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खबर पक्की है : पैसा भी दो, मार भी खाओ, जिलाध्यक्ष की चुनावी तैयारी ….डीए ने तो डरा दिया

पैसा भी दो, मार भी खाओ

पिछले सप्ताह की “खबर पक्की है” में हमने बताया था कि हजारों की संख्या में शिक्षक अपने ट्रांसफर के लिए दलालों के चंगुल में फंसे बैठे हैं और दलालों ने इन से मोटी रकम वसूल ली है। अधिकांश लोगों के पैसे एक मोटी रकम काटने के बाद ही वापसी होगी और शायद चंद लोगों का ही काम हो। ऐसे ही एक मामले में बिलासपुर की महिला शिक्षिका के साथ जमकर मारपीट हुई, महिला शिक्षिका ने ट्रांसफर के लिए 1 लाख रुपए अपने परिचित को दिए थे और काम ना होने पर राशि वापस मांग रही थी ऐसे में परिचित ने महिला शिक्षिका को पैसा देने के नाम पर घर बुलाया और महिला शिक्षिका की तगड़े से पिटाई की जिसके बाद मामला थाने पहुंच गया है। हालांकि यह तो केवल बानगी भर है अभी और एक से बढ़कर एक मामले सामने आने बाकी हैं।

एक वसूली ऐसी भी

आपने नहले पर दहला वाली कई बार कहावत सुनी होंगी, लेकिन इस बार तो गजब ही हो गया। कोरबा की एक महिला शिक्षिका से उसके CAC ने संविलियन के समय उनकी एरियर्स राशि निकालने के नाम पर कमीशन के लिए हस्ताक्षरयुक्त ब्लैंक चेक ले लिया था। एरियर्स की राशि तीन लाख की थी। पहले तो CAC ने तीन लाख एरियर के निकाले, फिर उसे पहले महिला के खाते में डाला और फिर जो ब्लैंक चेक लिया था, उससे 2 लाख रूपये निकालकर अपना कमीशन रख लिया। महिला ने उस समय आपत्ति तो दर्ज कराई लेकिन कुछ कर न सकी। इसी बीच व्हाट्सएप में कुछ खबरों को पढ़कर उसने युवा तुर्क शिक्षक नेता की टीम से संपर्क किया , जिसके बाद संघ के फायर ब्रांड नेता ने उसी चेक को आधार बनाकर ऐसा खेल खेला की बैंक से लेकर इस खेल में शामिल हर व्यक्ति लपेटाता हुआ नजर आया। मामला फंसता देख जिसने राशि निकाली थी उसने हाथ पैर जोड़कर महिला शिक्षिका को पूरी राशि वापस कर दी और ले देकर अपनी जान बचाई वरना नेताजी ने फंदा ऐसा कसा था कि सस्पेंशन तो पक्की थी।

अनुकंपा संघ में हुआ दो फाड़

संविलियन से पूर्व काल के गाल में समा चुके शिक्षाकर्मियों के परिजनों ने अनुकंपा नियुक्ति की मांग को लेकर अनुकंपा नियुक्ति संघ तैयार किया था। इस संघ की अध्यक्षता लंबे समय से माधुरी मृगे कर रही थी लेकिन अब संगठन में फूट पड़ गई है और नया संगठन तैयार हो गया है। इस संघ की अध्यक्षता उन्हीं के संगठन की उपाध्यक्ष कर रही है । बताते हैं कि संगठन के अंदर पूर्व अध्यक्ष की कार्यप्रणाली को लेकर जबरदस्त नाराजगी है साथ ही पूर्व अध्यक्ष का साथ देने के लिए कोई भी शिक्षक संगठन का नेता तैयार नहीं है। क्योंकि, बात बात पर पूर्व अध्यक्ष का गुस्सा फूट पड़ता है, ऐसे में शिक्षक संघ के नेताओं ने भी अनुकंपा संघ से दूरी बना ली थी। इसे देखते हुए और कुछ अन्य मुद्दों को लेकर संघ के अंदर बेचैनी महसूस की जा रही थी और अब इसी को देखते हुए एक दूसरा संगठन तैयार हो गया है जो नए सिरे से अपनी लड़ाई लड़ेगा।

जिलाध्यक्ष दे सकते हैं कभी भी इस्तीफा

बिलासपुर जिले के एक शिक्षक संगठन के जिलाध्यक्ष कभी भी इस्तीफा सौंप सकते हैं इसके लिए उन्होंने भूमिका भी तैयार कर ली है। अप्रत्यक्ष रूप से ये बात अपने साथियों तक भी पहुंचा दी है। उन्होंने बता दिया है कि समस्या जहां से सुलझ सकती है वह वहां पर पहुंचना चाहते है। इसके लिए उन्हें नौकरी छोड़ने से भी कोई गुरेज नहीं है। शिक्षक नेता का एक क्षेत्र विशेष में अच्छा प्रभाव है। हालाकि वह अपने पद से इस्तीफा देंगे या नहीं और चुनावी संभावना बनेगी कि नहीं यह तो भविष्य के गर्भ में है लेकिन हकीकत यह है कि पिछले चुनाव में एक शिक्षक नेता ने विधायक बनाकर जो उदाहरण तो प्रस्तुत किया है वो अन्य लोगों को भी आकर्षित करता है। इस बार मैदान में कई शिक्षक नेता अपना भाग्य आजमाते हुए नजर आए तो आश्चर्य नहीं होगा ।

कौन डीए नहीं लेगा ?

प्रदेश के कर्मचारियों को बहुत उम्मीद थी कि 17 नहीं तो कम से कम 11 प्रतिशत तो महंगाई भत्ता बढ़ ही जायेगा। लेकिन सरकार ने सभी छकाते हुए 5 प्रतिशत महंगाई भत्ता बढ़ाने की घोषणा कर दी। अब 5 प्रतिशत का गणित किसी को समझ नहीं आ रहा, कि आखिर 5 प्रतिशत किस आधार पर बढ़ा, क्योंकि कैलकुलेशन तो यही था कि या तो 3 या 4 नहीं तो 7 या 11 प्रतिशत, लेकिन 5 प्रतिशत ने सभी को सरप्राइज कर दिया। इधर मुख्यमंत्री ने डीए का ऐलान किया, उधर कुछ कर्मचारी शिक्षक संगठन कागज कलम लेकर हिसाब लगाने में जुट गये, तो कुछ मोबाइल लेकर मीम और श्लोगन लिखने बैठ गये। डीए के मुद्दे पर पूरा सोशल मीडिया श्लोगन और टिप्पणियों से भरा पड़ा है। इधर कर्मचारी संगठन के कुछ नेता उन नेताओं की कुंडली खंगाल रहे हैं, तो सोशल मीडिया में डींग हांक कर रहे थे कि 5 प्रतिशत मिला तो महंगाई भत्ता नहीं लेगे। अब कर्मचारी नेता पूछ रहे हैं कि है हिम्मत तो लिखकर दे, कि बढ़ा हुआ महंगाई भत्ता नहीं लेंगे।

ये सवाल जरूरी है –

  1. महंगाई भत्ता 5 प्रतिशत किस आधार पर बढ़ा है?
  2. डीए के लिए इस बार किस संगठन को श्रेय मिलना चाहिये?

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