टॉप स्टोरीज़शिक्षक/कर्मचारी

चुल्हा-बर्तन लेकर सहायक शिक्षक पहुंचने लगे हैं अब धरनास्थल पर….वार्ता विफल होने के बाद उग्र हुए तेवर…….बोले- “लंबी लड़ाई लड़नी है….इसलिए खाने-पीने का सामान साथ लेकर आये हैं”

रायपुर 18 दिसंबर 2021। …..लगता है, सरकार से वार्ता विफल होने के बाद अब सहायक शिक्षकों के तेवर कुछ तीखे हो गये हैं। सहायक शिक्षक अब धरनास्थल पर ही अपना घर बसाने की तैयारी में हैं। दूर-प्रदेश से आये शिक्षकों ने धरनास्थल पर ही अपने खाने-सोने का इंतजाम तैयार कर लिया है। आज कई जिलों से आये शिक्षक अपने साथ बर्तन, चुल्हा और गैस सिलेंडर लेकर पहुंचे।

बस्तर से आये शिक्षक अपने साथ गाड़ी भरकर खाने पीने का सामान लेकर आये हैं। इरादा साफ है कि सभी शिक्षक अब रायपुर में लंबी लड़ाई लड़ने के मूड से आये हैं। पहले दौर की वार्ता जिस तरह से विफल रही, उसके बाद अब सहायक शिक्षकों ने तय कर लिया है कि लड़ाई उन्हें लंबी लड़नी है। इस मामले में जब शिक्षकों से बात की गयी तो उन्होंने स्पष्ट किया है कि सरकार का इरादा लगता है हमें देर तक आंदोलन में बैठाने का है, इसलिए हम अपना इंतजाम खुद लेकर आये हैं। आज दोपहर-शाम तक कुछ और जिलों से शिक्षक इसी तरह खाने-पाने और सोने के इंतजाम के साथ रायपुर पहुंचेंगे। रायपुर के धरनास्थल पर ही लोगों का अब खाना बनेगा और वहीं खुले आसमान के नीचे सभी सोयेंगे।

इसी बीच मंगलवार को सहायक शिक्षकों की वेतन विसंगति की मांगों को लेकर कमेटी की आखिरी दौर की बैठक होने वाली है। बैठक में कमेटी की रिपोर्ट को आखिरी रूप दिया जायेगा। माना ये जा रहा है कि मंगलवार को रिपोर्ट अगर सरकार को सौंप दी जाती है तो फिर वार्ता का एक दौर शुरू किया जायेगा। हालांकि फेडरेशन ने साफ कर दिया है कि वो फिलहाल किसी बैठक में नहीं जायेंगे। कमेटी की आखिरी दौर की बैठक जो मंगलवार को होने वाली है, उस बैठक में भी सहायक शिक्षकों ने नहीं जाने का फैसला लिया है।

सहायक शिक्षकों के इरादे साफ है कि अब वो आरपार की लड़ाई लड़ने के मूड में हैं, लिहाजा वो अपने साथ खाने-पीने का भी सामान लेकर आ रहे हैं, ताकि उनकी मांगों को लेकर सरकार की देरी भी होती है तो वो धरनास्थल पर ही डटे रहें और उनके खाने-पीने में किसी तरह की कोई दिक्कत ना हो।

 

Back to top button