बिग ब्रेकिंग

ब्रेकिंग- ऑपरेशन राहुल का First Visual : “दुआएं हुई कुबूल…105 घंटे की जिंदगी की जंग जीत सुरक्षित बोरवेल से निकला मासूम राहुल….. खुशी में उछल पड़े लोग, जमकर बजी ताली, लगे भारत माता की जय के नारे

रायपुर 14 जून 2022 । करीब 105 घंटे के मैराथन रेस्क्यू ऑपरेशन के बाद बोरवेल में फंसे मासूम राहुल साहू को आखिरकार सुरक्षित निकाल लिया गया। राहुल की सकुशल वापसी को लेकर प्रदेश भर में दुआओं का दौर चल रहा था। वही छत्तीसगढ़ सरकार से लेकर जांजगीर जिला प्रशासन की टीमें रात दिन रेस्क्यू में जुटी हुई थी। खुद कलेक्टर जितेंद्र शुक्ला और एसपी विजय अग्रवाल रेस्क्यू ऑपरेशन को लीड कर रहे थे। जबकि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल इसकी पूरी रात मानिटरिंग कर रहे थे। दिल्ली से भी वो पूरी रात पल-पल की अपडेट लेते रहे। मुख्यमंत्री ने खुद जांजगीर कलेक्टर को निर्देश दिया था कि वो स्वास्थ्य टीम को मौके पर तैनात रखें।

बोरवेल से निकालकर राहुल को सीधे अस्पताल ले जाया जायेगा। खुद कलेक्टर जितेंद्र शुक्ला बच्चे को लेकर अस्पताल पहुंचेंगे। इससे पहले जांजगीर से बिलासपुर अपोलो तक ग्रीन कारिडोर बनाया गया है। एंबुलेंंस तैयार है। कलेक्टर के साथ-साथ सीएमएचओ , डाक्टरों की टीम और परिजन भी अस्पताल जायेंगे।

इधर 105 घंटे के आपरेशन के कामयाब होते ही लोग खुशी से झूम उठे। हालांकि रेस्क्यू के आखिरी वक्त में लोगों को मौके से हटा दिया गया था, बावूजद लोग मौके से टस से मस नहीं हुए। वो सांसे थामे राहुल के निकलने का इंतजार करते रहे। फिर जैसे NDRF के जवान मासूम राहुल को लेकर निकले, मानों लोग खुशी से झूम उठे। भीड़ ने रेस्क्यू टीम के लिए जमकर तालियां बजायी, तो कुछ ने भारत माता के जय के जयकारे भी लगाये।

इससे पहले रेस्क्यू को देर रात उस वक्त झटका लगा था कि जब सुरंग के रास्ते में दूसरी बार बड़ा सा पत्थर आ गया था। इसकी वजह से रेस्क्यू का काम 15 घंटे से ज्यादा बढ़ गया था। पूरे पत्थर को ड्रिल करने के बाद रेस्क्यू टीम ने सुरंग तैयार किया और बच्चे तक पहुंची।

विशेषज्ञों की एडवाइस के बाद एक समानांतर टनल तैयार किया गया था, टनल की सहायता से ही मासूम राहुल साहू को सुरक्षित निकाला गया है। हालांकि रविवार को जब सुबह रोबोट टीम गुजरात से मौके पर पहुंची थी, तो उम्मीद जगी थी कि रविवार की दोपहर तक ही कामयाबी मिल जायेगी, लेकिन बच्चे की निशक्तता यहां भी रूकावट आ गयी। बच्चा कई बार की कोशिशों के बावजूद रेसक्यू टीम के सिग्नल को समझ नहीं सका। वो रोबोट को देखकर छुप जाता था और डरता था, इसकी वजह से वो कापरेट नहीं कर पा रहा था।

लेकिन अब एक अच्छी खबर आयी है। बोरवेल से राहुल को सुरक्षित निकाल लिया गया है। बोरवेल से निकालने के बाद राहुल साहू को तत्काल स्वास्थ्य परीक्षण के लिए अस्पताल ले जाया गया। फिलहाल उनका डॉक्टरों की निगरानी में जांच किया जाएगा। आपको बता दें कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल इस घटनाक्रम पर करीबी नजर रखे हुए थे। वह लगातार प्रशासनिक और पुलिस अधिकारियों को निर्देश भी दे रहे थे। उन्होंने खुद ही शनिवार और रविवार को राहुल के माता-पिता से भी बात की थी और उन्हें धैर्य रखने की सलाह दी थी। हालांकि 60 घंटे का रेस्क्यू ऑपरेशन पुलिस प्रशासन के लिए बिल्कुल आसान नहीं रहा था।

कई दफा चट्टाने खुदाई के दौरान मुश्किले आई, वही बोरवेल में जलस्तर बढ़ने का भी रेस्क्यू ऑपरेशन पर असर पड़ा। सबसे ज्यादा दिक्कत राहुल साहू की निशक्तता को लेकर थी, जिसकी वजह से वह कई बार रेस्क्यू टीम की संकेतों को समझ नहीं पा रहा था। पहले कोशिश यह थी कि राहुल साहू को रस्सियों के सहारे खींचकर ऊपर लाया जाएगा, लेकिन राहुल साहू को बार-बार रस्सी भेजने के बाद भी वो इस संकेत को नहीं समझ पाया। लिहाजा प्लान A के तहत टनल बनाकर राहुल साहू तक पहुंचने का रास्ता तैयार किया गया। हालांकि इस दौरान कई बार मुश्किलों का भी सामना करना पड़ा। शनिवार-रविवार की दरम्यानी रात अचानक मौसम खराब होने से रात को तेज आंधी के कारण बिजली गुल हो गयी।

बावजूद इसके रेस्क्यू आपरेशन को बिना रोके जारी रखा गया। जनरेटर के जरिये बिजली व्यवस्था बहाल कर बिना ब्रेक के ही आंधी तूफान के बीच भी आपरेशन राहुल को पूरा करने में अफसर और राहत दल कर्मी जुटे रहे। जिसके बाद अब एक सुखद नतीजा सबके सामने आया है। आपको बता दें कि शुक्रवार की शाम राहुल साहू नाम का बच्चा बोरवेल में गिर गया था। सूचना के बाद लगातार प्रशासनिक टीम मौके पर पहुंचकर रेस्क्यू के काम में जुट गई। शुक्रवार की शाम से ही रेस्क्यू का काम चल रहा और अब जाकर रेस्क्यू का काम खत्म किया गया है राहुल की सुरक्षित वापसी पर खुशी का माहौल दिख रहा है।

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