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CG NEWS : चुनावी साल में पार्टी सभी वर्ग को साधने में जुटी….उधर एक मंत्री जी की दबंगई से अधिकारी परेशान,बंगले पर बुलाकर कर दिया……

रायपुर 2 मई 2023। छत्तीसगढ़ में चुनाव की उल्टी गिनती शुरू हो गयी हैं। आलय ये हैं कि राजनीतिक दल और राजनेता सभी वर्गो को साधने में लगे हुए हैं। लेकिन छत्तीसगढ़ सरकार के एक मंत्री ऐसे भी है, जिनकी दबंगई से अधिकारी और कर्मचारी त्रस्त हैं। ताजा मामला खनिज बाहुल्य जिले का हैं। जहां मंत्री जी ने राजस्व विभाग के एक अधिकारी को पहले तो बंगले पर तलब किया और फिर काम नही करने की बात कहकर जमकर नाराजगी जताते हुए गाली-गलौच तक कर दिया गया। ऐसे में नाराज अधिकारी कुछ करता उससे पहले ही मंत्री जी के करीबियों के द्वारा डैमेज कंट्रोल करने की जुगत लगायी जा रही हैं।

गौरतलब हैं कि छत्तीसगढ़ की भूपेश बघेल सरकार गांव,गरीब और किसानों के लिए जमीनी स्तर पर महत्वाकांक्षी योजनांए चला रही हैं। सूबे के मुखिया का स्पष्ट निर्देश हैं कि जन प्रतिनिधि क्षेत्र की जनता और अधिकारियों के साथ परस्पर समन्वय बनाकर शासन की योजनाओं को अंतिम व्यक्ति तक पहंुचाने की कोशिश करे। लेकिन प्रदेश सरकार में ऐसे भी राजनेता हैं, जो कि अपने पद और पाॅवर के नशे में ऐसे चूर हैं कि किसी को कुछ समझने को तैयार ही नही हैं। ताजा मामला खनिज बाहुल्य जिले का हैं। जहां सरकार के एक मंत्री के नजदीकी का कुछ काम राजस्व विभाग में अटका हुआ था,बात मंत्री जी के कानों तक पहुंची। फिर क्या था मंत्री जी ने तत्काल राजस्व विभाग के अफसर को बंगले पर तलब कर लिया। राजस्व विभाग का अधिकारी कुछ बता पाता उससे पहले ही मंत्री जी उस पर बिफर पड़े और सीधे बस्तर भिजवा देने की धमकी देते हुए सबके सामने जमकर फटकार लगाते हुए अपशब्द कह दिया।

मंत्री के दुर्व्यवहारऔर गाली-गलौच से नाराज अधिकारी ने उल्टे मंत्री जी को जवाब देने का प्रयास किया, तो मंत्री जी के गुस्से का पारा सांतवे आसमान पर पहुंच गया। बताया तो ये भी जा रहा हैं कि जब इस घटना से राजस्व विभाग का अधिकारी मंत्री के व्यवहार से नाराज होकर जाने लगा, तो मंत्री जी के शुभचिंतको द्वारा मामले को बिगड़ता देख डैमेज कंट्रोल करने का प्रयास किया गया। डर इस बात का था कि कहीं नाराज अधिकारी संगठन के साथ मोर्चा न खोल दे. लिहाजा अधिकारी को अब समझा-बुझाकर राजी करने का प्रयास किया जा रहा हैं, ताकि ये मामला तूल ना पकड़े। ऐसा नही हैं कि मंत्री जी की दबंगई का ये पहला मामला हो, इससे पहले भी सामूहिक रूप से अधिकारियों के साथ दुर्व्यवहार की कई घटनांए हो चुकी हैं। कुल मिलाकर देखा जाये, तो ऐसी घटनाओं पर समय रहते राजनेताओं के व्यवहार को लेकर सख्ती नही अपनायी गयी, तो इसका खामियाजा भी आने वाले समय में बड़ा हो सकता हैं।

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