ब्यूरोक्रेट्स

CG: ….जब इस जिले की कलेक्टर ने दिखाया “फ़िल्म नायक” वाला अंदाज़…. बीच बैठक में ही टाईप हो गया तहसीलदार का ट्रांसफर आर्डर !

कोरबा 30 मार्च 2022 । ….जिस अधिकारी को इतना समय नहीं कि साढ़े तीन महीने में एक भी प्रकरण का निपटारा कर सके, वो कोरबा में रहने लायक नहीं है…इनको शो-कॉज नोटिस जारी कीजिये, इनको पसान भेजिये…ठाकुर जी, इनका तुरंत ट्रांसफर आर्डर लाइये! ….आज कलेक्टर रानू साहू का टीएल मीटिंग में बिल्कुल “नायक फिल्म” वाला अंदाज दिखा। दरअसल आज कलेक्टोरेट कार्यालय के सभागार में टीएल की मीटिंग थी। सामने कलेक्टर रानू साहू बैठी थी… सभी अधिकारी मौजूद थे और राजस्व प्रकरण की समीक्षा चल रही थी। प्रोजेक्टर पर प्रजेंटेशन देखते-देखते अचानक से कलेक्टर रानू साहू एक आंकड़े को देख नाराज हो गयी। दरअसल वो आंकड़ा राजस्व प्रकरण के लंबित मामलों का था। साढ़े तीन महीने में कोरबा तहसीलदार ने एक भी प्रकरण का निपटारा किया ही नहीं था। तहसीलदार के इस कारगुजारी पर खफा कलेक्टर ने भरी बैठक में उसे फटकार लगा दी। ना सिर्फ फटकार लगायी, बल्कि ये भी कह दिया कि ऐसा अधिकारी कोरबा जिला मुख्यालय में रहने लायक नहीं है।

कोरबा जिला में राजस्व विभाग की लचर कार्यप्रणाली को लेकर मंगलवार को टीएल की बैठक में कलेक्टर रानू साहू का गुस्सा फूट पड़ा। समय सीमा की बैठक में कलेक्टर रानू साहू राजस्व विभाग की समीक्षा कर रही थी। इसी दौरान कलेक्टर ने पिछले जनदर्शन में आये शिकायतों के निराकरण की जानकारी SDM और तहसीलदारों से पूछ ली। तहसीलदार जवाब में पटवारी प्रतिवेदन नही मिलने सहित शिकायतकर्ता को अपात्र बताकर अपना पल्ला झाड़ने की कोशिश कर रहे थे, तभी कलेक्टर ने पटवारी की रिपोर्ट का परीक्षण करने की बात SDM और तहसीलदार से पूछ लिया।

कलेक्टर के इस सवाल पर सन्नाटा पसर गया, बस फिर क्या था कलेक्टर ने एसडीएम और तहसीलदारों की क्लास लगा दी। कलेक्टर ने राजस्व विभाग की कार्य प्रणाली और पटवारियों की मनमानी पर सवाल उठाते हुए ये तक कह दिया कि “आपको मालूम है आपका पटवारी छोटी-छोटी जमीन के सीमांकन और चौहद्दी के लिए किस तरह लोगों को घूमाते है। आम लोग जनदर्शन में पटवारी की मनमानी की शिकायत करते है और उसके बाद भी पटवारी की रिपोर्ट का परीक्षण किये बगैर ही तहसीलदार अपना निर्णय दे रहे है। ये बर्दाश्त नही किया जायेगा।

बैठक के दौरान कलेक्टर का गुस्सा उस वक्त और भड़क गया, जब कोरबा तहसील में पिछले साढ़े तीन महीने से लंबित राजस्व प्रकरणों का निराकरण अपूर्ण मिला। इस बात से नाराज कलेक्टर ने बैठक में ही लापरवाह तहसीलदार सुरेश साहू को शो कॉज नोटिस जारी कर तत्काल पसान ट्रांसफर करने का आदेश दिया गया। बैठक के बीच में ही ट्रांसफर आदेश टाईप कराकर प्रस्तुत किया गया और राजस्व प्रकरण में लापरवाही कर शासन-प्रशासन की मंशा पर पानी फेरने वाले तहसीलदार को पसान तबादला करने का आदेश टाईप करने को कह दिया। फैसला ऑन द स्पॉट के तर्ज पर कलेक्टर की इस कार्रवाई को देख अफसरों के बीच जबरदस्त हड़कंप मचा रहा।

वही कलेक्टर ने राजस्व प्रकरणों के निराकरण के नाम पर रिश्वत मांगने वालों पर नकेल कसने के लिए एक टोल फ्री नंबर 9406133440 भी जारी किया गया है। जिले के नागरिक टोल फ्री नंबर पर राजस्व संबंधी प्रकरणों के निराकरण के लिए रिश्वत मांगने वाले अधिकारी की सीधी शिकायत कर सकेगें। इस टोल फ्री नंबर पर बकायदा शिकायतकर्ता की शिकायत RECORD की जाएगी । शिकायत मिलने के बाद प्रकरण की जांच कर शिकायत सही पाये जाने पर रिश्वत मांगने वाले के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने की बात कलेक्टर रानू साहू ने कही है। कोरबा कलेक्टर रानू साहू के “नायक फिल्म” वाले अंदाज के बाद जहां पूरे प्रशासन और राजस्व विभाग में हड़कंप मचा हुआ है, वही राजस्व मामलों को लेकर तहसील और पटवारी का चक्कर काटने वालों को कलेक्टर के इस आदेश से काफी राहत मिलेगी।

Back to top button