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जाकेश साहू को टिकट देने की मांग:कर्मचारी संगठन ने विधानसभा चुनाव में मांगा प्रतिनिधित्व, 90 में से 5 सीटों पर कर्मचारी नेताओं को टिकट देने की मांग

रायपुर 12 सितंबर 2023। छत्तीसगढ़ प्रदेश में कर्मचारी वर्ग से अब तक की सबसे बड़ी चुनावी खबर निकलकर सामने आ रही है। खबर यह है कि प्रदेश के कर्मचारी संगठन “प्रधान पाठक/यूडीटी मंच” एवं “छत्तीसगढ़ प्रदेश संयुक्त कर्मचारी मोर्चा” ने छत्तीसगढ़ कांग्रेस के प्रदेश प्रभारी कुमारी शैलजा, राज्य के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल, उपमुख्यमंत्री टीएस सिंहदेव, विधानसभा अध्यक्ष चरणदास महंत एवं प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष दीपक बैज के नाम सोसल मीडिया में खुला पत्र लिखकर प्रदेश में कर्मचारियों के प्रतिनिधि के तौर पर कर्मचारी संगठन के मुखिया एवं प्रांताध्यक्ष व प्रदेश संयोजक जाकेश साहू के लिए राजनांदगांव के खुज्जी विधानसभा सीट से टिकिट की मांग की है। साथ ही राज्य के लगभग 5 सीटों पर भी प्रदेश के कर्मचारी संवर्ग को टिकिट देने की मांग करते हुए राज्य विधानसभा में कर्मचारियों के लिए कम से कम 10 % सीटों पर प्रतिनिधित्व देने की मांग की है।


“छत्तीसगढ़ प्रधान पाठक/यूडीटी मंच” के प्रदेश उपाध्यक्ष नारायण रजक, महेंद्र साहू, सुरित नेताम, जिलाध्यक्षद्वय पुरुषोत्तम शर्मा, परमेश्वर साहू, महेश्वर कोटपरहिया, महेंद्र टंडन, बरत राम रत्नाकर, निर्मल भट्टाचार्य, धन्नू साहू, उत्तम कुमार जोशी, एवं प्रदेश, जिला व ब्लाक पदाधिकारीगण देवेन्द्र सिन्हा, रमेश कश्यप, मोहन नेताम, गणेश साहू, रोहिणी एक्का, जानकी साहू, संगीता तिवारी, देवकी पाठक आदि सभी ने संयुक्त रूप से सोशल मीडिया में छत्तीसगढ़ प्रदेश कांग्रेस कमेटी के नाम खुला पत्र जारी करते हुए कहा कि राज्य में विधानसभा की कुल 90 सीटें है।


ऐसे में 90 सीटों में से कम से कम 5 सिटें अर्थात 10 % सिटें राज्य के कर्मचारियों को दी जाएं। जिसमे राजनांदगांव जिले की खुज्जी (77) विधानसभा सीट राज्य के तेजतर्रार कर्मचारी नेता एवं “छत्तीसगढ़ प्रधान पाठक/यूडीटी मंच के प्रांताध्यक्ष जाकेश साहू को दी जाए। जिससे कि वे छत्तीसगढ़ विधानसभा में राज्य के सात लाख कर्मचारियों एवं इनके 7×10 = 70 लाख पारिवारिक सदस्यों का प्रतिनिधित्व कर सके।


प्रदेश उपाध्यक्ष नारायण रजक, महेंद्र साहू, सुरित नेताम, पदाधिकारीद्वय पुरुषोत्तम शर्मा एवं महेश्वर कोटपरिहा ने प्रेस विज्ञप्ति एवं खुला पत्र मीडिया में जारी करते हुए बताया कि राज्य में कर्मचारियों की मांगों के लिए समय समय पर आंदोलन होते रहते है लेकिन हम चाहते है कि कर्मचारियों का प्रतिनिधि भी विधानसभा में बैठे जिससे कि हमारी मांगो को समय समय पर सदन के पटल में उठाई जा सके।


यह बात उल्लेखनीय है कि सहायक शिक्षकों की वेतन विसंगति एवं समस्त शिक्षक एलबी संवर्ग की प्रथम सेवा गणना की मांगें अब तक पूरी नहीं हो पाई है जबकि इसके लिए विगत पांच सालों से लगातार आंदोलन किया जा रहा है ऐसे में विधानसभा में कर्मचारियों के प्रतिनिधियों की उपस्थिति आवश्यक है जिससे कि हमारी मांगो को दमदारी से सदन में रखा जा सके।


“छत्तीसगढ़ प्रदेश संयुक्त कर्मचारी मोर्चा” एवं “प्रधान पाठक मंच” ने प्रदेश संगठन की ओर राज्य के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल, कांग्रेस पार्टी के छत्तीसगढ़ प्रभारी कुमारी सैलजा, उपमुख्यमंत्री टीएस सिंहदेव सहित कांग्रेस पार्टी के तमाम आला नेताओ को सोशल मीडिया के माध्यम से खुला पत्र लिखते हुए विनम्र आग्रह किया है कि कांग्रेस पार्टी जब आदिवासी समाज, साहू समाज, निषाद समाज, कुर्मी समाज सहित विभिन्न समाजों एवं संगठनों के मुखिया लोगो को टिकिट देता है तो फिर इस बार कर्मचारी संगठन को भी अनिवार्य रूप से पार्टी से टिकिट दिया जाए।


प्रदेशाध्यक्ष जाकेश साहू को कर्मचारियों का प्रतिनिधित्व देते हुए विधानसभा भेजने की मांग :-


“कर्मचारी संगठन” की ओर से राज्य के धाकड़ एवं तेजतर्रार कर्मचारी नेता जाकेश साहू को कांग्रेस पार्टी से टिकिट देकर विधानसभा भेजने की मांग की गई है। चूंकि जाकेश साहू एक ऐसे सर्वमान्य कर्मचारी नेता है जिसकी जितने की 100 प्रतिशत गारन्टी है।
उनके द्वारा विगत 15 वर्षों से लगातार कर्मचारियों की समस्याओं के समाधान के लिए सतत संघर्ष किया गया है। उनके द्वारा 2018 में छत्तीसगढ़ सहायक शिक्षक फेडरेशन की स्थापना कर सहायक शिक्षको की मांगों को लेकर तात्कालीन रमन सरकार के खिलाफ छत्तीसगढ़ प्रदेश के राजधानी रायपुर में भयंकर व ऐतिहासिक आंदोलन की गई थी जिससे रमन सरकार की चूलें हिल गई थी।
उक्त आंदोलन में विगत 30 सितम्बर 2018 को राजधानी रायपुर में लगभग 50 हजार से अधिक शिक्षको की आक्रोशित भीड़ जमा हो गई थी। उस समय फेडरेशन के मुखिया व प्रदेश संयोजक जाकेश साहू ने भरी मंच से रमन सिंह को चेतावनी दी थी कि यदि सहायक शिक्षको की वेतन विसंगति दूर नहीं हुई तो रमन सरकार को 90 में से 9 सीट भी नहीं मिलेगी। जिसके बाद जाकेश साहू की भविष्यवाणी सच हुई और रमन सिंह 90 में से 15 सीट में सिमटकर रह गए।

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