ब्यूरोक्रेट्स

कारोना काल में IPS संतोष सिंह के कामों को भारत सरकार ने भी सराहा…. BPR&D की डिजिटल मैग्जीन “पुलिस और सेवा: पुलिसिंग द पैडमिक” में दी जगह

रायगढ़ 4 दिसंबर 2021। कोरोना काल में IPS संतोष सिंह के बेहतरीन कामों को भारत सरकार ने भी सराहा है। रायगढ़ SP रहते संतोष सिंह के कामों को केंद्रीय गृह मंत्रालय के पुलिस अनुसंधान एवं विकास ब्यूरो  (BPR&D) ने डिजिटल मैग्जीन में जगह दी है। दरअसल BPR&D ने देश भर में पुलिस के कोरोना काल में सेवा और समर्पण के साथ किये गये उल्लेखनीय कामों को एक डिजिटल मैग्जीन “पुलिस और सेवा: पुलिसिंग द पैडमिक” प्रकाशित की है। इस डिजिडल मैग्जीन में रायगढ़ एसपी रहते संतोष सिंह को देश के उन चुनिंदा पुलिसकर्मियों के साथ शामिल किया गया है, जिन्होंने उस महामारी के दौर में उल्लेखनीय काम किया है।

मैग्जीन देखने इस लिंक पर क्लिक करें

दरअसल जिस वक्त कोरोना का दौर चरम पर था, उस दौरान संतोष सिंह रायगढ़ के पुलिस कप्तान थे। वो प्रदेश के चुनिंदा अफसरों में थे, जिन्होंने जान की परवाह किये बगैर, ना सिर्फ लोगों के बीच कोरोना वारियर्स बनकर खुद मदद के लिए हाथ बढ़ाया, बल्कि भोजन से लेकर दवा तक की व्यवस्था की। वो कोरोना काल में पूरे वक्त पर फील्ड पर रहे और लोगों की मदद में जुटे रहे।

इस दौरान संतोष सिह ने एक दिन में 12.37 लाख मास्क वितरित कर विश्व रिकार्ड भी बनाया, जिसे देश भर में खूब तारीफ मिली। उन्होंने इस दौरान एक हेल्प डेस्क और अपने नंबर भी सार्वजनिक किये थे, ताकि जरूरतमंद सीधे उनसे संपर्क कर सकें। इस पहल से हजारों लोगों को तत्काल मदद मुहैय्या करायी गयी। रायगढ़ एसपी रहते उन्होंने जो पुलिस हेल्प डेस्क बनाया था, वो तो कई कोरोना प्रभावित परिवारों के लिए वरदान बन गया। कई परिवार जो लॉकाडाउन या फिर कोरोना पॉजेटिव होने की वजह से घरों से निकल नहीं पा रहे थे, उन्हें IPS संतोष सिंह की पहल पर घर जाकर राशन, दूध, दवा मुहैय्या करायी गयी।

कमाल की बात ये रही कि कोरोना काल के दौरान कई-कई दिनों तक आईपीएस संतोष सिंह अपने घर भी नहीं जाते थे। पत्नी और बच्चों से बातें भी वो करीब 20 मीटर दूर से ही करते और फिर वापस लौट जाते। अपने परिवार की परवाह किये बगैर लोगों की सेवा में समर्पित रहे संतोष सिंह को तब भी खूब सराहना मिली थी और अब उनके रायगढ़ एसपी से हटने के बाद भारत सरकार ने उनके योगदान को याद किया है।

Back to top button