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BSF ने जम्मू-कश्मीर में बॉर्डर पर पाकिस्तानी घुसपैठिए को मार गिराया, जांच में मिली ये खतरनाक चीज

सांबा/जम्मू: पाकिस्तान पिछले कुछ महीनों से खुद तमाम मसलों से जूझ रहा है, लेकिन फिर भी वह भारत में गड़बड़ी फैलाने की कोशिश से बाज नहीं आ रहा है। कंगाली की दशा में भी यह मुल्क भारत में लगातार हथियारों और ड्रग्स की तस्करी में लगा हुआ है, और साथ ही घुसपैठिए भी भेज रहा है। हालांकि पाकिस्तान की ऐसी हरेक कोशिश का भारत की तरफ से करारा जवाब मिल रहा है। इसी कड़ी में BSF ने अंतरराष्ट्रीय सीमा के पास मादक पदार्थ तस्करी की एक बड़ी कोशिश को नाकाम कर दिया और जम्मू-कश्मीर के सांबा जिले में एक पाकिस्तानी घुसपैठिए को मार गिराया।

घुसपैठिया सीमा की ओर लगातार बढ़ता रहा

सीमा सुरक्षा बल के एक प्रवक्ता ने कहा, “आज तड़के सतर्क बीएसएफ जवानों ने सांबा इलाके में पाकिस्तान की तरफ से अंतरराष्ट्रीय सीमा पार करने वाले एक व्यक्ति की संदिग्ध गतिविधि देखी। सैनिकों ने उसे ललकारा लेकिन घुसपैठिया सीमा की ओर लगातार बढ़ता रहा।”

प्रवक्ता ने कहा कि सैनिकों ने गोलियां चलाईं, जिससे वह मारा गया। बीएसएफ ने सांबा सेक्टर में अंतरराष्ट्रीय सीमा पर तलाशी अभियान शुरू किया है क्योंकि घुसपैठिए का शव अग्रिम क्षेत्र में पड़ा हुआ है। दो दिनों में जम्मू संभाग में भारत-पाकिस्तान सीमा पर इस तरह की यह दूसरी घटना है।

 बीते 22 अप्रैल को बीएसएफ के जवानों ने पंजाब के फिरोजपुर सेक्टर में बॉर्डर पार करने वाले एक पाकिस्तानी नागरिक को पकड़ा था. इससे पूर्व भी बीते मार्च के महीने में भी सीमा सुरक्षा बल ने पंजाब के फिरोजपुर सेक्टर में अंतरराष्ट्रीय सीमा के पास  सेक्टर में इपाकिस्तानी नागरिक को गिरफ्तार किया था. उसकी पहचान पाकिस्तान के खैबर जिले के निवासी के रूप में हुई थी. 9-10 मार्च की दरम्यानी रात को ये पाकिस्तानी घुसपैठियां अंतरराष्ट्रीय सीमा पार कर तीरथ सीमा चौकी पर भारत में दाखिल हुआ था. बीएसएफ के जवानों ने उसे गिरफ्तार कर उसकी तलाशी ली.


घुसपैठ के लिहाज से संवेदनशील हैं कई इलाके 
बरसात के मौसम में भारत-पाकिस्तान अंतरराष्ट्रीय सीमा पर घुसपैठ की लगातार कोशिशें पूर्व में भी होती रहीं है। आतंकी घुसपैठ के लिहाज से शाप नाला, तरनाह खड्ड, उज्ज दरिया जो पंजाब की ओर से पाकिस्तान से मिलता है और टिंडा पोस्ट के आसपास का इलाका संवेदनशील माना जाता रहा है। सुरक्षा के चाक चौबंद प्रबंधों के बीच पिछले कुछ वर्षों से आतंकी इन इलाकों से घुसपैठ में हमेशा ही नाकमयाब रहे हैं। दरअसल बरसात के दिनों में फेंसिंग को नुकसान पहुंचने से आतंकी इस रूट को अपनाते रहे हैं। सांबा और कठुआ के इलाके पूर्व में भी आतंकी वारदातों का दंश झेल चुके हैं।

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