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DDU-GKY ने बदल दी रजनी की तकदीर…90% दिव्यांग होने के बाबजूद संघर्ष, स्वाभिमान और संबल की बनी मिसाल

रायपुर 10 सितंबर 2022। ज़िन्दगी की मुश्किलों से लड़ते-लड़ते अगर आप थकने लगे हैं, तो ये ख़बर आपको ज़रूर पढ़नी चाहिए। संघर्ष, स्वाभिमान और संबल आपकी जिंदगी को किस तरह बदल सकती है, ये रजनी से बेहतर कोई नहीं जान सकता। ईश्वर ने तो रजनी को इस दुनिया में कुछ कमियों के साथ भेजा था… लेकिन इस जमीं पर उसे उस योजना का साथ मिला, जिसने उसकी तकदीर और तस्वीर दोनों बदल कर रख दी।  दीनदयाल उपाध्याय ग्रामीण कौशल्य योजना ने रजनी को ना सिर्फ एक अलग पहचान दी, बल्कि आर्थिक रूप से सक्षम भी बनाया।

आइये मिलते हैं रजनी से। इन्होंने हर मुश्किल से लोहा लिया है लेकिन चेहरे पर मुस्कराहट कभी कम नहीं होने देती हैं । साधारण सी दिखने वाली रजनी बेहद खास हैं। 32 साल की रजनी 90 प्रतिशत दिव्यांग हैं, लेकिन हौसला पूरा 100 प्रतिशत है। जज्बा मानों ऐसा कि तूफान से भी टकरा जाये। रजनी जन्म से ही एक हाथ के साथ पैदा हुईं थीं। इस कमी की वजह से रजनी लोगों से मिलने-जुलने में संकोच करती थीं। वो घर से सिर्फ बहुत ज़रूरी काम हो या परीक्षा देने ही निकलती थीं, लेकिन रजनी ने अपनी दिव्यांगता को अपनी पढ़ाई पर कभी हावी नहीं होने दिया। रजनी ने अपने बाएं हाथ से ही स्कूल-कॉलेज की परीक्षाओं में प्रश्नों के जवाब लिखे। आज इसी हाथ से वो हर दिन अपनी जिंदगी के मुश्किल सवालों से भी दो-दो हाथ करती हैं।

ऐसी है रजनी

 जशपुर की रहने वाली रजनी के पिता मार्कुस कुजूर एक गरीब किसान हैं। मां सोभो कुजूर घर संभालती हैं। इन हालातों में रजनी का परिवार पैसों की कमी से जूझ रहा था। अभी तक रजनी की सारी ज़िम्मेदारी उनके पिता ही उठा रहे थे। इन मुश्किल हालातों में भी रजनी ने पढाई नहीं छोड़ी। सरगुजा ज़िले से राजनीति विज्ञान में एम. ए किया और फिर शुरु हुई तलाश काम की। इसी बीच रजनी आमदनी का ज़रिया भी तलाश कर रही थीं जिससे वो अपने पिता की कुछ मदद कर सकें। रजनी जोर-शोर से नौकरी की तलाश कर रहीं थी, तभी उन्हें दीनदयाल उपाध्याय ग्रामीण कौशल्य योजना (DDU-GKY) के बारे में पता चला।

दीनदयाल उपाध्याय ग्रामीण कौशल योजना ने दिखाया रास्ता

DDU-GKY छत्तीसगढ़ के तहत ट्रेनिंग दे रहे फ्यूचर शेप सोशल एजुकेशनल सोसाइटी, रायपुर के जशपुर में लगे शिविर में रजनी को योजना के बारे में जानकारी मिली। रजनी ने थोड़ी तहकीकात की और फिर उन्होंने रिटेल टीम लीडर कोर्स में दाखिला ले लिया।

DDU-GKY क्या है

 डीडीयू-जीकेवाई ग्रामीण विकास मंत्रालय, भारत सरकार (एमओआरडी) की मांग-संचालित प्लेसमेंट-लिंक्ड कौशल प्रशिक्षण पहल है, जिसका उद्देश्य विशिष्ट रूप से 15 से 35 वर्ष की आयु के ग्रामीण गरीब युवाओं के लिए आय के अवसर पैदा करना है।

जीवन का नया अध्याय

 रजनी ने फरवरी 2022 से लेकर 17 जून 2022 तक रिटेल टीम लीडर की फ्यूचर शेप सोशल एजुकेशनल सोसाइटी, खम्मारडीह, शंकर नगर, रायपुर से ट्रेनिंग ली। इस ट्रेनिंग ने रजनी को नए पंख दिए, उम्मीद दी और दिया हौसला कि वो किसी से भी कम नहीं है।  अब ट्रेनिंग खत्म हो चुकी थी, बारी काम की थी।  रजनी  को फ्यूचर शेप सोशल एजुकेशनल सोसाइटी में ही वार्डन और सिक्योरिटी का काम मिल गया है। रजनी की पहली सैलरी 9000/- रूपये है। भले ही उनकी नौकरी करते एक- दो महीना ही गुज़रा है लेकिन उनमें आत्मविश्वास पहले की अपेक्षा कई गुना ज़्यादा है।

DDU-GKY लाया चेहरे पर मुस्कान

कभी रजनी को लगता था कि उनकी दिव्यांगता उनके रास्ते का रोड़ा है लेकिन ये DDU-GKY की ट्रेनिंग का ही कमाल है कि अब उन्हें इसकी कोई चिंता नहीं है। रजनी आज फ्यूचर शेप सोशल एजुकेशनल सोसाइटी, रायपुर में वॉर्डन और सुपरवाइजर का काम कुशलता से कर रही हैं और वो खुश हैं। रजनी की पहली सैलरी आ चुकी है लेकिन उन्होंने  पूरे पैसे बचा कर रखे हैं। रजनी ने कहा कि वो इन पैसों से मम्मी-पापा के लिए कपड़े खरीदेंगी। अगर कुछ पैसे बच गए तो खुद के लिए भी शॉपिंग करेंगी। अब रजनी की नौकरी भी लग गई है तो क्या वो शादी करेंगी इस पर वो बस दिल खोल कर मुस्कुरा देती हैं।

DDU-GKY के लिए योग्यता

  • आवेदक की आयु 15 से 35 वर्ष के बीच होनी चाहिए
  • सभी भारतीय महिलाएं योग्य हैं
  • विकलांग व्यक्ति (PWD)
  • ट्रांसजेंडर और अन्य विशेष समूह
  • SC और ST के लिए 50% फंड आरक्षित
  • अल्पसंख्यक समूहों के लिए 15%
  • विकलांग लोगों के लिए 3%
  • हर ट्रेनिंग प्रोग्राम में 33% महिलाएँ हैं
  • विशेष रूप से कमज़ोर जनजातीय समूहों (PVTGs) से जुड़ें लोग

DDU-GKY की विशेषताएं और लाभ

  • DDU-GKY ग्रामीण युवाओं और उनके परिवारों के लिए सकारात्मक बदलाव तय करने के लिए कौशल पार्टनर, संगठन, शिक्षण संस्थान और प्राइवेट और पब्लिक संगठनों के साथ काम करता है
  • बेसिक कंप्यूटर ट्रैनिंग, स्पॉकन इंग्लिश और रेज़िडेंट और नॉन- रेज़िडेंट  कैंपस में सॉफ्ट स्किल्स पर्याप्त प्रौद्योगिकी उद्योग के लिए काम करता है
  • 6000 रु. के न्यूनतम मासिक वेतन के साथ कम से कम 70% प्रोजेक्ट टारेगट ट्रेनी रखने की कोशिश होती है
  • सॉफ्ट स्किल्स पर न्यूनतम ट्रेनिंग कम से कम 160 घंटे तक बनाए रखते हैं
  • यह सुनिश्चित करने के लिए कार्य तत्परता प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन करता है कि उम्मीदवार किसी भी संगठन में शामिल होते ही प्रदर्शन शुरू कर देते हैं
  • ट्रेनर के लाभों में आवासीय कार्यक्रम के मामले में मुफ्त वर्दी, कोर्स मैटेरियल और यहां तक कि लॉजिंग और बोर्डिंग शामिल हैं
  • प्लेसमेंट के बाद 2-6 महीनों के आधार पर एडवांस सैलरी पाएं
  • ट्रेनिंग सेंटर हर उम्मीदवार एक टैबलेट मिलता है

DDU-GKY के तहत रजिस्ट्रेशन कैसे करें

सबसे पहले, आवेदकों को अपने ग्राम पंचायत या ग्राम रोज़गार सेवक के साथ दाखिला लेने की आवश्यकता है, आगे उन्हें आसपास के ट्रेनिंग सेंटर के बारे में सिफारिशें मिलेंगी।

दूसरा कदम, आवेदकों को पास के ट्रेनिंग सेंटर को खोजने और संपर्क करने की आवश्यकता है।

तीसरा, आवेदकों को एक बिज़नस ढूंढने की आवश्यकता होती है जिसे वह सीखना चाहते हैं और उस बिज़नस को सीखने के लिए ट्रेनिंग सेंटर से  संपर्क करने की ज़रूरत है।

अंत में, आवेदक कौशल पंजी की आधिकारिक वेबसाइट पर जाकर या यहां क्लिक करके या  “candidate registration” पर क्लिक करके रजिस्ट्रेशन कर सकते हैं।

इस सेक्शन के तहत तीन कैटेगरी हैं जिन्हें आवेदकों द्वारा विभिन्न उद्देश्यों के लिए एक्सेस किया जा सकता है, जैसे कि फ्रेश / न्यू रजिस्ट्रेशन, इंकप्लिट रजिस्ट्रेशन फॉर्म और रजिस्टर्ड कैंडिडेट

नए रजिस्ट्रेशन का चयन करके और नीचे दिए गए टैब ‘Next’ पर क्लिक करने से एक नया पेज खुलेगा जिसमें सभी जानकारी की आवश्यकता होगी।

आवश्यक दस्तावेज़

  • मतदाता पहचान पत्र
  • आधार कार्ड या सरकार द्वारा जारी किया गया फोटो पहचान पत्र
  • स्वयं या अपने घर का बीपीएल कार्ड (उल्लिखित नामों के साथ)
  • राष्ट्रीय स्वास्थ्य बीमा योजना (RSBY) कार्ड
  • अंत्योदय अन्न योजना (AAY) और BPL PDS कार्ड
  • NRLM-स्व सहायता समूह की पहचान या आपके घर के किसी सदस्य के लिए प्रमाण पत्र
  • कम से कम 15 दिनों के पूरे के साथ, आपके घर के किसी भी सदस्य का मनरेगा श्रमिक कार्ड

आवेदकों को उन सभी जानकारियों को भरना होगा जो उनके ज्ञान के अनुसार सही होनी चाहिए और ‘Save and Proceed’ पर क्लिक करें। इस तरह आवेदक DDU-GKY के तहत रजिस्ट्रेशन कर सकता है।

आयु सीमा आरक्षण या छूट प्रमाण

  • अधिकारी द्वारा जारी SC/ ST प्रमाण पत्र
  • रजिस्टर्ड मेडिकल व्यवसायी द्वारा जारी किया गया विकलांगता प्रमाण पत्र

DDU-GKY लोगों को कुशल-ट्रेनिंग प्रोग्राम आयोजित करके रोज़गार दिलाने में मदद करता है जो लोगों को बेहतर रोज़गार और कैरियर के विकास के दायरे को बढ़ाने में मदद करते हैं। लोगों द्वारा सीखे गए कुशल ट्रैनिंग प्रोगाम न केवल रोज़गार हासिल करने के लिए हैं, बल्कि यह बिज़नेस के अवसरों को भी अधिक बनाते हैं। प्रशिक्षित लोग अपने कौशल को देखते हुए एक स्टार्ट-अप बिज़नस शुरू कर सकते हैं। इसे और अधिक आसान  बनाने के लिए भारत सरकार ने बैंकों और NBFC के साथ टाई-अप में कई योजनाएं शुरू की हैं, जिसमें वे ग्राहकों को फंड सहायता प्रदान करते हैं।  बिज़नस आवश्यकताओं और ब्याज दर के आधार पर 50,000 रु. से 10 लाख तक की लोन राशि EMI के रूप में आसान भुगतान विकल्प के साथ है।

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