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गजब की हिमाकत..दबंग मंडी निरीक्षक के तेवर तो देखिये..मंडी नियम के जानकारी में तमतमा गए साहब…अधिकारियों के सांठगांठ से किसानों का हो रहा शोषण…किसान हितैषी भूपेश सरकार की छवि हो रही धूमिल…!

मुंगेली 16 मार्च 2023 छत्तीसगढ़ में भूपेश सरकार द्वारा किसानों की जीवन चर्या में बदलाव लाने ,उनकी आर्थिक स्थिति सुधारने कई योजनाएं संचालित की जा रही है,जिसका सीधा लाभ किसानों को मिलता है,एक तरफ सरकार के नुमाइंदे जहां किसान हितैषी बताने में कोई कसर नही छोड़ रहे है तो वही मुंगेली जिले में किसान से जुड़े विभाग के अधिकारी ही भूपेश सरकार के मेहनत में पलीता लगाने व पानी फेरने में कोई कसर ही नही छोड़ रहे है,मामला जिला मुख्यालय स्थित कृषि उपज मंडी का है,जहां अपनी मेहनत का उपज लेकर मंडी पहुँचे किसानों को कई तरह की समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है,आलम ये है कि यहाँ किसानों के लिए न तो उचित पानी का इंतजाम है और न ही प्रसाधन की कोई व्यवस्था है,ताज्जुब की बात तो यह है कि यहाँ पहुँचे किसानों को उपज की नीलामी के वक्त न तो कर्मचारियों के द्वारा उपज की कीमत की जानकारी दी जाती है और न ही समर्थन मूल्य से संबंधित बोर्ड पर कोई जानकारी चस्पा किया गया है…

किसानों का आरोप यह भी है कि जब किसी किसान के द्वारा यहाँ की अव्यवस्था को लेकर जब मंडी सचिव केशव प्रसाद सचिव से पूछा गया तब उन्हें खुद ही यह नही मालूम था कि रेट सूची मंडी में लगता है या नही इस दौरान वे बगल झांकते हुए अपने अधीनस्थ कर्मचारी से ऑन कैमरा ही पूछने लगे कि रेट लिस्ट लगता भी है कि नही…वही मीडिया के सवालों से तमतमाये मंडी निरीक्षक लक्ष्मी प्रसाद सोनी इस बीच आये और यह कहते हुए तमतमाने लगे कि यहाँ सब कुछ ऑल इज वेल है जो छापना हो छाप लेना..!

मंडी नियमो की उड़ी धज्जी…सचिव महोदय डेढ़ वर्ष में नही टांग पाए रेट लिस्ट…
मुंगेली के आदर्श कृषि मंडी में मंडी नियमो की खुलेआम धज्जियां उड़ाई जा रही है जिसके वजह से किसानों के साथ अन्याय किया जा रहा है किसानों का दर्द सुनने के लिए यहां अब कोई नही रहा..बेबस किसान अपनी समस्या सुनाए तो सुनाए भी किसे यहां के अधिकारी व कर्मचारियों की सांठगांठ की वजह से ही व्यापारी मनमानी तरीके से किसानों के अनाज की खरीदी कर रहे है…मेहनत के अनुरूप किसानो को प्रतिफल नही मिल पा रहा है…यहां नियम के अनुसार रोजाना अनाज के न्यूनतम व अधिकतम मूल्य आसपास के जिलों के साथ दर्ज करने की अनिवार्यता है जिससे यहां किसानों को मंडी द्वारा निर्धारित मूल्यों की जानकारी हो सके पर कृषि आदर्श मंडी मुंगेली के सचिव महोदय खुद गैर जिम्मेदार तरीके से जवाब दे रहे है महोदय का कहना है कि जब से वो मुंगेली में पदस्थ हुए है तब से अब तक वो रेट लिस्ट लगवाते ही नही लेकिन खरीदी सुचारू रूप से चल रही है…

जरा सोचिए अगर किसान को निर्धारित मूल्य मालूम ही नही तो वो बेचेंगे क्या…30 किमी की दूरी से आए हुए किसान देवेंद्र जांगड़े अनंतपुर से सुबह से मंडी आए है और अपना दर्द बताते हुए कहते है कि रेट लिस्ट की जानकारी ना होने से उनको अपने अनाज पानी के भाव मे बेचना पड़ रहा है…यहां सरकार भले ही किसानों की हित वाली कही जाती है लेकिन सरकारी नुमांइदे ही उन्ही किसानों का शोषण करने में नही चूकते..

एक तरफ जहां मंडी सचिव महोदय अपने पदस्थापना के बाद से आज तक रेट लिस्ट चस्पा न होने की बात स्वीकार करते हैं तो वहीं दूसरी तरफ कृषि मंडी के निरीक्षक खरीदी स्थान पर तमतमाते उत्तेजित होते हुए समर्थन मूल्य यहां रेट लिस्ट वहां कहते हिला हवाला देते नज़र आए साथ ही दबंगई के साथ पत्रकारों के कैमरे को छिनने की कोशिश की इससे यह बात स्पष्ट होती है कि ज़िम्मेदार अपनी ज़िम्मेदारियो का किस प्रकार निर्वहन कर रहे हैं जिन्हें न अपने प्रशासनिक उच्च अधिकारियों व शाशन का कोई ख़ौफ़ है न ही कर्तव्य पालन का एहसास ।

बता दे कि विगत 15 वर्षों से एक ही जगह पर पदस्थ हैं मंडी निरीक्षक जिनकी मनमानी व दबंगई के आगे भोले भाले कृषकों की फरियाद आज भी नहीं सुनी जा रही।

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