बिग ब्रेकिंगहेडलाइन

बच्चे ने बताया घूसखोर अफसर के काले खजाने का पता…..5 बोरियों में बंद थे 4 करोड़ से ज्यादा कैश…नोट गिनते-गिनते मशीनें भी थक गयी

पटना 28 जून 2022। ड्रग इंस्पेक्टर के बाद कुबेर का खजाना देखकर अफसरों की आंखे भी चुंधिया गयी। करोड़ों रुपये कैश, 70 लाख की ज्वेलरी, डेढ़ करोड़ का जमीन जायदाद और कारों का काफिला…इतनी संपत्ति देख छापा मारने आयी निगरानी विभाग की टीम भी दंग रह गयी। हालांकि घूसखोर के खजाने तक पहुंचने का रास्ता आसान नहीं था। परिवार के बच्चे की मदद टीम ने ली, तब जाकर खजाने तक टीम पहुंच गयी। परिवार के ही एक बच्चे ने बताया कि पैसा कहां छुपाकर रखा गया है।

ड्रग इंस्पेक्टर जितेंद्र कुमार 2011 में नौकरी में आये थे और 12 साल से ज्यादा की नौकरी में करोड़ों की अवैध संपत्ति जमा कर ली। वह जहानाबाद जिले के घोषी थाना क्षेत्र के दरियापुर गांव के मूल निवासी हैं। परंतु अवैध कमाई की बदौलत पटना, गया समेत अन्य कई शहरों में जमीन के प्लॉट, मकान और फ्लैट खरीद ली है। चार करोड़ से ज्यादा कैश घर में मिले, जो एक रिकॉर्ड ही है। जितेंद्र कुमार के घर में मौजूद आधा दर्जन से अधिक गोदरेज की आलमारी को खोला गया, तो इनमें रखे बड़े-बड़े झोलों में 500 एवं दो हजार के नोटों की गड्डियां मिलीं। सभी झोलों में रखे नोटों को निकालकर जब गिनने का सिलसिला शुरू हुआ, तो निगरानी ब्यूरो के कर्मी परेशान हो गये। मदद के लिए नोट गिनने की दो मशीन के साथ दो बैंककर्मियों को बुलाना पड़ा।

जितेंद्र कुमार मूल रूप से जहानाबाद जिले के घोसी थाना क्षेत्र के दरियापुर गांव के मूल निवासी हैं. काली कमाई की बदौलत उन्होंने पटना के अलावा गया समेत कई अन्य शहरों में प्लॉट, मकान और फ्लैट खरीदे हैं. ड्रग इंस्पेक्टर के आवास से चार करोड़ रुपये से ज्यादा की बरामदगी की गई है जो एक रिकॉर्ड है. जितेंद्र कुमार के खिलाफ निगरानी अन्वेषण ब्यूरो ने अभी तक 1.59 करोड़ से ज्यादा की आय से अधिक संपत्ति का केस दर्ज किया था. लेकिन जांच में इतनी ज्यादा अवैध संपत्ति मिलना, खास कर ज्वेलरी के कारण इसकी संख्या में बढ़ोतरी होना तय है. सबसे बड़ी बात यह है कि छापेमारी में पटना के संदलपुर में मातृछाया अपार्टमेंट में फ्लैट नंबर 301 के कागजात भी मिले हैं. इससे पता चलता है कि उन्होंने अपनी काली कमाई को छिपाने के लिए दूसरे के नाम से भी संपत्ति खरीद रखी है.

ड्रग इंस्पेक्टर जितेंद्र कुमार के खिलाफ केस दर्ज हो सकता है और बेनामी एक्ट में  कार्रवाई की जा सकती है. जितेंद्र कुमार के घर में मौजूद आधा दर्जन से अधिक गोदरेज की अलमारियों को जब खोला गया तो उसमें रखे बड़े-बड़े झोलों में 500 और 2000 के अलावा 200 और 100 रुपये के नोटों की गड्डियां मिलीं हैं. सभी झोलों में रखे गए नोटों को निकाल कर जब निगरानी अन्वेषण ब्यूरो के अधिकारियों ने गिनना शुरू किया तो नोटों का अंबार देख कर वो परेशान हो गये. इसके बाद नोट गिनने की दो मशीनें काम पर लगाई गई तब जाकर छह घंटे से भी अधिक समय के बाद 4.11 करोड़ रुपये की राशि को गिना जा सका.

Back to top button