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CG POLITICS : PM मोदी के रथ पर “साव” की सवारी…..क्या सत्ता के “सिंहासन” तक पहुंच पायेगी इस बारी !

रायपुर 10 अक्टूबर 2023। छत्तीसगढ़ में चुनाव की तारीखों के ऐलान के साथ ही चुनावी बिगुल बज चुका है। कांग्रेस में भले ही अभी प्रत्याशियों की लिस्ट जारी करने में थोड़ा वक्त है, लेकिन बीजेपी ने टिकटों की घोषणा में एक बार फिर बाजी मार ली है। प्रदेश की 90 में से 85 विधानसभा सीटों पर बीजेपी ने रणनीति के तहत प्रत्याशियों के नाम का ऐलान कर दिया है। इन सबके बीच अब चर्चा का विषय यह भी है कि अगर प्रदेश में बीजेपी बहुमत से सरकार बना लेती है, तो अगला सीएम कौन होगा ? चर्चा इस बात की भी हो रही है कि प्रधानमंत्री के साथ दो-दो रैलियों में रथ में सवार प्रदेश अध्यक्ष अरूण साव को क्या पीएम का रथ इस बार सत्ता के सिंहासन तक पहुंचा पायेगा ? सवाल कई है, लेकिन जवाब एक ही है कि इस बार भी छत्तीसगढ़ में बीजेपी पीएम मोदी के चेहरे को आगे रखकर चुनाव लड़ेगी।

गौरतलब है कि चुनाव आयोग ने छत्तीसगढ़ सहित 5 राज्यों में होने वाले चुनाव की तारीखों का ऐलान कर दिया है। छत्तीसगढ़ में दो चरणों में होने वाले चुनाव के ऐलान के ठीक बाद ही बीजेपी ने अपने प्रत्याशियों की दूसरी बड़ी लिस्ट जारी कर दी। इस लिस्ट में बीजेपी ने सभी वर्गो को साधते हुए पूर्व सीएम डाॅ.रमन सिंह सहित 2 पूर्व आईएएस अफसर, पूर्व मंत्री और विधायकों के साथ ही 3 सांसदों को चुनाव मैदान में उतारा है। बीजेपी की पहली और दूसरी लिस्ट पर गौर करे तो पार्टी ने वर्ष 2018 के चुनाव में हार का सामना करने वाले प्रत्याशियों पर जहां एक बार फिर भरोसा जताया है, वहीं जाति समीकरण के साथ प्रदेश में ओबीसी कार्ड को खेलने की पुख्ता रणनीति के तहत टिकटों का वितरण किया है। बीजेपी की दूसरी लिस्ट आने के बाद अब प्रदेश में बीजेपी के सीएम कैंडिडेट को लेकर चर्चाओं का दौर जारी है।

पीएम मोदी की रायगढ़ और बिलासपुर की दो बड़ी रैलियों पर गौर करे तो समझा जा सकता है कि दोनों रैलियों में पीएम मोदी के रथ पर उनके साथ दोनों बार बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष अरुण साव सवार रहे। पीएम के रथ पर सवार होकर अरूण साव लोगों का अभिवादन करते दिखे। इस दौरान दोनों ही बार रायगढ़ और बिलासपुर में पूर्व सीएम रमन सिंह मंच पर मौजूद रहे। दूसरी गौर करने वाली बात ये रही कि बीजेपी की परिवर्तन यात्रा रथ पर भी सबसे पहले अरुण साव, फिर रमन सिंह और आखिरी में नेता प्रतिपक्ष नारायण चंदेल के पोस्टर लगाये गये थे। बिलासपुर जिला में आज भी पूर्व मंत्री अमर अग्रवाल का काफी दबदबा है। लेकिन बिलासपुर में आयोजित प्रधानमंत्री की रैली में प्रदेश अध्यक्ष अरूण साव के पोस्टर से बिलासपुर जिला पट रखा था। इसे लेकर अब सियासी गलियारे और राजनीतिक जानकारों के बीच ये बात उठने लगी कि है कि क्या बीजेपी चुनाव जीतने के बाद सीएम का चेहरा बदलने के मूड में है ?

सियासी गलियारे में एक वजह यह भी माना जा रहा है कि पीएम मोदी खुद ओबीसी वर्ग से आते हैं और अरुण साव भी ओबीसी वर्ग से हैं। ऐसे में ओबीसी समाज के वोट बैंक को साधने के लिए साव को पार्टी आगे रखकर काम कर ही है। छत्तीसगढ़ में मौजूदा कांग्रेस की सरकार में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल भी ओबीसी वर्ग से आते है। जिनके खिलाफ बीजेपी ने सासंद विजय बघेल को चुनाव मैदान में उतार रखा है। कुल मिलाकर देखा जाये तो बीजेपी छत्तीसगढ़ में जाति समीकरण को साधने के साथ ही ओबीसी वर्ग के मतदाताओं को रिझाने में जुटी हुई है। ऐसे में कयास लगाये जा रहे है, यदि प्रदेश में इस बार बीजेपी सरकार बनाने में कामयाब होती है, तो मुख्यमंत्री का ताज ओबीसी वर्ग के नेता केे सिर पर सज सकता है।

ऐसे में बीजेपी में ओबीसी वर्ग से सीएम के दावेदारों के चेहरों पर गौर करे तो इनमे 5 नाम प्रमुख रूप से है। पहला नाम भाजपा प्रदेश अध्यक्ष अरुण साव, पूर्व नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक, दुर्ग सांसद विजय बघेल, नेता प्रतिपक्ष नारायण चंदेल, पूर्व मंत्री अजय चंद्राकर का नाम शामिल हैं। लेकिन इन सब में सबसे ज्यादा चर्चा मौजूदा राजनीति में बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष अरूण साव की हो रही है। बीजेपी ने सांसद और प्रदेश अध्यक्ष अरूण साव को विधानसभा चुनाव के मैदान में उतार दिया है। इसके बाद अब सियासी गलियारे में सर्वाधिक चर्चा इसी बात की है कि क्या पीएम मोदी का रथ अरूण साव को सत्ता के सिंहासन तक पहुंचा पायेगा ? खैर बात सियासी है, तो इसके कई तरह के मायने भी निकाले जाते है। लेकिन मौजूदा वक्त में कांग्रेस और बीजेपी चुनावी रण में कमर कसकर उतर गये है। ऐसे में जनता किसे अपना मताधिकार देकर विजय तिलक लगाती है, और संगठन किसे मुख्यमंत्री का ताज पहनाती है…..ये तो आने वाला वक्त ही तय करेगा।

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