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NW न्यूज 24 स्पेशल : CM भूपेश की जॉब गारंटी :…अब पॉलिटेक्निक व ITI में पढ़ाई के साथ जॉब होगी पक्की…. बेरोजगारी मिटाने देश की नामी कंपनी टाटा का मिला साथ

रायपुर 20 अक्टूबर 2022। छत्तीसगढ़ के पॉलिटेक्निक और ITI को टेक्नोलॉजी हब के रूप में विकसित करने के लिए भूपेश सरकार ने बड़ा कदम उठाया है। राज्य योजना आयोग और टाटा टेक्नोलॉजी पुणे के बीच MOU हुआ है, जिसके बाद अब पॉलिटेक्निक व ITI हाईटेक और जॉब ओरिएंटेड हो जायेगा। अगले सत्र से टाटा राज्य के सभी 47 पॉलिटेक्निक और 186 आईटीआई में अपना वर्कशाप खोलेगी। इसमें शार्ट और लांग टर्म कोर्स कराए जाएंगे। कोर्स करने वाले 90 प्रतिशत छात्रों को टाटा नौकरी भी देगी। सभी कोर्स बाजार को देखते हुए डिजाइन किए गए हैं। बड़ी-बड़ी इंडस्ट्री में जिस तरह के मेन पावर की डिमांड है, छात्रों को वही ट्रेनिंग दी जाएगी। कोर्स करने वाले सभी छात्रों को टाटा अपना सर्टिफिकेट देगी।

CG में 90 फीसदी छात्रों को मिलेगी नौकरी

इस फैसले के बाद राज्य के तकनीकी शिक्षण संस्थानों में ना सिर्फ तकनीकी दक्षता आ जायेगी, बल्कि कृषि अनुसंधान व नवाचार केंद्रो के अपग्रेडेशन की दिशा में भी नयी पहल हो जायेगी। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की ये सोच उस दिशा में राज्य का बढ़ा कदम है, जिसके तहत युवाओं को रोजगार और स्वरोजगार की तरफ तेजी से बढ़ने में मदद मिलेगी। जानकारी के मुताबिक आने वाले समय में कुछ और कंपनियों के साथ एमओयू किए जाएंगे। यह आईटीआई, पॉलिटेक्निक, इंजीनियरिंग में गेम चेंजर बनेगा। अब इन कॉलेजों से निकलने वाले छात्र बाजार के हिसाब से स्किल्ड टेक्नोक्रेट्स होंगे। कॉलेज में कोर्स पूरा होने से पहले ही छात्रों के पास नौकरी होगी।

23 तकनीकी शार्ट टर्म कोर्सेस की होगी शुरूआत

इस फैसले के बाद भविष्य में प्रौद्योगिकी पर आधारित अर्थव्यवस्था का विस्तार तो होगा ही, राज्य के युवाओं को आधुनिकतम तकनीकों से लैस भी किया जायेगा, ताकि वे रोजगार और स्वरोजगार के लिए तैयार हो सकें। जानकार बताते हैं कि टाटा टेक्नोलाजी के साथ MOU छत्तीसगढ़ के औद्योगिक विकास के लिए काफी महत्वपूर्ण होगा। हालांकि इसके लिए तकनीकी पाठ्यक्रम में भी बदलाव की जरूरत है, जिसके लिए मुख्यमंत्री ने निर्देश भी दिये हैं। MOU के मौके पर मुख्यमंत्री ने कहा था कि उद्योगों की मांग के अनुरूप युवाओं की शिक्षा होनी चाहिए। मुख्यमंत्री ने कहा कि तकनीकी शिक्षा के साथ ही युवाओं को प्रशिक्षण भी देना चाहिए ताकि राज्य में रोजगारोन्मुखी मानव संसाधन तैयार हों, देश और दुनिया को कुशलतम मानव संसाधन मिले। इस एमओयू के माध्यम से प्रदेश में 23 तकनीकी शार्ट टर्म कोर्सेस की शुरूआत की जाएगी

MOU से रोजगार सृजन की नयी राह तैयार होगी

मुख्यमंत्री ने कहा कि टाटा टेक्नालाजी लिमिटेड, पुणे प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में ख्यातिप्राप्त संस्था है जो अपनी सेवाओं और अनुभव का लाभ अन्य राज्यों में भी दे रही है। इस संबंध में एक प्रस्ताव राज्य को भी प्राप्त हुआ। जिसकी उपयोगिता को देखते हुए राज्य योजना आयोग व टाटा टेक्नोलॉजी के मध्य आज एम.ओ.यू. हस्ताक्षर किया जा रहा है। इससे राज्य में रोजगार सृजन में सहायता मिलेगी। इस मौके पर राज्य योजना आयोग के उपाध्यक्ष अजय सिंह ने बताया कि टाटा टेक्नालाजी द्वारा आगामी तीन वर्षों तक राज्य योजना आयोग के सहयोग से संबंधित विभागों के माध्यम से शैक्षणिक एवं तकनीकी संस्थानों को अपनी सेवायें उपलब्ध कराई जाएगी । इसके लिए राज्य योजना आयोग में एक ‘स्ट्रेटजी एण्ड पॉलिसी असिस्टेंस यूनिट’ का गठन कर समन्वय का कार्य किया जाएगा।

शार्ट और लांग टर्म सर्टिफिकेट कोर्स का होगा संचालन

टाटा शार्ट और लांग टर्म दोनों तरह के सर्टिफिकेट कोर्स कराएगी। 3,4,5 महीने से लेकर छात्रों को एक साल तक के कोर्स पढ़ने को मिलेंगे। जैसे कोर्स कंप्लीट होते जाएंगे, वैसे ही आगे के कोर्स में पढ़ाई के लिए दाखिला मिलता जाएगा। पूरे सिलेबस को टाटा के ही एक्सपर्ट अलग पैटर्न पर तैयार कर रहे हैं। कोर्स कंप्लीट होने पर टाटा हर छात्र को अपना सर्टिफिकेट भी देगी।छात्रों को किताबी ज्ञान की जगह प्रैक्टिकल नॉलेज पर ज्यादा फोकस किया जाएगा। इस समय इंडस्ट्री में जिस तरह के तकनीकी ज्ञान की जरूरत है, उन्हें वैसा बनाया जाएगा। पढ़ाई कराने के लिए टाटा अपने एक्सपर्ट खुद नियुक्त करेगी। कॉलेज के टीचर केवल तय कोर्स ही पढ़ाएंगे। अभी जो भी कॉलेज में समय और कोर्स तय है, छात्रों काे वहीं पढ़ना है। इसके अलावा टाटा के कोर्स एक्स्ट्रा टाइम में करना होगा। जो छात्र इच्छुक होंगे वे टाटा के कोर्स की पढ़ाई करेंगे।

जॉब होगी पक्की

टाटा से कोर्स करने वाले 90 प्रतिशत छात्रों को जॉब मिलेगी। टाटा के साथ कई इंटरनेशनल कंपनियां जुड़कर भी काम करती हैं। टाटा अपने यहां तो छात्रों को नौकरी देगा ही, साथ वाली इंटरनेशनल कंपनियों में भी छात्रों को प्लेसमेंट मिलेगा।

जमीन उपलब्ध करायेगी सरकार

हर आईटीआई, पॉलिटेक्निक और इंजीनियरिंग कॉलेज में सरकार टाटा को 10 हजार स्क्वायर फीट जमीन 3 साल के लिए देगी। इस जमीन पर टाटा अपने वर्कशाप का प्री स्ट्रक्चर खड़ा करेगा। क्लासरूम से लेकर ट्रेनिंग रूम तक होंगे। इसके लिए जनवरी तक सर्वे पूरा हो जाएगा और जमीन चिन्हित कर ली जाएगी। 3 साल बाद अगर एमओयू आगे नहीं बढ़ता है तो टाटा इस जमीन को खाली कर देगा।

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