हेल्थ / लाइफस्टाइल

हेल्थ टिप्स : क्या आपको Diabetes है…ऐसे की पता,वक्त रहते कर ले इलाज वरना….

डायबिटीज की समस्या होने पर शरीर कई तरह के संकेत देने लगता है. इसमें पैरों पर भी कुछ संकेत दिखाई देने लगते हैं जिन्हें वक्त रहते पहचानकर समस्या से निबटा जा सकता है. शरीर में ग्लूकोज की मात्रा बढ़ जाने पर टाइप 1, टाइप 2 डायबिटीज (Type 2 Diabetes), प्रीडायबिटीज और गेस्टेशनल डायबिटीज हो सकती है. इन सबके लक्षण एकदूसरे से मिलते-जुलते भी हो सकते हैं. वहीं, पैरों पर दिखने वाले शुरुआती निशानों (Symptoms on feet) की पहचान करना भी जरूरी है. आइए जानें वे कौनसे लक्षण हैं जो पैरों पर नजर आते हैं और डायबिटीज का कारण हो सकते हैं. 

डायबिटिक न्यूरोपेथी (Diabetic Neuropathy), डायबिटीज में होने वाली पैरों की एक कंडीशन है जिसमें नस डैमेज हो जाती है. इसमें ज्यादातर पैरों की नसें डैमेज होती हैं जिसके कारण पैरों में दर्द होता है और पैर सुन्न हो जाते हैं. इससे पाचन, यूरिनरी ट्रेक्ट, रक्तवाहिनियां और दिल की सेहत भी प्रभावित होती है. 

फूट अल्सर (Foot Ulcer) होने पर स्किन कटने लगती है या गहरा घाव नजर आता है. यह पैरों के निचले हिस्से में नजर आता है और इससे स्किन भी निकलती हुई दिखती है. कई मामलों में पैर काटने की नौबत तक आ जाती है. इससे बचने का तरीका है कि डायबिटीज की शुरुआत में ही ब्लड शुगर बढ़ने से रोका जाए. 

कड़ी त्वचा 

पैरों के तलवों पर त्वचा के कड़े होने को कॉर्न या कैलसेस भी कहते हैं. इसमें तलवे पर या पंजों के बीच में स्किन जमा हो जाती है और छूने पर बेहद कठोर लगती है. डायबिटीज से हटकर ये दिक्कत गलत फिटिंग के जूते पहनने पर भी हो सकती है. 


नाखून में फंगल इंफेक्शन 


डायबिटीज के मरीजों को नाखूनों में फंगल इंफेक्शन (Fungal Infection) होने का खतरा भी रहता है. इससे नाखून का रंग बदल जाना, नाखून काला पड़ना, नाखून टेढ़े-मेढ़े होने की दिक्कत भी हो सकती है. किसी चोट के कारण भी नाखून में फंगल इंफेक्शन हो सकता है. 


एथलीट्स फूट 

पैरों से जुड़ी यह समस्या यूं तो कई कारणों से हो सकती है लेकिन डायबिटीज में भी एथलीट्स फूट हो सकता है. इससे फंगल इंफेक्शन, खुजली, रेडनेस और स्किन का फटकर निकलना आदि हो सकता है.

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