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NW स्पेशल: पत्रकारों के खुद के आशियाने का सपना होगा पूरा, मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की आवास ऋण ब्याज अनुदान योजना बनेगी मील का पत्थर

रायपुर 22 सितंबर 2023 । भारी भरकम ब्याज दर से ना जाने कितने पत्रकारों का खुद का घर बनाने का सपना अधूरा है। एक तरफ बैंकों के मनमाने ब्याज दर, तो दूसरी तरफ बैकों के नियम कायदे के पेंच….ऐसे में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की एक पहल से प्रदेश के हजारों पत्रकारों का घर बनाने का सपना पूरा होने वाला है। बजट में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने पत्रकारों के लिए आवास ऋण सुविधा का ऐलान किया था, जो अब अमल में आ गया है। ललित सुरजन संचार प्रतिनिधि आवास ऋण ब्याज अनुदान योजना के लिए आवेदन की प्रक्रिया भी शुरू हो गयी है।

मुख्यमंत्री के 5 साल के कार्यकाल को देखें तो उन्होंने पत्रकार हित से जुड़े कई बड़े फैसले लिये। चाहे फिर पत्रकार सुरक्षा की बात हो या फिर आवास ऋण सुविधा की। मुख्यमंत्री की तरफ से घोषित इस ऋण योजना के तहत पत्रकारों को घर बनाने के लिए राज्य सरकार 30 लाख तक का ब्याज देगी। ये आवास ऋण सिर्फ 5 प्रतिशत प्रतिमाह ब्याज अनुदान पर 5 वर्षों तक दिया जाएगा। यह योजना एक अप्रैल 2023 के बाद से क्रय मकान पर प्रभावशील होगी। योजना का लाभ केवल आवासीय ऋण पर दिया जाएगा तथा क्रय किया जाने वाला मकान छत्तीसगढ़ राज्य के भीतर होना चाहिए। ब्याज अनुदान अधिकतम 30 लाख रुपए के आवास ऋण की सीमा तक दिया जाएगा। संचार प्रतिनिधि द्वारा राष्ट्रीयकृत बैंकों, रिजर्व बैंक ऑफ़ इंडिया से अधिसूचित वित्तीय संस्थानों एवं सहकारी बैंकों से लिए गए आवास ऋण पर प्रतिमाह 5 प्रतिशत ब्याज अनुदान 5 वर्षों तक दिया जाएगा।

इन पत्रकारों को होगा फायदा

योजना का लाभ न्यूनतम 5 वर्ष से छत्तीसगढ़ में निवास कर दैनिक समाचार तथा टी.वी. न्यूज चैनल्स में पंजीकृत समाचार एजेंसियों के सम्पादकीय शाखा में कार्य कर रहे पूर्णकालिक तथा अंशकालिक संचार प्रतिनिधि तथा अधिमान्यता नियमों की अर्हतादायी शर्तों को पूरा करने वाले न्यूज पोर्टल्स के सम्पादक एवं स्वतंत्र पत्रकार ले सकेंगे।

संचार प्रतिनिधि स्वयं अथवा पत्नी के साथ संयुक्त नाम से आवास ऋण लें तभी होगी पात्रता- संचार प्रतिनिधि स्वयं अथवा पत्नी के साथ संयुक्त नाम से आवास ऋण लेने पर ही इस योजना की पात्रता होगी। योजना मात्र एक आवास ऋण में ही लागू होगी। किसी संचार प्रतिनिधि द्वारा पूर्व से अपने अथवा पत्नी के स्वामित्व का मकान योजना लागू होने के बाद अवयस्क/वयस्क संतान को अंतरित कर नया आवास लेने की दशा में योजना का लाभ नहीं मिलेगा।

पूर्व से स्वीकृत आवास ऋण पटाकर नये आवास ऋण प्राप्त करने पर योजना का लाभ नहीं मिलेगा। संचार प्रतिनिधियों द्वारा नियमित ऋण एवं ब्याज अदायगी करने पर ही इस योजना का लाभ मिलेगा। डिफॉल्टर होने की स्थिति में योजना के लाभ की पात्रता स्वयमेव समाप्त हो जायेगी।

शपथ पत्र भी देना होगा- योजना से संबंधित नियम एवं आवेदन का प्रारूप जनसंपर्क विभाग की वेबसाईट dprcg.gov.in से प्राप्त किया जा सकता है। योजना में पात्रता के लिए स्वयं अथवा पत्नी, आश्रित पुत्र-पुत्री के नाम से कोई अन्य आवासीय भवन नहीं होना चाहिए। इस आशय का शपथ-पत्र देना होगा। शपथ पत्र के साथ संचार प्रतिनिधियों द्वारा रजिस्ट्रीकृत बैंकों अथवा रजिस्ट्रीकृत वित्तीय संस्थाओं से लिए गए ऋण स्वीकृति एवं ऋण वितरण के प्रमाणित अभिलेख जनसम्पर्क संचालनालय में निर्धारित प्रपत्र में आवेदन के साथ प्रस्तुत करने होंगे।

नियमित भुगतान कर बैंक का प्रमाणपत्र प्रस्तुत करना होगा-  संचार प्रतिनिधियों द्वारा लिए गए ऋण पर मासिक किश्त का नियमित भुगतान स्वयं करना होगा, बैंकों को ऋण के मूल एवं ब्याज के नियमित भुगतान करने संबंधी बैंक का प्रमाण-पत्र जनसम्पर्क संचालनालय में प्रस्तुत करने पर प्रतिमाह 5 प्रतिशत ब्याज अनुदान की गणना कर संबंधित पत्रकार के बैंक खातों में राशि दी जाएगी।

योजना राशि की गणना – ब्याज अनुदान की प्रतिपूर्ति त्रैमासिक की जाएगी किसी भी दशा में अनुदान राशि का भुगतान एकजाई नहीं किया जायेगा। आवास ऋण ब्याज अनुदान की गणना इस प्रकार होगी। इसमें वित्तीय वर्ष में बैंक में देय ब्याज को पांच प्रतिशत ब्याज अनुदान से गुणा किया जाएगा। प्राप्त परिणाम को बैंक ब्याज प्रतिशत दर से भाग दिया जाएगा।

ब्याज अनुदान दो चरणों में – आवास ऋण 30 लाख रुपए से अधिक होने की दशा में ब्याज अनुदान की गणना दो चरणों में की जाएगी। प्रथम चरण में अधिकतम 30 लाख रुपए की राशि तक की ब्याज गणना की जाएगी। इसमें योजनान्तर्गत अधिकतम राशि( 30 लाख रुपए) को वित्तीय वर्ष में स्वीकृत ऋण पर देयक ब्याज राशि से गुणा किया जाएगा। प्राप्त परिणाम को स्वीकृत आवास ऋण राशि से भाग दिया जाएगा। द्वितीय चरण में ब्याज अनुदान राशि की गणना की जाएगी। इसमें प्रथम चरण में गणना पश्चात प्राप्त ब्याज राशि को पांच प्रतिशत ब्याज अनुदान के साथ गुणा किया जाएगा। प्राप्त परिणाम को बैंक ब्याज प्रतिशत दर से भाग दिया जाएगा।

योजना हेतु समिति करेगी अनुशंसा – प्रथम बार ब्याज अनुदान स्वीकृति के लिए संचालनालय में वरिष्ठ अधिकारियों की समिति विचार कर अनुशंसा करेगी। समिति में आयुक्त/ संचालक, जनसम्पर्क संचालनालय, अपर संचालक (पत्रकार कल्याण), अपर संचालक (समाचार), उप संचालक / संयुक्त संचालक (वित्त) शामिल होंगे।

योजना हेतु निर्णयात्मक शर्त/अधिकार- ब्याज अनुदान स्वीकृत करने के किसी भी प्रश्न पर तत्समय में प्रचलित अधिमान्यता नियमों में उल्लेखित संचार संस्थान एवं संचार प्रतिनिधि की अर्हतादायी शर्तों पर भी विचार किया जायेगा। ब्याज अनुदान स्वीकृत अथवा अस्वीकृत करने का अधिकार आयुक्त /संचालक, जनसम्पर्क को होगा।

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