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प्रमोशन पर रोक: याचिकाकर्ता के वकील अजय श्रीवास्तव ने NW से कही ये बात…..किनका प्रमोशन होगा प्रभावित ?….जिन्होंने कर ली है ज्वाइन या जिनकी निकल चुकी है लिस्ट उनका क्या होगा ? … पढ़िये ये खबर पूरा कन्फ्यूजन हो जायेगा खत्म

रायपुर 10 फरवरी 2022। आखिरकार प्रमोशन पर ब्रेक लग ही गया। पहले मीडिल स्कूल के हेडमास्टर…और अब शिक्षक और प्राथमिक शाला के हेडमास्टर की प्रदोन्नति पर हाईकोर्ट ने रोक लगा दी है। आज चीफ जस्टिस अरूप कुमार गोस्वामी व जस्टिस एनके चंद्रवंशी की डबल बेंच ने शिक्षक की सीनियरिटी को चुनौती देने वाली याचिका पर सुनवाई की। सुनवाई के बाद कोर्ट ने राज्य सरकार को नोटिस भेजते हुए जवाब मांगा है, वहीं आगामी आदेश तक शिक्षक और प्राथमिक शाला हेडमास्टर के पद की पदोन्नति पर रोक लगा दी है।

सीनियरिटी निर्धारण को चुनौती देते हुए सहायक शिक्षक नीलम कुमार मेश्राम और अन्य हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी। इस याचिका में अलग-अलग संभाग में सीनियरिटी के निर्धारण को चैलेंज किया गया था।

इसी मुद्दे पर कोर्ट ने राज्य सरकार को नोटिस जारी करते हुए शिक्षक और हेडमास्टर की पदोन्नति पर आगामी आदेश तक के लिए रोक लगा दी है। ये फैसला पूरे प्रदेश के लिए लागू होगा। इस मामले में याचिकाकर्ता की पैरवी सीनियर एडवोकेट अजय कुमार श्रीवास्तव ने की। NW न्यूज से बात करते हुए उन्होंने बताया कि

“पहले शिक्षाकर्मी के तौर पर पंचायत विभाग के अधीन सेवा दे रहे थे। 2018 में इन सभी का संविलियन हुआ, सभी शिक्षक स्कूल शिक्षा विभाग में आ गये, लेकिन इनकी सीनियरिटी के निर्धारण का कोई नियमावली नहीं बना। ऐसी स्थिति में प्रमोशन को शिक्षक के अलग-अलग संभाग में अलग मापदंड हो गये, इसी मसले पर याचिका दायर की गयी थी, जिसके बाद राज्य सरकार को कोर्ट ने नोटिस दिया है, साथ ही आगामी आदेश तक शिक्षक और प्राथमिक शाला हेडमास्टर के पद पर हो रही पदोन्नति पर रोक लगा दिया है। 22 फरवरी को अगली सुनवाई होनी है। नियम मे LB कैडर क़ी वरिष्ठता निर्धारण का कोई प्रावधान ही नहीं हैl जिससे अलग अलग संभाग मे अलग अलग वरिष्ठता निर्धारण हो रहा है जो सविधान के अनुच्छेद का उल्लंघन है l “

ऐसे में इस बात को लेकर लगातार संशय उठ रहा है कि आखिर उन पदोन्नत शिक्षकों का क्या होगा? जिन्होंने ज्वाइन कर लिया है या जिनकी लिस्ट जारी हो गयी है। इस संबंध में अधिवक्ता अजय श्रीवास्तव ने बताया कि ..

“जिन्होंने ज्वाइन कर लिया है या जिनकी लिस्ट निकल गयी है उन पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा, हालांकि फिर भी सरकार या अधिकारी इस संबंध में निर्णय ले सकते हैं। इस मामले में राज्य सरकार ही निर्देश देगी। वैसे कोर्ट ने इस मामले को लेकर कुछ भी नहीं कहा है’

मतलब साफ है कि जिन्होंने ज्वाइन कर लिया है या जिनकी लिस्ट भी निकल गयी है, उनकी प्रक्रिया इस रोक से प्रभावित नहीं होगी। जिनकी पदोन्नति अधिकारियों की लेटलतीफी की वजह से फंसी रह गयी, उनका प्रमोशन फिलहाल रूक गया है। आपको बता दें कि छत्तीसगढ़ में प्रमोशन की प्रक्रिया चल रही है। सहायक शिक्षकों को वन टाइम रिलेक्सशेसन के आधार पर प्रमोशन दिया जा रहा है। हालांकि इस मामले में कई सारी याचिकाएं कोर्ट में लगी है। इससे पहले E काडर के शिक्षकों ने  प्रमोशन को लेकर याचिका दायर की थी, जिसके बाद हाईकोर्ट ने मीडिल स्कूल के हेडमास्टर और व्याख्याता पद होने वाली पदोन्नति पर रोक लगा दी थी। 1 फरवरी को मिडिल स्कूल के हेडमास्टर और व्याख्याता के पद पर रोक के बाद अब 10 फरवरी को प्राथमिक शाला के हेडमास्टर और शिक्षक के पद पर भी होने वाले प्रमोशन पर रोक लगा दी गयी है।

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