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श्रद्धा को टुकड़ों में करते समय चोटिल हुआ था आफताब? डॉक्टर ने खोला राज….जानें क्या है पूरा मामला…

नई दिल्ली 16 नवंबर 2022: लिव-इन पार्टनर श्रद्धा मदान के मर्डर मामले में आरोपी आफताब अमीन पूनावाला पर शिकंजा कसता जा रहा है। उससे दिल्ली पुलिस के सीनियर अफसर कड़ाई के साथ पूछताछ कर रहे हैं। आरोप है कि मई में हुए झगड़े के बाद आफताब ने श्रद्धा का मर्डर किया फिर उसके शव को 35 टुकड़ों में काट दिया था। इस कांड के खुलासे के बाद अब एक डॉक्टर सामने आए हैं जिन्होंने आफताब का इलाज किया था।

26 साल की जिंदादिल युवती श्रद्धा वाकर की उसके लिव-इन पार्टनर 28 वर्षीय आफताब अमीन पूनावाला द्वारा की गई जघन्य हत्या ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया है। वहीं, इस मामले में दक्षिणी दिल्ली के छत्तरपुर इलाके के एपेक्स अस्पताल के एक डॉक्टर ने खुलासा किया है कि जिस आफताब को अपनी लिव-इन पार्टनर की हत्या करने और उसके शरीर को 35 टुकड़ों में काटने के आरोप में गिरफ्तार किया गया है, वह मई में अपने दाहिने हाथ पर चाकू से हुए एक घाव के इलाज के लिए उनके पास गया था। युवती की हत्या उसी महीने की गई थी।

पुलिस सूत्रों के मुताबिक, आफताब ने जिस कमरे में श्रद्धा के शव के टुकड़े फ्रिज में रखे थे, वह उसी कमरे में लगातार 18 दिन सोता रहा। इतना ही नहीं वह रोज फ्रिज खोलकर श्रद्धा के कटे हुए सिर को भी देखता था। जांच से जुड़े पुलिस अधिकारियों को संदेह है कि श्रद्धा के शरीर को काटते समय उसके हाथ पर चाकू का घाव हुआ होगा। एपेक्स अस्पताल आरोपी के घर से करीब है। डॉ. अनिल कुमार ने बताया कि मई में आफताब के दाहिने हाथ में कटे का घाव होने के कारण वह सुबह में अस्पताल आया था। उन्होंने कहा, “घाव गहरा नहीं था और हाथ की अंडरलाइन संरचना बरकरार थी। जब मैंने उससे पूछा कि कैसे कट गया, तो उसने बताया कि फल काटते समय चाकू लग गया। मुझे उस पर संदेह नहीं हुआ था, क्योंकि उसने जो दिखाया, वह एक छोटा साफ चाकू था।”

डॉक्टर ने कहा, ‘मई में सुबह के वक्त आफताब आया था। मेरी असिस्टेंट ने मुझे बताया था कि इलाज के लिए कोई आया है। मैंने उसे देखा. उसका जख्म गहरा नहीं था। मैंने उससे पूछा कि चोट कैसे लगी। उसने बोला कि फल काटने के दौरान ऐसा हुआ। मुझे भी कोई शक नहीं हुआ क्योंकि वह साफ तौर पर चाकू का छोटा सा निशान था।’

डॉक्टर अनिल कुमार के मुताबिक, इलाज के दौरान उनको बिल्कुल शक नहीं हुआ, कि आफताब इतना बड़ा कांड कर चुका है। अब दो दिन पहले पुलिस आफताब को लेकर उनके हॉस्पिटल पहुंची। पुलिस ने डॉक्टर से पूछा कि क्या उन्होंने आफताब का इलाज किया था। डॉक्टर ने उसे पहचान लिया और हां में जवाब दिया।

डॉक्टर कुमार की मानें तो इलाज के दौरान उनको आफताब कुछ आक्रमक और बेचैन सा लगा। लेकिन देखकर ऐसा नहीं लगा कि उसको किसी बात का डर है। वह डॉक्टर की आंखों में देखकर बात करता था और सभी सवालों के बिना घबराए जवाब दे रहा था। डॉक्टर ने आगे कहा, वह इंग्लिश में बात करता था। उसने कहा कि वह आईटी सेक्टर में बेहतर मौके की तलाश में मुंबई से दिल्ली आया है।

18 मई को श्रद्धा के शव के टुकड़े करने के बाद आरोपी ने अगले दिन नया रेफ्रिजरेटर खरीदा और टुकड़ों को उसमें जमा कर दिया। बदबू से बचने के लिए वह अपने घर में अगरबत्तियां जलाता रहा। आफताब अमेरिकी अपराध शो ‘डेक्सटर’ से प्रेरित था, जो एक ऐसे व्यक्ति की कहानी बताता है जो दोहरी जिंदगी जीता है। सूत्रों के मुताबिक, प्रशिक्षित शेफ होने के नाते आरोपी चाकू का इस्तेमाल करने में माहिर था। हालांकि अभी तक हत्या में इस्तेमाल किया गया हथियार बरामद नहीं हुआ है।

उसने 18 दिनों की अवधि में युवती के शरीर के टुकड़ों को कई जगहों पर फेंका था। शक से बचने के लिए वह रात करीब 2 बजे पॉलीबैग में शव के टुकड़ों को रखकर घर से निकल जाता था। मामला 8 नवंबर को तब सामने आया, जब पीड़िता के पिता महाराष्ट्र के पालघर से एक पुलिस टीम के साथ महरौली पुलिस स्टेशन में गुमशुदगी रिपोर्ट दर्ज कराने आए।

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