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अक्षय तृतीया :कल शुभ योग में मनाई जाएगी अक्षय तृतीया… करें ये उपाय, मां लक्ष्मी की रहेगी असीम कृपा….

रायपुर 21 अप्रैल 2023 देश में शनिवार को अक्षय तृतीया का त्योहार मनाया जा रहा है. अक्षय तृतीया के मौके पर सोना (Gold), हीरा या गहने खरीदने की परंपरा है. अक्षय तृतीया के दिन सोने की खरीदारी अब उत्सव का रूप ले चुकी है. बाजारों में जमकर चमक दिखती है और लोग खूब सोन, चांदी और हीरे की खरीदारी करते हैं. अगर आप भी अक्षय तृतीया के दिन सोना खरीदने जा रहे हैं तो कुछ बातों का ध्यान जरूर रखें. वरना हो सकता है कि इस त्योहार की भीड़-भाड़ में आप किसी ठगी का शिकार बन जाएं.

अक्षय तृतीया सही तिथि
ज्योतिषाचार्य ने बताया कि तृतीया तिथि 22 अप्रैल की सुबह 8 बजकर 4 मिनट से से 23 अप्रैल की सुबह 8 बजकर 8 मिनट तक रहेगी। शनिवार रात 11 बजकर 24 मिनट तक कृतिका नक्षत्र और इसके बाद 23 अप्रैल को रात 12 बजकर 27 मिनट तक रोहिणी नक्षत्र रहेगा। वहीं, 23 अप्रैल को सुबह 5 बजकर 37 मिनट पर सूर्योदय होगा और तृतीया तिथि सुबह 8 बजकर 8 मिनट तक ही रहेगी। ऐसे में उदया तिथि और रोहिणी का मान लेने वाले 23 अप्रैल यानी रविवार को अक्षय तृतीया का पूजन कर सकेंगे। वहीं, खरीदारी के लिए लोगों को 22 अप्रैल यानी शनिवार पूरे दिन शुभ योग का लाभ मिलेगा।

अक्षय तृतीया के दिन मां लक्ष्‍मी के साथ भगवान विष्‍णु की भी पूजा करनी चाहिए। ऐसा करने से भी मां लक्ष्‍मी प्रसन्‍न होती हैं और दांपत्‍य जीवन खुशहाल रहने का आशीर्वाद देती हैं। मां लक्ष्‍मी की कृपा से आपके घर में कभी धन वैभव की कमी नहीं होती। इसके साथ ही इस दिन गणेशजी का भी आह्वान करना चाहिए। इस दिन मां लक्ष्‍मी को मखाने की खीर का भोग लगाने से आपके घर की संपत्ति में वृद्धि होती है।

कलश दान

कलश दान

अक्षय तृतीया के दिन जल से भरे कलश का दान करना सबसे शुभ माना जाता है। सबसे पहले एक कलश लें और उसमें साफ जल भरकर उसमें थोड़ा सा गंगाजल मिलाकर उसे किसी गरीब जरूरतमंद को दे दें। मान्‍यता है कि ऐसा करने से सभी पुण्‍य के समान तीर्थ की प्राप्ति होती है।

इसलिए कहा जाता है अक्षय तृतीया

इसलिए कहा जाता है अक्षय तृतीया

यदि आपके घर में काफी समय से आर्थिक तंगी चल रही है तो आपको अक्षय तृतीया पर इन वस्‍तुओं का दान करना चा‍हिए। इनमें जल, कुंभ, शक्कर, सत्तू, पंखा, छाता, फल आदि चीजें शामिल हैं। कहते हैं कि जो लोग अक्षय तृतीया पर इन चीजों का दान करते हैं, उनके घर मां लक्ष्‍मी स्‍वयं पधारती हैं और आर्थिक तंगी दूर करती हैं।

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