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हाईकोर्ट ब्रेकिंग : प्रदेश के ऑर्गन ट्रांसप्लांट मरीजों को हाईकोर्ट से बड़ी राहत….. तीन सप्ताह में शुरू हो जायेगी ब्रेन डेड आर्गन ट्रांसप्लांट की सुविधा

बिलासपुर 17 अगस्त 2022। मानव जीवन बचाने को लेकर हाईकोर्ट ने बड़ा फैसला सुनाया है। ब्रेन डेड (कैडेवर) ऑर्गन ट्रांसप्लांट की सुविधा शुरू करने को हाईकोर्ट ने हरी झंडी दे दी है। दरअसल एक महिला लिवर पेसेंट ने प्रदेश में ब्रेन डेड (कैडेवर) ऑर्गन ट्रांसप्लांट की सुविधा शुरू करने हाईकोर्ट में जनहित याचिका लगाई थी। आज शासन ने जवाब पेश कर कहा की केंद्र सरकार ने इसके लिए सालाना 46 लाख का फंड रिलीज कर दिया है।

तीन सप्ताह के भीतर प्रदेश के अस्पतालों का निरीक्षण, रजिस्ट्रेशन और ट्रांसप्लांट की सुविधा भी शुरू कर दी जाएगी। शासन के इस सकारात्मक जवाब से हाईकोर्ट चीफ जस्टिस के डिवीजन बेंच भी संतुष्ट नजर आई। इस जवाब के बाद कोर्ट ने अगली सुनवाई 3 सप्ताह के बाद निर्धारित कर दिया है। बतादें की खुद एक लीवर पेशेंट महिला आभा सक्सेना ने अपनी तकलीफ समझते हुए अन्य मरीजों को हो रही तकलीफ से निजाद दिलाने एडवोकेट अमन सक्सेना के माध्यम से हाइकोर्ट में जनहित याचिका दायर किया। जिसमें कहा गया की हमारे राज्य में करीबन 250 ऐसे मरीज है जिन्हे किडनी, लंग्स, कॉर्निया, लीवर और हार्ट, में से किसी न किसी अंग के प्रत्यारोपण की आवश्यकता होती ही है। इसे कोई लाइव डोनर मतलब रक्त संबंधी ही दे सकता है या फिर ब्रेन डेड घोषित मरीज।

ऐसे मरीज करीब 8 अलग – अलग मरीजों का जीवन बचा सकते है, लेकिन हमारे यहां ब्रेन डेड की कोई सुविधा नहीं है। जबकि ट्रांसप्लांट आफ ह्यूमन ओर्गेज एक्ट केंद्र सरकार ने वर्ष 1994 में पारित कर इसे 2011 में संशोधित कर दिया था। छत्तीसगढ सरकार ने इसे स्वीकार भी किया पर अभी यहां 2011 से लेकर अब तक सिर्फ लाइव डोनर से ही ऑर्गन ट्रांसप्लांट हो रहा है ब्रेन डेड से नहीं। इसलिए प्रदेश के तकरीबन 250 से अधिक मरीजों को अन्य राज्यों में भटकना पड़ रहा है। हाईकोर्ट ने पिछले सुनवाई में केंद्र सरकार, राज्य सरकार और संबंधित विभागों से जवाब मांगा था, आज आए जवाब से हाईकोर्ट संतुष्ट है, अब जल्द ही प्रदेश के मरीजों को इसकी सुविधा मिल जाएगी।

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