बिग ब्रेकिंग

शर्मनाक है ये VIDEO :….बुजुर्ग किसान तड़पते-तड़पते मर गया…….और प्रदर्शनकारी चिल्लाते रहे… मीडिया बुलाओ…मीडिया बुलाओ…… अंसवेदनशील आंंदोलनकारियों का “मौत पर आंदोलन में आग लगाने” का वीडियो हुआ वायरल

[aiovg_video type=”facebook” facebook=”https://fb.watch/bHhHghz467/”]

रायपुर 11 मार्च 2022। .… इस वीडियो का पूरा वाकया हम बताये…उससे पहले एक बार फिर इस वीडियो को देख लीजिये….नहीं समझ आया हो तो फिर से देखिये । किसान तड़पते-तड़पते खामोश हो गया और वीडियो फिल्मा रहे ये प्रदर्शनकारी कहते रहे,  “मीडिया मन ला बुला भाई…. ये मीडिया मन कहा चल गे हे…”.! इसे ही कहते हैं लाश पर राजनीति करना है ! ऐसा ही दिखता है आंदोलन का असंवेदनशील चेहरा..।  इन प्रदर्शनकारियों को इस बात की चिंता नहीं थी कि उनका साथी मर रहा है…इस प्रदेश का एक किसान हठ पर उतारू एक आंदोलन की भेंट चढ़ रहा ….बल्कि उन्हें तो मानों इस मौत के बूते आंदोलन की आंच पर रोटी सेंकने का एक गर्म “तवा” मिल गया।

 

ये वीडियो आपके लिए जितना दर्दनाक है… हमारे लिए उससे कहीं ज्यादा शर्मनाक। ये प्रदर्शनकारी चाहते तो डाक्टर बुलाओ…अस्पताल ले चलो… एंबुलेंस बुलाओ जैसी बातें भी कह सकते थे….लेकिन वीडियो बना रहे लोगों में से किसी की भी जुबां से एक बार भी ये बातें नहीं फूटी….। जानते हैं क्यो ?… क्योंकि इन्हें मालूम था कि डाक्टर आयेगा तो क्या होगा… ? … हो सकता है शायद जिंदा बच जाये।….लेकिन अगर मीडिया आयी तो इस मौत पर तमाशा बनेगा.. हेडलाइंस छपेगी….और फिर उनकी आंदोलन की आग को घी मिल जायेगी।

दरअसल किसान समिति की तरफ से एक आंदोलन चल रहा है। कुछ बातें सरकार ने मानी भी है… पर जिद और अहम की इस लड़ाई पर किसान दो कदम भी पीछे हटने को तैयार नहीं।  उसी आंदोलन में  आज 68 साल सियाराम पटेल को भी बुलाया गया था। सियाराम को किसानों का फ़ॉर्म जमा करने के नाम से बुलाया गया था। प्रशासन ने सुविधा के लिए प्रत्येक गाँव के लिए अलग अलग कुल 27 काउंटर भी बना दिए थे । कई किसान फार्म जमा करने भी लगे थे, परंतु समिति अध्यक्ष रुपन चंद्राकर के द्वारा किसानों को फार्म जमा करने से मना कर धरने पर बैठने कहा गया।  जिसकी वजह से काफी देरी हो गयी। इसी बीच  रुपन चंद्राकर को भाषण देना था, कुछ दूसरे क्षेत्र के नेता को भी उसने धरना स्थल पर बुला के भाषण दिलवाना था, जो उसने कराया। इस बीच 68 वर्षीय बुजुर्ग किसान जो फार्म लेकर आया हुआ था, उसकी तबियत ख़राब हो गयी और फिर उसकी मौत हो गयी।

सियाराम बैठे-बैठे लुढ़क गया। वीडियो में जिस तरह से बेहोश पड़े किसान के लिए मीडिया बुलाओ… मीडिया बुलाओ चिल्लाते सुनाई पड़ रहे हैं….अगर डाक्टर बुलाओ… एंंबुलेंस लाओ और अस्पताल पहुंचाओं की बात करते तो शायद किसान सियाराम की जान बच जाती, लेकिन किसान प्रदर्शनकारियों को किसी की मौत और जिंदगी से मानों कोई मतलब ही नहीं था। वो पहले मीडिया को बुलाकर उस किसान की हालत का तमाशा बनाना चाह रहे थे..ताकि उनकी आंदोलन की आग जलती रहे।

मुख्यमंत्री ने 4 लाख देने का ऐलान किया

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने नवा रायपुर राजधानी क्षेत्र के 66 वर्षीय किसान  सियाराम पटेल के आकस्मिक निधन पर शोक व्यक्त किया है। श्री बघेल ने उनके परिजनों के प्रति अपनी संवेदनाएं व्यक्त की हैं और 4 लाख रुपए की आर्थिक सहायता राशि प्रदान करने की घोषणा की है।

 

Back to top button