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हाईकोर्ट : जमीन विवाद में आरोपी को अंतरिम जमानत के साथ तत्काल रिहा करने का भी आदेश….जानिये क्या था पूरा मामला

बिलासपुर 13 जनवरी 2023। हाईकोर्ट की डिवीजन बेंच ने गिरफ्तारी के एक मामले में अंतरिम जमानत के साथ-साथ तत्काल रिहा करने का भी आदेश दिया है। मामला रायगढ़ का है, जहां पुलिस के साथ सांठगांठ कर जमीन विवाद में एक युवक को जेल भेज दिया गया था। हाईकोर्ट में दायर याचिका पर जस्टिस संजय के. अग्रवाल और जस्टिस राकेश मोहन पांडेय की डिवीजन बेंच ने अंतरिम जमानत देते हुए तत्काल रिहा करने का आदेश दिया है।

दरअसल रायगढ़ के मकशीरो ने अपने पिता पीला राम की मौत के बाद ज़मीन के नामांतरण के लिए तहसील में आवेदन किया। तहसील से मकशीरो और उसकी बहनों के नाम जमीन चढ़ गया, इसके बाद मकशीरों ने एक आवेदन लगाया था, जिसमें उसने कहा था कि उसके पिता की ऋण पुस्तिका गुम हो गई और उसे डुप्लीकेट ऋण पुस्तिका उपलब्ध कराया जाए। इसे लेकर दो आपत्तियां, एक में अजीत मेहता ने कहा की पीला राम ने जमीन उसके नाम से कर दी है, वही अर्पित मेहता का दावा था कि मृतक पीला राम ने उसे जमीन लीज पर दे रखी है, जिसकी ओरिजन ऋण पुस्तिका उसके पास है।

इस पर सुनवाई करते हुए तहसीलदार ने मेहता पिता पुत्र की आपत्ति को ख़ारिज कर दिया और अजीत मेहता से ऋण पुस्तिका जमा करने का निर्देश दिया। इसके खिलाफ़ मेहता पिता पुत्र ने एसडीओ के समक्ष अपील किया वो भी ख़ारिज हो गया। इसके बाद मेहता पिता पुत्र ने कोतवाली पुलिस से मिलकर मकशीरो के खिलाफ़ रिपोर्ट दर्ज करवा दिया। जिसके बाद पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर जेल भेज दिया।

जिला न्यायालय से जमानत याचिका खारिज होने के बाद मकशीरों ने अपने अधिवक्ता हरि अग्रवाल के माध्यम से हाईकोर्ट में रिट याचिका लगाया, अधिवक्ता हरि अग्रवाल के तर्क पर सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट जस्टिस संजय के. अग्रवाल और जस्टिस राकेश मोहन पांडेय के डिवीजन बेंच ने जेल में बंद आदिवासी कैदी मकशीरों को अंतरिम जमानत देते हुए तत्काल रिहा करने का आदेश दिया है।

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