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CG: अपहरणकांड पर बवाल: पहले FIR कर आरोपी को हिरासत में लिया….फिर थाने से छोड़ दिया,BJP नेता ने खुद पर पेट्रोल डालकर कहा यहीं मर जाऊंगा !

रायपुर 15 जुलाई 2023। राजधानी रायपुर में बीजेपी नेता के अपहरणकांड मामले में बवाल हो गया हैं। यहां पुलिस ने पहले एफआईआर कर मुख्य आरोपी को हिरासत में लेने के बाद छोड़ दिया गया। पुलिस की इस कार्रवाई के बाद थाने में जमकर बवाल शुरू हो गया, और पीड़ित भाजपा नेता ने थाने में ही खुद पर पेट्रोल डालकर थाने में आत्महत्या करने की धमकी देने लगा। राजनीतिक मामले को लेकर रायपुर पुलिस की कार्रवाई विवादों में आ गयी हैं।

दरअसल पूरा मामला रायपुर के टिकरापारा थाना क्षेत्र का है। बीजेपी नेता मनीष ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराया था कि 12 जुलाई की रात हर्षवर्धन ने उसे चाय पीने के बहाने अपने साथ कार में बिठा लिया था। रात पिस्टल की नोक पर फार्महाउस पर बंधक बनाकर दूसरे दिन सुबह तक उसके साथ मारपीट कर 5 लाख रूपये की मांग की गयी। 13 जुलाई की सुबह 7 बजे तक उसे बंधक बनाकर रखा गया। इसके बाद मनीष ने अपनी जान बचाने के लिए हर्षवर्धन से पचपेड़ी नाका जाकर वहां रुपए देने की बात कहा गया। हर्षवर्धन अपनी कार में बैठाकर मनीष को पचपेड़ी नाका से भांठागांव तक तीन बार आना जाना करके उसे घुमाता रहा। पचपेड़ी नाका ओवरब्रिज के नीचे मौका देखकर कार का गेट खोलकर मनीष कूदकर भाग गया। इसके बाद पुलिस में उसने इस घटना की रिपोर्ट दर्ज करायी।

टिकरापारा पुलिस ने बीजेेपी नेता के अपहरण और पैसों की मांग के मामले पर गैर जमानती धाराओं के तहत आरोपी हर्षवर्धन के खिलाफ एफआईआर दर्ज किया गया। लेकिन आरोपी को हिरासत में लेने के बाद ही थाने में बवाल शुरू हो गया था। बताया जा रहा हैं कि आरोपी हर्षवर्धन समाजसेवी ममता शर्मा का बेटा है। बीजेपी नेता मनीष का आरोप हैं कि हर्षवर्धन के खिलाफ अपराध दर्ज होने के बाद भी उसकी मां अपनी पहुंच दिखाकर थाने से अपने बेटे को छुड़ाकर ले गयी। पुलिस की इस कार्रवाई को लेकर दोबारा बीजेपी के लोग थाने पहुंचकर जमकर बवाल किया गया। पुलिस की कार्रवाई पर सवाल उठाते हुए अपहृत बीजेपी नेता मनीष ने थाने में ही खुद पर पेट्रोल डाल लिया और आत्मदाह का प्रयास करने लगा।

इसे देख थाने के पुलिसकर्मियों ने मनीष के कपड़े फाड़कर उस पर पानी छींट कर उसे आग लगाने से रोका। मनीष का आरोप हैं कि आरोपी हर्षवर्धन उसे मारे सकता हैं। लेकिन पुलिस उसके खिलाफ कार्रवाई नही कर रही हैं। इस पूरे घटनाक्रम के बाद बीजेपी नेता और उसके समर्थकों ने थाने का घेराव कर अपराधियों को संरक्षण देना बंद करो…. जैसे नारे थाने में लगाने लगे। उधर पुलिस अधिकारी बता रहे हैं कि इस मामले में आरोपी हर्षवर्धन को पूछताछ के लिए बुलाया गया था। मामले की प्रारंभिक जांच करने पर किडनैपिंग का जो दावा किया गया है, वह वह गलत था। सीसीटीवी फुटेज में देखने पर हर्षवर्धन और मनीष दोनों को साथ जाते देखा जा सकता हैं। इस वजह से पूछताछ के बाद फिलहाल आरोपी को जाने दिया गया है।

पुलिस अधिकारियों का कहना हैं कि आरोपी पर जांच के बाद पुलिस वैधानिक कार्रवाई करेगी। वहीं दूसरी तरफ पुलिस अपनी ही कार्रवाई को लेकर उलझती नजर आ रही हैं। भाजपा नेता मनीष की शिकायत के आधार पर पुलिस ने हर्षवर्धन और उसके साथियों पर 294. 323. 34.365.384.506. के तहत अपराध दर्ज किया हैं। इनमें धारा 365 अपहरण के प्रयास और 384 धमकाकर वसूली करने पर लगाया जाता हैं, जों कि गैर जमानती हैं। इन धाराओं के तहत गिरफ्तार आरोपियों को पुलिस न्यायालय से बगैर बेल मिले छोड़ नही सकती हैं। लेकिन टिकरापारा पुलिस ने इस मामले में पहले तो गैर जमानती धाराओं के तहत एफआईआर दर्ज कर लिया और फिर आरोपी को हिरासत में लेने के बाद छोड़ दिया गया। जिससे रायपुर पुलिस की जमकर किरकिरी हो रही हैं।

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