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CG- गर्ल्स होस्टल में ब्वायफ्रेंड को बुलाती थी अधीक्षिका, कलेक्टर ने तत्काल हटाया, कहा जांच पूरी होने के बाद की जायेगी कड़ी कार्रवाई

मुंगेली 20 जुलाई 2022 । आदिवासी कन्या छात्रावास में किसी भी समय पुरूष साथी को बुलाकर मनमानी करने वाली अधीक्षिका को कलेक्टर ने तत्काल प्रभाव से हटा दिया हैं। कलेक्टर राहुल देव ने इस गंभीर प्रकरण पर SDM की अध्यक्षता में तीन सदस्यीय जांच टीम गठित कर जांच रिपोर्ट आने के बाद कड़ी कार्रवाई का आश्वासन दिया हैं।

मुंगेली जिला में आदिवासी छात्रावास में मनमानी और बच्चों के साथ प्रताड़ना की खुलासा एक बार फिर हुआ है। बताया जा रहा हैं कि यहां के जरहागांव के प्री-मैट्रिक अनुसूचित जाति कन्या छात्रावास में अधीक्षिका के पद पर निकिता शर्मा पदस्थ हैं। छात्रावास की छात्राओं और स्टाफ की माने तो कन्या छात्रावास में बिना वैधानिक अनुमति के पुरूषों का प्रवेश वर्जित हैं। लेकिन सारे नियमों को दरकिनार कर छात्रावास अधीक्षिका निकिता शर्मा आये दिन मनीष तिवारी नामक शख्स को दिनदहाड़े छात्रावास में प्रवेश दिया जाता हैं।

छात्राओं का आरोप हैं कि छात्रावास में प्रवेश के बाद उक्त सख्स के द्वारा छात्राओं के कमरें में भी ताक झाक की जाती है। इस पूरे मामले पर छात्रावास की रसोईयां सहित छात्राओं ने आदिवासी सहायक आयुक्त शिल्पा साय से भी पूर्व में शिकायत की गयी थी, लेकिन सहायक आयुक्त ने इस गंभीर मामले पर संज्ञान लेने के बजाये उल्टे छात्रावास के महिला कर्मियों को काम से निकालने की धमकी दे दी गयी। छात्रावास अधीक्षिकी की मनमानी और अवैधानिक कृत्यों से स्टाफ और बच्चें काफी परेशान थे।

लिहाजा एक दिन पहले ही मुंगेली दौरे पर पहुंचे अनुसूचित जनजाति आयोग के अध्यक्ष से छात्रावास की छात्राओं और महिला स्टाफ ने मुलाकात कर अपनी समस्यांए बताई। मौके पर मौजूद कलेक्टर राहुल देव के संज्ञान में जैसे ही ये मामला आया, उन्होने सभी को इस पूरे प्रकरण पर कड़ी कार्रवाई का आश्वासन दिया गया। फिर क्या था, मामले की जानकारी के बाद आज कलेक्टर ने छात्रावास अधीक्षिका निकिता शर्मा को तत्काल प्रभाव से छात्रावास से हटाकर आदिवासी विभाग में अटेच कर दिया गया है।

इसके साथ ही मुंगेली एसडीएम की अध्यक्षता में तीन सदस्यीय जांच टीम गठित कर इस पूरे प्रकरण की जांच का आदेश दिया गया हैं। कलेक्टर राहुल देव की इस कार्रवाई के बाद हड़कंप मचा हुआ है। कलेक्टर राहुल देव ने साफ किया हैं कि अगर जांच रिपोर्ट में छात्रावास अधीक्षिका के खिलाफ मिली शिकायत में सत्यता पाई जाती हैं, तो इस पूरे मामले में दोषियों पर सख्त कार्रवाई की जायेगी।

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