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विभागीय जांच में उलझे सब इंस्पेक्टर को हाईकोर्ट ने दी राहत, 5 साल से चल रहे विभागीय जांच के तत्काल निराकरण के आदेश

रायपुर 21 अप्रैल 2024। विभागीय जांच में उलझे सब इंस्पेक्टर को हाईकोर्ट ने राहत दी है। हाईकोर्ट ने विभाग को निर्देश दिया है कि वो सब इंस्पेक्टर के खिलाफ चल रही 5 साल से विभागीय जांच का तत्काल निराकरण करें। दरअसल कालीबाड़ी, रायपुर निवासी घनश्याम प्रसाद चेलक, पुलिरा मुख्यालय, रायपुर में सब इन्सपेक्टर के पद पर पदस्थ हैं।

फरवरी 2019 में सहायक पुलिस महानिरीक्षक (एआईजीपी), पीएचक्यू रायपुर द्वारा उनके विरूद्ध विभागीय जांच प्रक्रिया प्रारंभ की गई परन्तु वर्ष 2024 में 05 (पांच) वर्ष से अधिक की समयावधी बीत जाने के पश्चात् भी विभागीय जांच कार्यवाही पूर्ण ना किये जाने से क्षुब्ध होकर घनश्याम प्रसाद चेलक द्वारा हाईकोर्ट अधिवक्ता अभिषेक पाण्डेय एवं दुर्गा मेहर के माध्यम से हाईकोर्ट बिलासपुर के समक्ष रिट याचिका दायर की गई।

अधिवक्ता अभिषेक पाण्डेय एवं दुर्गा मेहर द्वारा हाईकोर्ट के समक्ष यह तर्क प्रस्तुत किया गया कि सुप्रीम कोर्ट द्वारा प्रेमनाथ बाली विरुद्ध रजिस्ट्रार दिल्ली उच्च न्यायालय एवं अन्य के बाद में वर्ष 2015 में दिये गये निर्णय इसके साथ ही छत्तीसगढ़ शासन, सामान्य प्रशासन विभाग, रायपुर द्वारा जारी किये गये सर्कुलर में यह प्रावधान है कि किसी भी शासकीय कर्मचारी के विरूद्ध चल रही विभागीय जांच का निराकरण 01 (एक) वर्ष के भीतर किया जाना अनिवार्य है। परन्तु याचिकाकर्ता के मामले में 05 (पांच) वर्ष से अधिक की समायावधी बीत जाने के पश्चात् भी आज दिनांक तक विभागीय जांच प्रक्रिया पूरी कर जांच में अंतिम निर्णय नहीं लिया गया है।

उच्च न्यायालय, बिलासपुर द्वारा उक्त रिट याचिका की सुनवाई के पश्चात् मामले को अत्यन्त गंभीरता से लेते हुए एडीजीपी, प्रशासन, रायपुर एवं सहायक पुलिस महानिरीक्षक, प्रशासन को यह निर्देशित किया गया कि वे दिनांक 07 गई 2024 के पूर्व याचिकाकर्ता के विरुद्ध संचालित विभागीय जांच कार्यवाही को पूर्ण कर हाईकोर्ट के समक्ष रिपोर्ट प्रस्तुत करें।

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