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..जग्गी हत्याकांड में याहया ढेबर ने भी किया सरेंडर, कोर्ट ने सजा रखी थी बरकरा, दो आरोपी पहले ही…

रायपुर 30 अप्रैल 2024। रामवतार जग्गी हत्याकांड में एक और आरोपी ने सरेंडर कर दिया है। जग्गी हत्याकांड से जुड़ी मामले में कोर्ट में पहले से ही दो आरोपियों ने सरेंडर कर दिया था। अब आरोपी याहया ढेबर ने भी रायपुर कोर्ट में सरेंडर कर दिया है। आपको बता दें कि 2003 में रामावतार जग्गी की हत्या हुई थी।

आपको बता दें कि जग्गी हत्याकांड मामले में कुल 31 आरोपी बनाये गये थे। 15 अप्रैल को दो शूटर विनोद सिंह राठौर और चिमन सिंह ने स्पेशल कोर्ट में  सरेंडर किया था। जग्गी हत्याकांड का मुख्य आरोपित याहया ढेबर रायपुर के ढेबर बंधुओं में से एक है। पांच भाइयों में एजाज ढेबर रायपुर के मौजूदा मेयर हैं। वहीं एक भाई अनवर ढेबर शराब कारोबारी है।

छत्तीसगढ़ के शराब घोटाला केस में ईडी ने उसे छह मई, 2023 को गिरफ्तार किया था।हालांकि सुप्रीम कोर्ट ने हत्‍याकांड मामले की सुनवाई करते हुए पांच दोषियों को सरेंडर के लिए तीन सप्‍ताह का अतिरिक्‍त समय दिया था। इनमें क्राइम ब्रांच के प्रभारी रहे आरसी त्रिवेदी, तत्कालीन मौदहापारा थाना प्रभारी वीके पांडे, सीएसपी कोतवाली अमरीक सिंह गिल, सूर्यकांत तिवारी सहित मेयर एजाज ढेबर के भाई याहया ढेबर शामिल हैं।

गौरतलब है कि 21 वर्ष पहले 4 जून 2003 को एनसीपी के कोषाध्यक्ष रामअवतार जग्गी की गोली मारकर हत्या की गई थी. उसके बाद उनके बेटे सतीश जग्गी ने मौदहापारा थाने में एफआईआर दर्ज कराई थी. इस मामले में निचली अदालत ने 31 मई 2007 को कुछ आरोपियों को बरी करते हुए शेष आरोपियों को उम्र कैद की सजा सुनाई थी. हाई कोर्ट ने उस फैसले को बरकरार रखा है. अब  शूटर चिमन सिह, याहया ढेबर, तत्कालिक सीएपी अमरिंदर गिल,आरसी त्रिवेदी, व्हीके पाण्डेय, अभय गोयल सहित 27 लोगों को उम्र कैद की सजा दी गई है.

गौरतलब है कि इस मामले की सीबीआई जांच हुई थी. एनसीपी नेता रामअवतार जग्गी की हत्या के मामले में सीबीआई ने छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी के बेटे अमित जोगी को भी मुख्य आरोपी बनाया था. हालांकि, सेशन कोर्ट ने 31 मई 2007 को अमित जोगी को बरी कर दिया, जबकि 28 लोगों को सजा सुनाई थी. सूत्र बताते हैं कि इस मामले के एक आरोपी यहिया ढेबर के भाई अनवर ढेबर ने उस वक्त कहा था कि उसका भाई बेगुनाह है. उसने एक जज के बेटे का स्टिंग ऑपरेशन करने का दावा भी किया था. अनवर ढेबर स्टिंग ऑपरेशन की सीडी को लेकर तत्कालीन मुख्यमंत्री रमन सिंह के पास भी गए थे. इसके बाद सिंह ने मामले की जांच का आश्वासन दिया था.

 

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