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कांग्रेस ने भाजपा अध्यक्ष को भेजा नोटिस…. पूछा, बतायें कब भगवान राम को काल्पनिक बताया ?….15 दिन में नहीं मिला जवाब, तो मानहानि

रायपुर 10 सितंबर 2022। राम के अस्तित्व को नकाने वाले संबोधन पर भाजपा के प्रदेश अरूण साव घिर गये हैं। कांग्रेस ने प्रदेश अध्यक्ष को कानूनी नोटिस भेज दिया है। आज कांग्रेस भवन में संचार प्रमुख सुशील आनंद शुक्ला, विधि विभाग अध्यक्ष देवा देवांगन, प्रवक्ता धनंजय सिंह ठाकुर, विजय राठौर, देवेंदर होरा ने भाजपा की तरफ से दिये बयान पर कड़ी नाराजगी जतायी गयी। कांग्रेस ने इस मामले में बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष अरुण साव को कांग्रेस ने नोटिस भेजकर तीन सवालों का जवाब मांगा है।

  • कांग्रेस पार्टी ने सुप्रीम कोर्ट में कब तथा किस तारीख और सन् को हलफनामा दिया है जिसमें भगवान श्रीराम को काल्पनिक बताया गया हो? कृपया दस्तावेजों सहित उत्तर दीजिएगा?
  • कांग्रेस पार्टी ने श्रीराम सेतु को तोड़ने का खाका तैयार कब तथा किस तारीख को सन् को किया था? कृपया दस्तावेजों सहित उत्तर दीजिएगा?
  • कांग्रेस पार्टी ने श्रीराम जन्मभूमि पर मस्जिद बनाने का वादा कब तथा किस तारीख को सन् को किया था? कृपया दस्तावेजों सहित उत्तर दीजिएगा?

आपको बता दें कि अरुण साव ने बयान में कहा था कि श्रीराम और कृष्ण निसंदेह सबके है, लेकिन कांग्रेस के वे कभी नहीं हो सकते…इस बयान के संदर्भ कहा था कि कांग्रेस पार्टी ने श्रीराम को काल्पनिक बताया था, कांग्रेस पार्टी ने श्रीरामसेतु को तोड़ने का खाका तैयार किया था? कांग्रेस पार्टी ने श्री राम जन्म भूमि में मस्जिद बनाने का वादा किया था।

कांग्रेस ने कहा कि कांग्रेस ने कहा, आरोपों की प्रामाणिकता क्या है? ये भाजपा को बताना चाहिये, अगर 15 दिन में नोटिस का जवाब नहीं दिया, तो मानहानि का दावा करेंगे।

नोटिस में क्या लिखा है

कांग्रेस ने कहा है कि आप का एक वक्तव्य दिनांक 20.08.2022 के विभिन्न समाचार पत्रों में प्रकाशित हुआ है जो इस प्रकार कि ‘‘श्रीराम और श्रीकृष्ण निस्संदेह सबके हैं लेकिन कांग्रेस के वे कभी नहीं हो सकते। श्री साव ने कहा कि मुख्यमंत्री को यह याद रखना चाहिए कि उनकी पार्टी ने ऊपरी अदालत में बकायदा हलफनामा देकर से श्रीराम को काल्पनिक बताया था। ये वही लोग हैं जिन्होंने श्रीराम सेतु को तोड़ने का खाका तैयार कर लिया था। जिन्होंने श्रीराम जन्मभूमि पर मस्जिद बनाने का वादा कर दिया था।’’

इस प्रकार के आप के उक्त वक्तव्य से मेरे पक्षकार को बहुत ही दुख हुआ क्योंकि कांग्रेस पार्टी जो कि भारत की एक रजिस्टर्ड पार्टी है जिसमें सभी समुदाय और धर्म के असंख्य लोग सदस्य हैं, ऐसे में साशय कांग्रेस पार्टी के सदस्यों की आस्था को चोट पहुंचाने वाले वक्तव्य देने का अधिकार आप को नहीं है।

बल्कि जनवरी 1993 में पूर्व प्रधानमंत्री श्री पी.वी. नरसिम्हा राव की कांग्रेस सरकार ने अयोध्या में राम मंदिर बनाने का अध्यादेश लाया था। जिसका विरोध आप की पार्टी भारतीय जनता पार्टी ने उस समय किया था।

नोटिस में लिखा है कि मेरे पक्षकार ने बताया है कि कांग्रेस पार्टी ने कभी भी सुप्रीम कोर्ट में ऐसा कोई हलफनामा नहीं दिया है जिसमें भगवान श्रीराम को काल्पनिक बताया गया हो। कांग्रेस पार्टी में कभी भी श्रीराम सेतु को तोड़ने का कोई खाका तैयार नहीं किया था कांग्रेस पार्टी में श्रीराम जन्मभूमि पर मस्जिद बनाने का वादा कभी भी नहीं किया था।

यह कि आप को अच्छी तरह से जानकारी है कि कांग्रेस पार्टी जो कि भारत की एक रजिस्टर्ड पार्टी है जिसमें सभी समुदाय और धर्म के असंख्य लोग सदस्य हैं ऐसे में कांग्रेस पार्टी के अनेक सदस्यों की आस्था को चोट पहुंचाने वाले वक्तव्य देकर कांग्रेस पार्टी के अनेक सदस्यों की उनके मान-सम्मान, प्रतिष्ठा को ठेस पहुंचाने की नियत से तथा कांग्रेस पार्टी की छवि धूमिल करने की नियत से आप ने समाचार पत्रों, टीवी चैनलों, प्रिंट व इलेक्ट्रॉनिक मीडिया के माध्यम से मिथ्या व असत्य तथ्यों को गढ़कर भ्रामक व असत्य आरोप लगाने का झूठा आरोप कांग्रेस पार्टी के विरुद्ध लगाए हैं और मेरे पक्षकार की भी मानहानि किया है, क्योंकि मेरा पक्षकार कांग्रेस पार्टी की एक जिम्मेदारी पर आसीन है। इस प्रकार आप का उक्त कृत्य भारतीय दंड संहिता की धारा 195, 499, 500 के अंतर्गत गंभीर अपराध की श्रेणी में आता है।

यह कि आप ने जो झूठा आरोप मेरे पक्षकार की पार्टी के विरुद्ध लगाया है उसे प्रमाणित करने का भार आप की है। आप के पास ऐसा कोई भी दस्तावेज या प्रत्यक्ष प्रमाण नहीं है कि आप के पास ऐसा कोई भी दस्तावेज या प्रत्यक्ष प्रमाण नहीं है कि आप के द्वारा लगाए गए उक्त आरोपों से संबंधित दस्तावेज आप के पास हो। इस तरह आप ने मेरे पक्षकार/कांग्रेस पार्टी के विरुद्ध जानबूझकर मेरे पक्षकार और कांग्रेस पार्टी की मान-मर्यादा और प्रतिष्ठा तथा छवि को धूमिल करने की नियत से उक्त प्रकार के झूठा आरोप लगाए हैं। 

यह कि चूंकि आप एक सभ्य पढ़े-लिखे व्यक्ति हैं और आप के द्वारा इस प्रकार की अशोभनीय वक्तव्य देने से कांग्रेस पार्टी के सभी सदस्यों के सम्मान, प्रतिष्ठा को बहुत ही ठेस पहुंची है।

यह कि आप के द्वारा लगाए गए झूठे आरोपों के कारण मेरा पक्ष का बहुत ही परेशान हो गया है क्योंकि मेरे पक्षकार के कार्यालय में कार्यरत स्टॉफ के लोग तथा मेरे पक्षकार के घर/निवास स्थान के आसपास के लोग एवं समाज के लोग तथा मेरे पक्षकार के चिर-परिचित के लोगों द्वारा उन्हें हेय की दृष्टि से देखते हैं और आप के द्वारा लगाए गए झूठे आरोप के बारे में चर्चा करते रहते हैं। जिसके कारण मेरे पक्षकार की मान-मर्यादा, सम्मान एवं छवि को ठेस पहुंची है।

अतः आप को इस रजिस्टर्ड नोटिस के माध्यम से सूचित की जाती है कि इस रजिस्टर्ड नोटिस प्राप्ति के 15 दिनों के अंदर आप दस्तावेजों सहित उपरोक्त का जवाब प्रस्तुत करें या कांग्रेस पार्टी से अपने उक्त काल्पनिक कृत्य के लिए लिखित में माफी मांगे और कांग्रेस पार्टी के विरुद्ध भविष्य में भी जानबूझकर झूठी अनर्गल बातें करने और झूठे आरोप लगाना बंद करें। बाद बीतने म्याद इस नोटिस प्राप्ति के 15 दिनों के पश्चात मेरे पक्षकार, आप के विरुद्ध संबंधित थाना/न्यायालय में दांडिक कार्यवाही करने को बाध्य होगा जिसके समस्त हर्जे एवं खर्चे की जवाबदारी आप की होगी।
इस अवसर प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता धनंजय सिंह, कांग्रेस विधि विभाग के अध्यक्ष डॉ. देवा देवांगन, विधि विभाग के रायपुर शहर अध्यक्ष सह-अधिवक्ता विजय कुमार राठौर उपस्थित थे।

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