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“निजात” की वजह से कईयों ने किया नशे से तौबा…IPS संतोष सिंह के अभियान का हिस्सा बन, नशे के आदी लोगों की बदली दुनिया…

राजनांदगांव 3 मई 2022। IPS संतोष सिंह का निजात अभियान राजनांदगांव में भी गहरी छाप छोड़ रहा है। ड्रग्स और नशे के खिलाफ चल रहा ये अभियान नशे के खिलाफ ना सिर्फ जागरूकता फैलाने, बल्कि युवाओं को नशे की दुनिया से दूर ले जाने की भी कवायद में जुटा है। इस अभियान में मुख्य रूप से तीन बिंदु 1-व्यापक जन-जागरूकता, 2-पुलिस कार्यवाही और 3-नशे के आदी लोगों की काउसलिंग व पुनर्वास में मदद-शामिल हैं। राजनांदगांव पुलिस द्वारा बैनर पोस्टर, होर्डिंग व गांव-गांव में वाल-पेंटिग, रैप सॉग के साथ शार्ट मूवी और सोशल मीडिया के माध्यम से इसे प्रचारित किया जा रहा है साथ ही सामाजिक संस्थाओं एवं जनप्रतिनिधियों के सहयोग से लगातार नशे से परिवार और समाज पर पड़ने वाले दुष्प्रभावों के प्रति जागरूकता कार्यक्रम आयोजित कर लोगों को जागरूक किया गया है।

जिले में नारकोटिक्स/ड्रग्स व अवैध नशे के विरूद्ध पुलिस कार्यवाही कर अभियान ‘‘निजात’’ के दौरान विगत 04 माह में राजनांदगांव जिले में आबकारी एक्ट के 1154 प्रकरण पंजीबद्ध किये गये जिसमें लगभग 6362 लीटर देशी एवं अंग्रेजी शराब कीमती 91,40,548/- रूपये बरामद किया गया जिसमें लगभग 1200 आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है। इसी प्रकार एनडीपीएस एक्ट के 15 प्रकरण में 405.628 किलो गांजा कीमती लगभग 20,30,000/- रूपये बरामद किया गया इसके अलावा उक्त प्रकरणों में प्रयुक्त वाहन कुल 67 मोटर सायकल व 14 चारपहिया वाहन जप्त किया गया है। उक्त प्रकरणों में गांजा और शराब के बड़े तस्करों को भी जेल भेजा गया। अवैध नशा जो अपराध के साथ सामाजिक बुराई भी है, इस लड़ाई में यह अभियान कारगर योगदान दे रहा है।


पुलिस अधीक्षक संतोष सिंह के निर्देशन में अब नशे के आदी लोगों की काउसलिंग सभी थाना/चौकियों में प्रारंभ की गई है। जिसके तहत् नशे के आदी लोगों को चिन्हकित कर उन्हें थाना बुलाकर उनसे बातचीत कर उन्हें नशे के कारण उनके शरीर में दुष्प्रभाव पड़ता है साथ ही परिवार और समाज में भी दुष्प्रभाव पड़ता है, आर्थिक तंगी आती है और आपराधिक कृत्य भी बढ़ते हैं नशे से होने वाले दुष्प्रभावों के बारे में उन्हें समझाईश दी जा रही है इस अभियान का अब व्यापक असर हो रहा है और लोग अब पुलिस से जुड़ते जा रहें हैं। इसके बाद जो नशे में डूबे हुए हैं और पुलिस के समझाने बुझाने काउसिलिंग करने पर भी नशा नहीं छोड़पा रहें हैं उनका प्रोफेसनल काउसिलिंग भी किया जायेगा साथ ही जरूरत पड़े तो उन्हें नशा मुक्ति केन्द्र या गंभीर मामलों में मेडिकल उपचार हेतु अस्पताल भेजने की भी व्यवस्था की जायेगी।उल्लेखनीय है कि अपनी कोरिया पदस्थापना के दौरान संतोष सिंह ने अवैध नशे के खिलाफ एक आंदोलन की तरह निजात अभियान चलाया शुरू किया था, जिसके बड़े सार्थक परिणाम आए। नशे के कारोबार पर अंकुश लगा साथ ही नशे से मुक्त हुए सैकड़ों युवा और उनके परिवारों में खुशहाली लौटी।

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