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“वरिष्ठता प्रभावित शिक्षकों के प्रकरण का होगा निराकरण” प्रभावित शिक्षकों का प्रतिनिधिमंडल शिक्षा मंत्री से मिला, शिक्षा मंत्री के आश्वासन ने बढ़ायी आस

रायपुर 8 जनवरी 2024। वरिष्ठता प्रभावित शिक्षकों ने आज शिक्षा मंत्री बृजमोहन अग्रवाल से मुलाकात की। इस दौरान मंत्री बृजमोहन अग्रवाल ने प्रभावित शिक्षकों को आश्वस्त किया कि उनकी शिकायतों का परीक्षण कराया जायेगा और समस्याओं को दूर किया जायेगा। शिक्षा मंत्री कै सकारात्मक आश्वासन के बाद वरिष्ठता प्रभावित शिक्षकों की उम्मीदें बढ़ गयी है। इससे पहले सोमवार को छत्तीसगढ़ राज्य स्तरीय शिक्षक संघ के प्रतिनिधि मंडल के सदस्यों द्वारा प्रदेश अध्यक्ष अनिल कुमार टोप्पो के नेतृत्व में शिक्षा मंत्री बृजमोहन अग्रवाल जी से उनके निज निवास में सौजन्य मुलाकात कर बधाई और शुभकामनाएं ज्ञापित की गई।

पंचायत व शिक्षा विभाग दोनों में वरिष्ठता निर्धारण हेतु सामान्य प्रशासन विभाग के नियम 1961 के संशोधित नियम 1998 के कंडिका 12 (2) ख में स्थानांतरित कर्मचारियों के वरिष्ठता निर्धारण की जानकारी सूचना के अधिकार के तहत प्राप्त हुआ है लेकिन इसके बाद भी वरिष्ठ शिक्षकों को नजरअंदाज कर कनिष्ठ शिक्षकों को लगातार पदोन्नति दी जा रही है से मंत्री महोदय को अवगत कराया गया। साथ ही राज्य में वरिष्ठता प्रभावित शिक्षकों की समस्या को लेकर ज्ञापन सौंपते हुए आवश्यक चर्चाएं की गई। चर्चा के दौरान शिक्षा मंत्री ने गंभीरता से बातों को सुनते हुए कहा गया कि आपकी मांगों को विभागीय अधिकारियों से परीक्षण कराकर उचित कार्यवाही करने कहा जाएगा ।

आज के इस मुलाकात में प्रदेश के लगभग 25000 से अधिक स्थानांतरण के कारण वरिष्ठता प्रभावित शिक्षकों में वर्तमान सरकार से उम्मीद की एक नई किरण जगी है। अपनी खोई हुई वरिष्ठता प्राप्त करने हेतु संगठन के द्वारा विगत शासन के समक्ष भी अपनी समस्याओं को बारम्बार रखा गया। लेकिन शासन की ओर से ठोस निर्णय न लिए जाने के कारण प्रदेश के इन हजारों वरिष्ठ शिक्षकों को न्याय नहीं मिल सका। चर्चा के दौरान प्रदेश अध्यक्ष द्वारा बताया गया कि पंचायत संवर्ग के शिक्षकों का संविलियन 2018 में शासनादेश के अनुरूप किया गया जिसमें मुख्य रूप से संविलियन हेतु शर्त यह थी जिनकी सेवाएं पंचायत संवर्ग में 8 वर्ष या उससे अधिक हुई है उनका संविलियन किया जाए।

अर्थात पंचायत संवर्ग में नियुक्त शिक्षकों का संविलियन सेवा के आधार पर नियुक्ति तिथि के क्रम में किया जाना था। लेकिन निर्देशों में स्पष्टता के अभाव के कारण पंचायत की धारित वरिष्ठता को ही शिक्षा विभाग में सौंप दिया गया। परिणाम यह हुआ कि पंचायत सेवा काल के दौरान स्थानांतरित शिक्षकों की वरिष्ठता की गणना संबंधित निकाय में कार्यभार ग्रहण तिथि से की गई। जिसके कारण वरिष्ठ शिक्षक कनिष्ठ हो गए और कनिष्ठ शिक्षक वरिष्ठ होकर पदोन्नत हो रहे हैं। जिससे शासन के ऊपर अनावश्यक वित्तीय भार भी बढ़ा है।

संविलियन निर्देशों में उल्लेखित वरिष्ठता निर्धारण से संबंधित सारे बिंदुओं का अक्षरशः पालन नहीं हुआ। जिसमें मुख्य रूप से संविलियन निर्देश01, 07 व 11 के कई बिंदु साथ ही नियोक्ता का प्रमाण पत्र में दी गई शर्तें शामिल है। प्रदेश अध्यक्ष अनिल टोप्पो के साथ संगठन के प्रदेश महासचिव के.के. साहू, प्रदेश उपाध्यक्ष ईश्वर बिषी, जिला अध्यक्ष बिलासपुर आलोक पाल, अमिताभ शर्मा, दिनेश घोषले, महादेव साहू, नरेन्द्र तिवारी, मनोज यादव, श्रवण कुमार साहू, जिला अध्यक्ष सरगुजा अशोक कुमार नायक, जिला अध्यक्ष बस्तर संकेत कुमार शुक्ला, बलरामपुर से सावित्री सिंह, गजेश्वर साहू, केश्वरलाल, राजनाथ, कुशल चौहान, कंवर सर सहित कई सदस्य उपस्थित रहे।

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