पॉलिटिकल

BJP की गंगरैल में 6 अक्टूबर को होगी बड़ी बैठक… कांग्रेस बोली- गोपनीय बैठक का मकसद क्या है, जनता के खिलाफ षड्यंत्र रचने वाले ही गुप्त बैठक करते हैं

रायपुर 4 अक्टूबर 2022। बीजेपी की बड़ी बैठक 6 अक्टूबर को धमतरी के गंगरैल में होने वाली है। धमतरी के गंगरेल डैम के रिसोर्ट में भाजपा के गोपनीय बैठक पर सवाल खड़ा करते हुए प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग के अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि भाजपा भी अब प्रतिबंधित संगठनों की भांति चोरी छुपे गोपनीय बैठक कर रही है।  भाजपा को प्रदेश की जनता को बताना चाहिए कि 6 अक्टूबर को गंगरेल डैम के रिसोर्ट में गोपनीय बैठक का एजेंडा क्या है? ऐसा तो नही की आरएसएस और भाजपा मिलकर राजनीतिक महत्वकांक्षा की पूर्ति के लिये छत्तीसगढ़ की शांतधरा को अशांत करने के लिए कोई षड्यंत्र की रणनीति बनाने वाले है? क्योंकि गोपनीय बैठक और गुप्त बैठक जिसमें मीडिया का प्रवेश वर्जित हो जिस के संबंध में मीडिया को जानकारी नहीं दी जा रही है और जनता से दूरी बनाकर जो बैठक की जा रही है। 

 ऐसे बैठक सिर्फ षड्यंत्र रचने साजिश करने के लिए किया जाता है जिस प्रकार से कई प्रतिबंधित संगठन करते रहे है। छत्तीसगढ़ में भाजपा के पास जनसरोकारों के कोई मुद्दा बचा नही है। भाजपा नेता लगातार झूठ बोलकर गलत बयानी कर सनसनी फैला रहे है। गोपनीय बैठक में भी कोई न कोई नया झूठ प्रचारित करने धार्मिक उन्माद फैलाने रणनीति बनाई जायेगी।

  प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग के अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि भाजपा छत्तीसगढ़ में मुद्दों के दिवालियापन के दौर से गुजर रही है भाजपा में गुटबाजी चरम सीमा पर है भाजपा कई गुटों में बैठी हुई है ऐसे में आर एस एस से जो प्रभारी बनकर आए हैं वह अब गुप्त और गोपनीय बैठक कर किसी बड़े षड्यंत्र को अंजाम देने में लगे हुए हैं ऐसा प्रतीत होता है क्योंकि भाजपा जिस राज्य में सत्ता में नहीं होती है वहां हिंसा करना दंगा करना उन्माद फैलाना धर्म से धर्म को लड़ाना जाति से जाति को लड़ाना इनका मूल एजेंडा होता है।

 प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग के अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला ने भाजपा और आर एस एस पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि आरएसएस और भाजपा मिलकर देश की जनता के मूल मुद्दों से चर्चा करने से भाग रहे हैं जनता महंगाई बेरोजगारी गिरती अर्थव्यवस्था और देश में बढ़ते कर्ज से हताश और परेशान हैं और इसके लिए जिम्मेदार मोदी सरकार हैं जिस वादों के साथ इरादों के साथ 2014 में लोकसभा चुनाव के दौरान जनता से वोट बटोरे थे उन वादों को पूरा करने में मोदी सरकार नकारा साबित हुई है मोदी सरकार 135 करोड़ जनता की भलाई के लिए काम नहीं कर रही है। उनका मूल एजेंडा मात्र 2 पूंजीपतियों को लाभ पहुंचाना और देश की संपत्तियों को कौड़ी के मोल उन्हें  सौंपा है।

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