शिक्षक/कर्मचारी

VIDEO : सहायक शिक्षकों ने शासन प्रशासन को सोशल मीडिया के जरिए दिया स्पष्ट संदेश….. किसी भी कीमत पर 42 सौ ग्रेड पे से नीचे जाकर नही होगा कोई समझौता !

रायपुर 25 दिसंबर 2021। विगत कुछ सालों से सोशल मीडिया का प्रयोग करने में शिक्षक समुदाय सबसे आगे है । एक बार इसी के जरिए आंदोलनरत सहायक शिक्षकों ने शासन प्रशासन को यह बताने की कोशिश की है कि वह किसी भी भुलावे में ना रहे कि सहायक शिक्षक इस बार कोई झुनझुना लेकर घर चले जाएंगे।

यही वजह है कि सहायक शिक्षकों ने अब पोस्टर अभियान छेड़ दिया है और सहायक शिक्षक फेडरेशन के बैनर तले आंदोलनरत लाखों शिक्षकों ने यह बता दिया है की सहायक शिक्षकों की केवल एक मांग है और वह है वेतन विसंगति दूर करना।  जिसके लिए शासन को उन्हें 4200 ग्रेड पे देना ही होगा।  दरअसल मीडिया में यह बातें छन कर आ रही थी किस सरकार सहायक शिक्षकों को कुछ अंतरिम राहत दे सकती है और शायद यही वजह है कि सहायक शिक्षक फेडरेशन से जुड़े सहायक शिक्षकों ने पोस्टर वार के जरिए शासन प्रशासन तक इस बात को पहुंचाने की कोशिश की है कि किसी भी कीमत में वह अपने इस मांग के साथ समझौता नहीं करेंगे ।

News cut To cut के सर्वे में भी 4200 ग्रेड पे 

शिक्षकों की वेतन विसंगति और ग्रेड पे को लेकर हमने NW न्यूज के YOUTUBE चैनल news cut to cut के जरिये एक आनलाइन पोल कराया था। जिसमें हमने ये पूछा था कि

वेतन विसंगति का हल क्या है। 

लेवल 7 का वेतनमान ( ग्रेड पे 2800 )10%
लेवल 8 का वेतनमान ( ग्रेड पे 4200 )
अतिरिक्त भत्ता ( कम से कम 5 हजार रूपये

जवाब में 5000 से ज्यादा शिक्षकों ने वोट किया। इनमें से 4200 ग्रेड पे पर 86 प्रतिशत और 2800 के ग्रेड पे पर 10 प्रतिशत और अतिरिक्त भत्ता पर 7 प्रतिशत ने अपना वोट किया था। मतलब आनलाइन वोटिंग का भी नतीजा 4200 ग्रेड पे पर ही रहा।

कहीं अपने ही नेतृत्व को तो नहीं दे रहे संकेत

दरअसल शिक्षक आंदोलनों का यह इतिहास रहा है कि जिस मांग के लिए लड़ाई लड़ाई लड़ी जाती है उसमें अंतिम में जाकर कहीं न कहीं समझौता हो जाता है फिर चाहे बात कुछ प्रतिशत लाभ का हो या वर्ष बंधन का सरकार ने जो भी दिया उसे नेतृत्व ने स्वीकार कर लिया और इसे लेकर लाभ से वंचित लोगों में नाराजगी भी दिखी । सहायक शिक्षक फेडरेशन भी इसी नाराजगी से उपजा हुआ संगठन है जिसका निर्माण संविलियन उपरांत हुआ है ऐसे में यह भी हो सकता है कि सहायक शिक्षक अपने उच्च नेतृत्व को यह बता रहे हो कि किसी भी कीमत पर समझौता नहीं करना है , बहरहाल इस प्रकार के पोस्ट अब फेसबुक और व्हाट्सएप स्टेटस की शोभा बढ़ा रहे हैं ।

फेडरेशन के नेताओं ने मंच से कहा – नहीं होगा इस बार कोई समझौता ।

हड़ताल के 15 दिन होने जा रहे हैं लेकिन कोई समाधान निकलता नहीं दिखाई दे रहा है ऐसे में सबके मन में यह उथल पुथल है कि आखिर होगा क्या हालांकि सहायक शिक्षक फेडरेशन के पदाधिकारी मंच से कई बार यह दोहरा चुके हैं कि पुराने नेतृत्व कर्ताओं ने जो गलती की थी वह हम नहीं करेंगे उन्होंने तो मंच से यह भी आरोप लगाया है कि सेटिंग करके पुराने लीडर आंदोलन खत्म कर देते थे लेकिन इस बार ऐसा नहीं होगा इसका मतलब साफ है कि सरकार के लिए परेशानी और अधिक बढ़ने वाली है क्योंकि इस बार का आंदोलन कुछ लेने के लिए नहीं बल्कि एक निश्चित मांग को पूरा कराने के लिए ही हो रहा है

Back to top button