साल बाद कोर्ट के आदेश पर पूजा

बता दें, कोर्ट के आदेश के बाद बुधवार की देर रात ज्ञानवापी परिसर में व्यासजी के बेसमेंट में पूजा शुरू हो गयी। कोर्ट ने दोपहर में 31 साल बाद हिंदू पक्ष को पूजा की इजाजत दी थी। आज तड़के मंगला आरती भी हुई, पूजा के मद्देनजर परिसर की सुरक्षा बढ़ा दी गई है। आपको बता दें कि काशी विश्वनाथ मंदिर ट्रस्ट ने गणेश्वर शास्त्री द्रविड़ से पूजा करवाई। पूजा के समय मंदिर ट्रस्ट के पदेन अध्यक्ष के तौर पर मंदिर प्रशासन के पूर्व और वर्तमान सीईओ बनारस के कमिश्नर कौशल राज शर्मा भी मौजूद थे।

जानकारी के मुताबिक पूजा की विधि गणेश्वर शास्त्री द्रविड़ ने तय की थी। जिसके बाद व्यास जी के तलघर में विधि विधान से पूजा की गई। जिला जज ने अपने फैसले में पूजा कराने की जिम्मेदारी काशी विश्वनाथ ट्रस्ट को दी है, जिसका अनुपालन किया गया है।

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