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Budget सत्र ब्रेकिंग : रेडी टू ईट को लेकर सदन में जोरदार हंगामा…. उद्योगों के हाथों में रेडी टू ईट का काम देने पर भ्रष्टाचार का विपक्ष ने लगाया आरोप….महिला बाल विकास मंत्री के जवाब से असंतुष्ट विपक्ष ने की वेल में आकर नारेबाजी

रायपुर 11 मार्च 2022। छत्तीसगढ़ विधानसभा में आज रेडी टू ईट वितरण व्यवस्था में परिवर्तन में बदलाव पर गरमागरम बहस हुई। प्रश्नकाल में इस मामले में सदन में विपक्षी विधायक काफी आक्रामक दिखे। विपक्ष ने सवाल उठाया कि मानव रहित रेड टू ईट वितरण की वजह से प्रदेश की हजारों स्वयंसहायता समूह में काम कर रही महिलाओं का रोजगार छिन लिया जायेगा।

जवाब में मंत्री अनिला भेड़िया ने बताया कि सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के बाद मानव रहित मशीन के जरिये रेडी टू ईट तैयार कराने का फैसला लिया है। सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के बाद राज्य बीज निगम और निजी कंपनी को काम दिया गया है। इस मामले को लेकर पहले विधायक रजनीश सिंह ने उठाया, उसके बाद विधायक अजय चंद्राकर, शिवरतन शर्मा और नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक ने भी इस पूरे मामले में सरकार की मंशा पर सवाल खड़े किये। विपक्ष का आरोप था कि ऐसे उद्योग के हाथ में रेडी टू ईट का काम दिया गया है, जो रायगढ़ में फिलहाल संचालित नहीं हो रहा है।

विधायक शिवरतन शर्मा ने आरोप लगाया कि सरकार सुप्रीम कोर्ट के निर्देश का हवाला देकर उद्योगपतियों को रेडी टू ईट का काम सौंपने जा रही है। अभी प्रदेश में 1605 स्वयं सहायता समूह काम कर रहे हैं, उनसे करीब 16 हजार महिलाएं जुड़ी है। समूहों से काम छिनकर महिलाओं को कर्ज में ढकेलने का काम किया जा रहा है। इस मामले में नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक ने 2013 में चीफ सिकरेट्री के हलफनामा, सुप्रीम कोर्ट के आदेश औ मौजूदा वक्त में जिन उद्योगों को काम दिया गया है, उसके परीक्षण की मांग की है।

विपक्ष का आरोप था कि ये महिला स्वयं सहायता समूह का काम उद्योगपतियों को सौंपकर  खुला भ्रष्टाचार किया जा रहा है। इधर महिला बाल विकास मंत्री बार-बार ये कहती रही कि बच्चों को सुपोषित करने और उन्हें नियम मात्रा जरूरी तत्व उपलब्ध कराने केलिए ही मशीन से रेडी टू ईट का काम करने का फैसला लिया गया है, क्योंकि हाथ से तैयार रेडी टू ईट में पोषक तत्वों की कमी-ज्यादा होती रहती है।

महिला बाल विकास मंत्री ने ये भी कहा कि अप्रैल से मानव रहित रेडी टू ईट तैयार होने के बावजूद महिलाएं का रोजगार नहीं छिनेगा, बल्कि उन्हें वितरण के काम में लगाया जायेगा। जवाब से असंतुष्ट भाजपा विधायकों ने बेल में आकर नारेबाजी शुरू कर दी, जिसके बाद वो खुद से ही निलंबित हो गये।

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