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नए संसद भवन में रखा जाएगा सेंगोल, पढ़िए इसका इतिहास और महत्व

नई दिल्ली 24 मई 2023 । 28 मई को भारत के नए संसद का उद्घाटन किया जाएगा। इससे पहले गृहमंत्री अमित शाह ने बुधवार सुबह प्रेस कॉन्फ्रेंस की। शाह ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि पीएम मोदी 60 हजार श्रमिकों का सम्मान करेंगे।

भारत के नए संसद भवन को लेकर सियासी संग्राम जारी है। हालांकि, केंद्र सरकार इस समारोह को भव्य बनाने में जुटी हुई है, लेकिन विपक्षी दल इस उद्घाटन समारोह का विरोध कर रहे हैं। इस बीच केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने बताया कि 28 मई को नए संसद भवन का उद्घाटन होगा और इस दौरान ‘सेंगोल’ को स्थापित किया जाएगा।

सेंगोल हमारे इतिहास की पहचान
अमित शाह ने बताया कि एतिहासिक सेंगोल का इस्तेमाल पंडित जवाहरलाल नेहरू ने भी 14 अगस्त 1947 को किया था। अंग्रेजों ने सत्ता भारत को सौंपते हुए सेंगोल का उपयोग किया था। सेंगोल एक तमिल शब्द है, जिसका अर्थ है धन से भरा हुआ। सेंगोल के पीछे युगों पुरानी एक परंपरा जुड़ी हुई है। सेंगोल हमारे इतिहास की पहचान है। पीएम मोदी को जब इसके बारे में पता चला तो इसकी जांच की गई। इसके बाद तय किया गया कि नए संसद के उद्धाटन के दौरान सेंगोल देश के सामने रखा जाएगा।

इसके बाद नेहरू ने सी राजा गोपालचारी से राय ली। उन्होंने सेंगोल के बारे में जवाहर लाल नेहरू को जानकारी दी। इसके बाद सेंगोल को तमिलनाडु से मंगाया गया और ‘राजदंड’ सेंगोल सत्ता के हस्तांतरण का प्रतीक बना था।

1- सेंगोल क्या है?

  • सेंगोल दंडनुमा आकृति का राजदंड होता है. यह राजा की राज-शक्ति का प्रतीक चिन्ह है. सेंगोल को सही मायनों में भारतीय हाथों में सत्ता के हस्तांतरण का एक उत्तम उदाहरण माना जाता है. भारत में सबसे पहले चोल शासन के वक्त एक शासक से दूसरे शासक को सत्ता के हस्तांतरण के वक्त इसका इस्तेमाल होता था. सेंगोल नए शासक को न्यायपू्र्ण शासन करने की याद दिलाता है.

2- सेंगोल की लंबाई कितनी है?-
जवाहरलाल नेहरू को जो सेंगोल सौंपा गया था, उसकी लंबाई 5 फीट है. वहीं सेंगोल अब पीएम मोदी को सौंपा जाएगा.
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3- किस मेटल से बना है सेंगोल?

  • सेंगोल चांदी का बनाया गया था. इस पर सोने की परत चढ़ाई गई थी. उस वक्त अलग अलग कारीगरों ने इस पर काम किया था.

4- किसने इसे बनावाया और किसने इसे बनाया था ?

  • आधीनम द्वारा दिए गए विशेष आदेश के बाद इसे बनवाया गया था. मद्रास के स्वर्णकार वुम्मिडि बंगारू चेट्टी ने इसे हस्तशिल्प कारीगरी द्वारा बनवाया था. इस अद्भुत कलाकृति के शीर्ष पर नंदी की सुंदर छटा देखते ही बनती है.

5- क्यों बनवाया गया था सेंगोल?

  • अगस्त 1947 में सत्ता के हस्तांतरण का दिन पास आ रहा था, तब लॉर्ड माउंट बेटन ने पंडित नेहरू से पूछा कि सत्ता हस्तांतरण के दौरान क्या आयोजन होना चाहिए? नेहरूजी ने सी राजगोपालाचारी से परामर्श किया. वे देश के इतिहास व संस्कृति की गहरी जानकारी रखते थे. तब उन्होंने चोल राजाओं द्वारा इस अवसर पर अपनाए जाने वाली विधि और अनुष्ठान के बारे में बताया. इसके बाद फैसला हुआ कि नेहरू को सेंगोल सौंपा जाएगा. इसके बाद राजगोपालाचारी ने अगस्त 1947 में भारतीय स्वतंत्रता को चिन्हित करने के लिए इसे बनवाने का फैसला किया.

6- नेहरू को कब सौंपा गया था सेंगोल?

  • 14 अगस्त, 1947 को पंडित जवाहरलाल नेहरू को सेंगोल सौंपा गया था. उस वक्त आधीनम पुरोहितों ने खास गीत का गायन किया था. इस प्रकार मंगल कामना के साथ सत्ता का हस्तांतरण हुआ था.

7- नेहरू को किसने सौंपा था सेंगोल?

  • जवाहर लाल नेहरू ने थिरूवावदुथुरई आधीनम् के महंत से सेंगोल को स्वीकार किया था.

8- कौन थे अधीनम?

  • आधीनम शैव परंपरा के गैर-ब्राह्मण अनुयायी थे और पांच सौ साल प्राचीन थे. चोल वंश में सत्ता के हस्तातंरण के वक्त सेंगोल को सौंपा जाता था. इससे पहले इसे धर्मगुरूओं द्वारा विशेष अनुष्ठान से पवित्र किया जाता था. आजादी के बाद राजगोपालाचारी ने तमिलनाडु स्थित थिरुवावदुथुरई आधीनम के प्रमुख से भारतीय हाथों में सत्ता के हस्तांतरण के लिए इसी अनुष्ठान को करने का अनुरोध किया था. आधीनम ने इस कार्य को संपन्न करने के लिए अगस्त 1947 में कुछ लोगों के एक विशिष्ट समूह को दिल्ली भेजा था.

9- कैसे दोबारा चर्चा में आया सेंगोल?

  • 15 अगस्त, 1947 के बाद सेंगोल नजर नहीं आया. बताया जाता है कि इसे इलाहाबाद के संग्रहालय में रखा गया था. 15 अगस्त, 1978 को कांची मठ के चंद्रशेखरेंद्र सरस्वती ने एक संवाद में इस घटना को याद किया. उन्होंने डॉक्टर बी आर सुब्रमण्यम से इसकी चर्चा की. सुब्रमण्यम ने इस चर्चा को अपनी किताब में भी जगह दी. इस संस्मरण को विभिन्न तमिल मीडिया में वरीयता दी गई. इसके बाद सेंगोल चर्चा में आ गया.

10- कहां लगाया जाएगा सेंगोल?

  • सेंगोल को नए संसद भवन में स्थापित किया जाएगा. इसे तमिलनाडु से आए अधीनम पीएम मोदी को सौंपेंगे. इसके बाद इसे स्पीकर की कुर्सी के पास रख दिया जाएगा

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