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भारत-चीन बॉर्डर के पास ‘स्टील स्लग रोड’ बना रही है सरकार, जानें क्या है खासियत

नई दिल्ली: अरुणाचल प्रदेश में भारत-चीन बॉर्डर के पास सरकार ‘स्टील’ निर्माण के दौरान पैदा हुए कचरे से मजबूत और ज्यादा टिकाऊ सड़कों का निर्माण कर रही है। ये सड़कें न सिर्फ परंपरागत सड़कों के मुकाबले ज्यादा मजबूत हैं, बल्कि कहीं ज्यादा सस्ती भी हैं। इस बारे में जानकारी देते हुए  विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्री जितेंद्र सिंह ने सोमवार को कहा कि अरुणाचल प्रदेश में भारत-चीन सीमा के पास मजबूत और अधिक टिकाऊ सड़कें बनाने के लिए स्टील उत्पादन के दौरान पैदा होने वाले कचरे ‘स्टील स्लैग’ का इस्तेमाल किया जा रहा है।

सुरक्षा मोदी सरकार की प्राथमिकता है. इसी को ध्‍यान में रखते हुए बॉर्डर के इलाकों की सड़कें नई तकनीक से बनाई जा रही हैं, जल्‍दी खराब न होंगी. पूर्वोत्‍तर राज्‍यों में बारिश अधिक होने की वजह से तारकोल की सड़कें जल्‍दी खराब हो जाती हैं. इस वजह से सेना और रसद को बॉर्डर इलाकों में पहुंचाने में परेशानी का सामना करना पड़ता है.

बॉर्डर इलाकों की सड़कें सुरक्षा से जुड़ी होती हैं, इसलिए इनका निर्माण स्‍वयं बॉर्डर रोड आर्गनाइजेशन (बीआरओ) करती है. ये सड़कें टिकाऊ बनें और जल्‍दी न टूटें, इसलिए बीआरओ ने इन सड़कों को स्‍टील स्‍लैग से बनाने का फैसला किया है. अरुणाचल प्रदेश में चीन बॉर्डर से लगी सड़कें रिसर्च संस्थान सीएसआईआर-सीआरआरआई की देखरेख में बनाई जा रही हैं.

पहले हो चुका है सफल प्रयोग

रिसर्च संस्थान CSIR-CRRI गुजरात में स्‍टील स्‍लैग रोड का सफल निर्माण कर चुकी है. सूरत से हजीरा पोर्ट की ओर जाने वाली 6 लेन की यह रोड स्‍टील स्‍लैग ( बचा हुआ चूरा) से बनायी गयी है. बताया कि स्‍लैग को प्‍लांट में प्रोसेस्‍ड कर उसे सड़क में इस्‍तेमाल करने लायक सामग्री में तब्‍दील किया गया है. इसके बाद इसे रोड निर्माण में इस्‍तेमाल किया जा रहा है. यह रोड पत्‍थर और पत्‍थर के मुकाबले अधिक मजबूत है. इतना ही नहीं, इसकी लागत भी सामान्‍य रोड के मुकाबले 30 फीसदी तक कम है.

सूरत बना प्रोसेस्ड स्टील स्लैग रोड बनाने वाला पहला शहर
जितेंद्र सिंह ने कहा कि पिछले साल जून में गुजरात का सूरत प्रोसेस्ड स्टील स्लैग रोड बनाने वाला देश का पहला शहर बन गया। स्टील प्लांट्स में स्टील बनाने की प्रक्रिया के दौरान कच्चे माल से पिघली अशुद्धियों से ‘स्लैग’ बनता है। मंत्री ने कहा कि सीमा सड़क संगठन (BRO) ने अरुणाचल प्रदेश में भारत-चीन सीमा क्षेत्र के पास टिकाऊ एवं बेहद मजबूत सड़क निर्माण के लिए स्टील स्लैग का उपयोग किया है। सिंह ने कहा कि स्टील स्लैग की आपूर्ति टाटा स्टील द्वारा मुफ्त में की गई और भारतीय रेलवे द्वारा जमशेदपुर से अरुणाचल प्रदेश तक पहुंचाई गई।

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