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NW न्यूज 24 स्पेशल : किसान पुत्र का क्रांतिकारी फैसला : समर्थन मूल्य पर दलहन खरीदी से किसानों की इस बार दीवाली हो गयी खास… 20 उपार्जन केंद्रों में शुरू हुई धान की खरीदी ..

रायपुर 17 अक्टूबर 2022। छत्तीसगढ़ में अब दलहन फसल की भी खरीदी हो रही है। कृषि क्षेत्र में ये एक क्रांतिकारी कदम कहा जा रहा है। ये सामान्य बात नहीं है कि राज्य सरकार धान के बाद अब दलहन फसलों को भी समर्थन मूल्य पर खरीद रही है, बल्कि इसके पीछे मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की दूरदर्शी सोच है। पहली बात तो यही कि दलहन की पैदावार करने वाले किसानों को अब बाजार के लिए भटकना नहीं पड़ेगा और दूसरी सबसे अहम बात ये कि पारंपरिक धान की खेती से इतर, राज्य के किसान अन्य फसलों को भी लगाने के प्रति प्रेरित होंगे। ये मिट्टी के पोषण के नजरिये से भी बेहतर है और पानी के बचाव की तरफ भी अहम कदम।

दरअसल प्रदेश की कमान संभालते ही मुख्यमंत्री ने किसानों को ना सिर्फ लाभकारी कृषि से जोड़ने की कवायद शुरू की, बल्कि पारंपरिक कृषि से हटकर, वैज्ञानिक कृषि को अपनाने की तरफ भी प्रेरित किया। मौसम की बेमानी की वजह से धान की साल में दो बार फसल ली नहीं जा सकती थी, लिहाजा मुख्यमंत्री ने धान के साथ-साथ अन्य फसलों की तरफ भी किसानों का रूझान बढ़ाने की पहल ली। जाहिर है, दलहन फसल की अगर खरीदी होती है तो इससे किसानों का ना सिर्फ बेहतर मुनाफा होगा, बल्कि धान के अलावे अन्य फसल को अपनाने की भी प्रेरणा मिलेगी। मुख्यमंत्री की ये पहल किसानों के बडे हित से जोड़कर देखी जा रही है। 17 अक्टूबर को मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने वर्चुअली प्रदेश के 20 उपार्जन केंद्रों में अरहर, मूंग एवं उड़द की फसल की समर्थन मूल्य में खरीदी की शुरूआत की।

दलहन की समर्थन मूल्य पर खरीदी आय का बड़ा श्रोत बनेगा

समर्थन मूल्य पर खरादी की शुरूआत करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि समर्थन मूल्य पर खरीदी से किसानों की आय बढ़ेगी। किसानों के पास अब विकल्प होगा कि उन्हें जहां ज्यादा मूल्य मिलेगा वहां वे अरहर, मूंग एवं उड़द की फसल बेच सकेंगे। छत्तीसगढ़ राज्य सहकारी विपणन संघ मर्यादित (मार्कफेड) के माध्यम से अरहर एवं उड़द की फसल न्यूनतम समर्थन मूल्य 6600 रूपए प्रति क्विंटल और मूंग फसल की फसल 7755 रूपए प्रति क्विंटल की दर से खरीदी की जायेगी।किसानों की सुविधा को देखते हुए राज्य में 20 उपार्जन केंद्र बनाए गए हैं। इस वर्ष उड़द और मूंग का उपार्जन 17 अक्टूबर 2022 से 16 दिसम्बर 2022 तक और अरहर का उपार्जन आगामी वर्ष में 13 मार्च 2023 से 12 मई 2023 तक की अवधि में किया जाएगा। इस योजना के अंतर्गत शासन द्वारा पंजीकृत किसानों से अरहर 4 क्विंटल., मूंग 2 क्विंटल. एवं उड़द 3 क्विंटल. प्रति एकड़ की दर से समर्थन मूल्य में खरीदी की जाएगी।

मध्यप्रदेश से ज्यादा मूल्य दे रही छग सरकार

राज्य में उड़द, मूंग की फसल के प्रति किसानों को प्राेत्साहित करने के लिए छग सरकार मप्र सरका से ज्यादा समर्थन मूल्य दे रही है। मप्र में मूंग का 7275 रुपये प्रति क्विंटल और उड़द का न्यूनतम समर्थन मूल्य 6300 रुपए प्रति क्विंटल निर्धारित किया गया है। वहीं छत्तीसगढ़ में मूंग का समर्थन मूल्य 7755 रुपए क्विंटल और उड़द का 6600 रुपए क्विंटल िनर्धारित किया गया है। इससे भी किसान बेचने आगे आएंगे।बिचौलिए किसानों से काफी कम दाम में उड़द, मूंग व अरहर खरीदते हैं। उड़द 3500-4000 रुपए प्रति क्विंटल, मंूग 4500 से 5000 रुपए प्रति क्विंटल में खरीदी की जाती है। वहीं अरहर 5000-5500 रुपए प्रति क्विंटल में खरीदी होती है। जो शासन के समर्थन मूल्य से काफी कम है।

किसानों को होगा इसका सीधा लाभ

दीवाली से पहले लिए गए सरकार के इस निर्णय से प्रदेश में अरहर, मूंग एवं उड़द की फसलों की बुआई करने वाले किसानों को प्रत्यक्ष लाभ पहुंचेगा। योजना का लाभ लेने के लिए इन फसलों की बुआई करने वाले किसान अपने क्षेत्र के ग्रामीण कृषि विस्तार अधिकारियों से सेवा सहकारी समितियो में आवेदन पत्र के साथ ऋण पुस्तिका के साथ बी-प्, पी-प्प्, आधारकार्ड एवं बैंक पासबुक की छायाप्रति जमा कर आनलाइन पोर्टल पर पंजीयन करवा सकते हैं, पंजीयन अभी जारी है, जिसकी अंतिम तिथि 31 अक्टूबर 2022 है।

बड़े पैमाने पर दलहन फसलों का होता है उत्पादन

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की तरफ से छत्तीसगढ़ के किसानों को वैज्ञानिक एवं आधुनिक कृषि की ओर अग्रसर करने की दिशा में मजबूत कदम उठाए जा रहे हैं। इसके लिए राज्य सरकार द्वारा लगातार किसान हितैषी योजनाओं का संचालन जमीनी स्तर पर किया जा रहा है। छत्तीसगढ़ में उड़द, मूंग एवं अरहर की फसलें भी अच्छी मात्रा में होती हैं, राज्य के जशपुर, सरगुजा, गरियाबंद, रायगढ़, कोंडागांव के क्षेत्रों में 122.01 हेक्टेयर में उड़द, जांजगीर, रायगढ़, कबीरधाम, कोंडागांव, जशपुर के क्षेत्रों में 16.34 हेक्टेयर में मूंग और कबीरधाम, जशपुर, बलरामपुर, राजनांदगांव, सरगुजा के क्षेत्रों में 120.31 हेक्टेयर में अरहर की फसल का उत्पादन किया जाता है।

20 उपार्जन केंद्र में होगी खरीदी

प्रदेश के कुल 20 उपार्जन केंद्रों में खरीदी की जाएगी। किसानों से समर्थन मूल्य पर मूंग, उड़द और अरहर की खरीदी के लिए सुविधाजनक क्रय व्यवस्था बनाने हेतु बलौदाबाजार जिले के बिलाईगढ़, गरियाबंद, महासमुंद जिले के बसना, दुर्ग, बेमेतरा जिले के थान खम्हरिया, कबीरधाम जिले के पंडरिया, राजनांदगांव, मुंगेली, गौरेला-पेंड्रा-मरवाही जिले के मरवाही, जांजगीर जिले के बोड़ासागर, कोरबा, बलरामपुर जिले के राजपुर, सूरजपुर, सरगुजा जिले के अम्बिकापुर, जशपुर जिले के बगीचा, कोरिया जिले के मनेन्द्रगढ़, कोंडागांव, कांकेर, रायगढ़ जिले के लोहारसिंह-2, नारायणपुर में उपार्जन एवं भंडारण केंद्र बनाए गए हैं।

दलहन की फसल को राज्य सरकार दे रही है प्रोत्साहन

प्रदेश के कृषि मंत्री रविन्द्र चौबे ने कहा है कि छत्तीसगढ़ में दलहन फसलों के उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए दलहन उगाने वाले किसानों को विशेष प्रोत्साहन दिया जा रहा है जिसके तहत धान की जगह दलहन उत्पादन करने वाले किसानों को प्रति एकड़ नौ हजार रूपये का अनुदान दिया जा रहा है।राज्य सरकार के प्रयासों से पिछले वर्षाें में राज्य में दलहन के रकबे एवं उत्पादन बढ़ोतरी हुई है और आज 11 लाख हेक्टेयर क्षेत्रफल में दलहन फसलों की खेती की जा रही है जिसके आगामी दो वर्षों में बढ़कर 15 लाख हेक्टेयर होने की उम्मीद है। उन्होंने छत्तीसगढ़ के किसानों से ज्यादा से ज्यादा रकबे में दलहनी फसलें उगाने का आव्हान किया।

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