जानिये कौन है ममता अहार ? जिन्हे मिलेगा छत्तीसगढ़ से राष्ट्रीय शिक्षक पुरस्कार… गीतों के जरिये बच्चों को पढ़ाने की अनूठी कला से प्रदेश भर में है चर्चित… कुल 46 शिक्षकों को….
नयी दिल्ली 26 दिसंबर 2022। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू पांच सितंबर को 46 शिक्षकों को राष्ट्रीय पुरस्कार प्रदान करेंगी। शिक्षकों के लिए यह सम्मान समारोह 05 सितंबर, 2022 को नई दिल्ली के विज्ञान भवन में आयोजित किया जाएगा। पांच सितंबर को देश के दूसरे राष्ट्रपति रहे डॉ सर्वपल्ली राधाकृष्णन की जयंती को देश भर में शिक्षक दिवस के तौर पर मनाया जाता है। इस दिन देश भर से चुने गए सर्वश्रेष्ठ शिक्षकों को राष्ट्रपति के द्वारा राष्ट्रीय पुरस्कार से सम्मानित करने की परंपरा रही है।
विभाग की ओर से सम्मान के लिए योग्य शिक्षकों का चयन ऑनलाइन, कठोर और पारदर्शी तीन चरणों की चयन प्रक्रिया के माध्यम से किया जाता है।
रायपुर की ममता अहार को मिलेगा अवार्ड
छत्तीसगढ़ से रायपुर की सहायक शिक्षक ममता अहार का चयन हुआ है।लाखे नगर निवासी ममता रायपुर के शासकीय प्राइमरी स्कूल पं. सखाराम दुबे स्कूल में सहायक शिक्षक हैं। ममता को अनूठे अंदाज में बच्चों को पढ़ाती है। वो पिछले 23 वर्ष से बच्चों को गीतों के जरिये पढ़ाती है। ममता ने शिक्षा के विस्तार के लिए कई उल्लेखनीय काम किए हैं। खासकर बच्चों को नृत्य-संगीत के माध्यम से रोचक तरीके से पढ़ाने के लिए वह पाठ को पंडवानी और पंथी में बदल देती हैं। नृत्य व संगीत के माध्यम से बच्च्चों को शिक्षा के प्रति आकर्षित करने का फार्मूला देकर ममता राष्ट्रीय स्तर पर चयनित हुई हैं। हिन्दी ही नहीं, अंग्रेजी , गणित विषयों पर भी ममता ने गीत रचना की है। पहाड़ा को नाच-नाचकर पढ़ाने के लिए उन्होंने गीत की रचना की है। ममता स्कूल शिक्षा विभाग की सरकारी योजनाओं से बच्चों व अभिभावकों को जागरुक करने के लिए भी यह गीत की रचना करती हैं। इसके पहले ममता अहार ने प्रदेश की आमा राइट योजना के लिए गीत गाया था। कोरोना काल में लोगों को टीकाकरण यानी वैक्सीन लगाने के लिए प्रेरित करने को उन्होंने चलव-चलव दीदी हो, टीका लगाए बर, चले चलो…,अंगना मा शिक्षा कार्यक्रम के तहत माताओं के उन्मुखीकरण के लिए अंगना मा शिक्षा के है बात, सुन तो दाई, लईका ल पढ़ाय के हे बात…, जैसे कई गीतों के माध्यम से न केवल बच्चों को, बल्कि समाज को भी जागरुक करने का काम किया है।