पॉलिटिकल

कांग्रेस को आज मिलेगा नया बॉस,…24 साल बाद गांधी परिवार से बाहर का नेता संभालेगा कमान….

नई दिल्ली 19 अक्टूबर 2022 : देश की सबसे पुरानी राजनीतिक पार्टी कांग्रेस को आज उसका नया अध्यक्ष मिल जाएगा। 24 साल बाद पहली बार ऐसा होगा जब पार्टी को गांधी परिवार से बाहर का अध्यक्ष मिलेगा। इससे पहले सीताराम केसरी गैर गांधी अध्यक्ष रहे थे। इस पद के लिए वरिष्ठ नेता मल्लिकार्जुन खड़गे और शशि थरूर के बीच मुकाबला है। 9,915 में से 9,500 से ज्यादा निवार्चक मंडल सदस्यों ने सोमवार को मतदान किया था। इन वोटों की गिनती सुबह 10 बजे एआईसीसी मुख्यालय में शुरू होगी, जिसके बाद नए अध्यक्ष केे नाम का ऐलान होगा।

देश भर में स्थापित 68 मतदान केंद्रों से सभी सीलबंद मतपेटियों को पार्टी मुख्यालय के स्ट्रॉन्ग रूम में पहुंचा दिया गया है। सीलबंद मतपेटियों को उम्मीदवारों के एजेंटों के सामने खोला जाएगा और मतपत्रों को मिलाया जाएगा।

9500 डेलीगेट्स ने किया है अपने मतों का प्रयोग
मिस्त्री ने बताया कि पूरे चुनाव को निष्पक्ष और पारदर्शी तरीके से कराया गया है। पारदर्शिता को बनाए रखने के लिए हर मतपेटी को उम्मीदवारों के प्रतिनिधियों की मौजूदगी में खोला जाएगा। खोलने से पहले मतपेटियों पर लगी सील भी उम्मीदवारों के प्रतिनिधियों को चेक कराया जाएगा। उनकी संतुष्टि के बाद ही मतपेटी खोल कर उसके मत पत्रों को बाहर निकाला जाएगा और सबको मिक्स करके मतगणना शुरू की जाएगी। उन्होंने बताया कि देशभर में 68 मतदान केंद्र बनाए गए थे। फिलवक्त तक मिले आंकड़ों के मुताबिक करीब 9500 लोगों ने अपने वोट का प्रयोग किया है।

24 साल बाद कांग्रेस को मिलेगा गैर गांधी अध्यक्ष
कांग्रेस के इतिहास में करीब 24 साल बाद पार्टी की कमान गैर गांधी के हाथों में जा रही है। इससे पहले सीताराम केसरी गैर-गांधी अध्यक्ष रहे थे। इस बार मुकाबले में पार्टी के वरिष्ठ नेता मल्लिकार्जुन खरगे और केरल से सांसद शशि थरूर हैं। गांधी परिवार ने इस बार चुनाव से अपनी दूरी बना कर रखा। मतदान से पहले सोनिया गांधी ने संवाददाताओं के सवालों के जवाब में कहा था, मैं इस दिन का लंबे समय से इंतजार कर रही थी। वहीं, राहुल गांधी पार्टी के तमाम नेताओं की मान-मनव्वल के बाद भी पार्टी अध्यक्ष का पद स्वीकार करने को तैयार नहीं हुए।

पार्टी महासचिव जयराम रमेश के मुताबिक, अध्यक्ष पद के लिए अब तक 1939, 1950, 1977, 1997 और 2000 में चुनाव हुए हैं। इस बार पूरे 22 वर्षों के बाद अध्यक्ष पद के लिए चुनाव हो रहा है। उन्होंने बताया कि इस चुनाव से 24 साल बाद गांधी परिवार के बाहर कोई नेता देश की सबसे पुरानी पार्टी का अध्यक्ष चुना जाएगा। इससे पहले सीताराम केसरी गैर-गांधी अध्यक्ष रहे थे।

कांग्रेस के 137 साल के इतिहास में अध्यक्ष पद के लिए इस बार छठी बार चुनाव हो रहा है।

1939 में जब अध्यक्ष पद के लिए चुनाव हुआ था, तब महात्मा गांधी के उम्मीदवार पी सीतारमैया नेताजी सुभाष चंद्र बोस से हार गए थे।

फिर आजादी के बाद पहली बार 1950 में पार्टी अध्यक्ष के पद के लिए चुनाव हुआ। तब पुरुषोत्तम दास टंडन और आचार्य कृपलानी का आमना-सामना हुआ। इस चुनाव में सरदार वल्लभभाई पटेल के खास माने जाने वाले टंडन ने तत्कालीन पीएम जवाहरलाल नेहरू की पसंद को पछाड़ दिया था।

1977 के लोकसभा चुनावों में कांग्रेस को करारी हार मिली थी, जिसके बाद देव कांत बरूआ ने अध्यक्ष पद से इस्तीफे दे दिया था। इसके बाद के ब्रह्मानंद रेड्डी ने पार्टी अध्यक्ष के चुनाव में सिद्धार्थ शंकर रे और करण सिंह को हराया।

20 साल बाद 1997 में अध्यक्ष पद के लिए चुनाव हुआ। इस चुनाव में सीताराम केसरी ने शरद पवार और राजेश पायलट के साथ त्रिकोणीय मुकाबले में जीत हासिल की। महाराष्ट्र और यूपी के कुछ हिस्सों को छोड़कर सभी राज्य कांग्रेस इकाइयों ने केसरी का समर्थन किया था। उन्हें 6,224 वोट मिले जबकि पवार को 882 और पायलट को महज 354 वोट मिले थे।

2000 में जब चुनाव हुआ तब पहला मौका था किसी ने गांधी परिवार के किसी सदस्य को चुनौती दी थी। इस चुनाव में सोनिया गांधी के खिलाफ जितेंद्र प्रसाद ने दावा ठोका था। इस चुनाव में प्रसाद को करारी हार मिली थी। सोनिया को 7,400 से ज्यादा वोट मिले थे, जबकि प्रसाद के खाते में 94 वोट पड़े थे।

सोनिया गांधी कांग्रेस अध्यक्ष पद पर सबसे लंबे समय तक काबिज रहने वाली एकमात्र नेता हैं। वह 1998 से इस पद पर हैं। हालांकि 2017 और 2019 में राहुल गांधी ने इस पद को संभाला था।

आजादी के बाद से 40 साल नेहरू-गांधी परिवार के सदसय ही पार्टी के शीर्ष पर रहे हैं। कांग्रेस अध्यक्ष का पद संभालने वाले परिवार के पांच सदस्यों में जवाहरलाल नेहरू, इंदिरा गांधी, राजीव गांधी, सोनिया गांधी और राहुल गांधी शामिल हैं।

Back to top button