हेडलाइन

शिक्षक प्रमोशन पर ग्रहण: शिक्षक प्रमोशन को लेकर जारी हुआ अवमानना का एक और लीगल नोटिस, “रद्द करें पदोन्नति आदेश, नहीं तो अवमानना…”

रायपुर 16 मई 2023। शिक्षक प्रमोशन में कोर्ट का साया अब तक नहीं छूटा है। दुर्ग और बिलासपुर के बाद अब रायपुर के संयुक्त संचालक को भी अधिवक्ता ने अवमानना का लीगल नोटिस दिया है। अधिवक्ता गोपाल माथुर ने अपने लीगल नोटिस में हिंदी विषय में जारी पदोन्नति आदेश को तुरंत रद्द करने अन्यथा अवमानना याचिका दायर करने की बात कही है।

लीगल नोटिस में अधिवक्ता गोपाल माथुर ने कहा है कि उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश की युगल पीठ ने संस्कृत विषय को लेकर दायर याचिका को सुनवाई के लिए ग्राह्य करते हुए संदर्भित डब्ल्यूपी०एस० नंबर 1483/ 2023 में पारित स्थगन आदेश दिनांक 07.02.2022 के तहत् राज्य में संस्कृत शिक्षक के पदोन्नति पर रोक लगा दी है। उसके बाद दिनांक 22.03.2023 को स्थगन आदेश को आगे जारी रखा गया है।

स्थगन के बावजूद संयुक्त संचालक के द्वारा हिन्दी विषय के पद पर पदोन्नति की कार्यवाही की गई है जबकि हिन्दी संस्कृत संयुक्त रूप से सेटअप जारी किया गया है, जबतक दोनों पद पृथक पृथक रूप से हर जिले के लिए अधिसूचित नहीं हो जाते दोनों पद संयुक्त है एवं यदि हिन्दी में पदोन्नति दी जाती है तो ये उच्च न्यायालय के स्थगन आदेश जिसमें संस्कृत शिक्षकों की पदोन्नति पर रोक की अवहेलना होगी। क्योंकि अभी ये सभी पद संयुक्त है। नोटिस में लिखा है कि इस कारण संस्कृत में रोक के कारण दोनों पदों में पदोन्नति नहीं की जा सकती हैं। जब तक राजपत्र में पृथक पृथक पद पर अधिसुचित नहीं हो जाती तब तक प्रमोशन नहीं दिया जा सकता।

नोटिस में कहा गया है कि स्थगन के बाबजूद प्रमोशन मुख्य न्यायाधीश की खंडपीठ द्वारा पारित स्थगन आदेश की अवहेलना है और न्यायालय अवमानना अधिनियम 1971 के तहत दंडनीय है। ऐसे में तत्काल स्थगन आदेश का पालन करते हुए पदोन्नति आदेश रद्द करें अन्यथा अवमानना याचिका दायर की जाएगी।

नोटिस में यह भी कहा गया है कि, इसी प्रकार हिन्दी का पृथक प्रमोशन प्रक्रिया संयुक्त संचालक दुर्ग एवं बिलासपुर द्वारा भी जारी किया गया था, जिसके बाद जारी अवमानना नोटिस के बाद संयुक्त संचालक दुर्ग ने हिन्दी विषय की प्रमोशन की काउंसिलिंग 21.04.2023 एवं 06/05/2023 को स्थगित कर दी है।

Back to top button