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हाईकोर्ट : विभाग ने दे दिया कंप्लसरी रिटायरमेंट, लेकिन नहीं किया कोई भुगतान, हाईकोर्ट ने किया चीफ सिक्युरिटी कमिश्नर को तलब

बिलासपुर 30 अप्रैल 2023। कासिमाबाद, जिला गाजीपुर (उ.प्र.) निवासी रामावतार राम, रेलवे सुरक्षा बल, रायपुर में कॉन्स्टेबल के पद पर पदस्थ थे। पारिवारिक समस्याओं के कारण लगातार सेवा से अनुपस्थित रहने के आरोप में वर्ष 2005 में संभागीय सुरक्षा आयुक्त द्वारा अनिवार्य सेवानिवृत्त कर दिया गया। सेवानिवृत्ति के 17 (सत्रह) वर्ष पश्चात् भी रामावतार राम को सेवानिवृत्ति देयक का भुगतान ना किये जाने पर रामावतार राम द्वारा हाईकोर्ट अधिवक्ता अभिषेक पाण्डेय एवं दुर्गा मेहर के माध्यम से हाईकोर्ट बिलासपुर के समक्ष रिट याचिका दायर की गई।

अधिवक्ता अभिषेक पाण्डेय एवं दुर्गा मेहर द्वारा हाईकोर्ट के समक्ष यह तर्क प्रस्तुत किया गया कि चूंकि याचिकाकर्ता की वर्ष 1979 में रेलवे प्रोटेक्शन फोर्स में कॉन्स्टेबल के पद पर प्रथम नियुक्ति हुई थी एवं उनके द्वारा 26 वर्ष तक विभाग में सेवा दी गई अतः अनिवार्य सेवानिवृत्ति के बावजूद भी वे समस्त सेवानिवृत्ति देयक के पात्र हैं। चुकि याचिकाकर्ता वर्ष 2005 में सेवा से रिटायर हुए हैं परन्तु रिटायमेन्ट दिनांक से 17 (सत्रह) वर्ष की समयावधि बीत जाने के बावजूद भी उन्हें सेवानिवृत्ति देयक का भुगतान नहीं किया गया है।

माह फरवरी 2022 में उच्च न्यायालय, बिलासपुर द्वारा उत्तरवादीगणों को नोटिस जारी कर जवाब प्रस्तुत करने का निर्देश दिया था परन्तु 01 (एक) वर्ष से अधिक की समयावधि बीत जाने के बावजूद भी याचिकाकर्ता को ग्रेच्युटी अवकाश नकदीकरण, जीपीएफ, जीआईएस एवं पे स्केल का एरियर्स का भुगतान ना किये जाने पर हाईकोर्ट जस्टिस राकेश मोहन पाण्डेय द्वारा नाराजगी जाहिर करते हुए मुख्य सुरक्षा आयुक्त (रेल्वे), रायपुर को दिनांक 05 (पांच) मई 2023 को हाईकोर्ट के समक्ष उपस्थित होने का निर्देश दिया गया।

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