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22 जुलाई को राजधानी में दिखेगा सहायक शिक्षकों का सैलाब….आक्रामक तेवर के साथ विधानसभा करेंगे कूच….40 हजार से ज्यादा शिक्षकों के जुटने का दावा… मनीष मिश्रा बोले…

रायपुर 20 जुलाई 2022। सहायक शिक्षक वेतन विसंगति के मुद्दे पर फिर से आक्रामक मूड में है। 22 जुलाई को राजधानी रायपुर में सहायक शिक्षकों का जोरदार आंदोलन है। वेतन विसंगति के मुद्दे पर सहायक शिक्षक शुक्रवार को विधानसभा के लिए कूच करेंगे। सहायक शिक्षक फेडरेशन के बैनर तले आयोजित हो रहे इस प्रदर्शन को लेकर प्रदेश से लेकर जिला और जिला से लेकर संकुल तक की तैयारी चल रही है। सहायक शिक्षक फेडरेशन का दावा है कि इस बार 40 हजार से ज्यादा सहायक शिक्षकों की भीड़ राजधानी की सड़कों पर दिखेगा।

आपको बता दें कि दिसंबर माह में भी सहायक शिक्षकों का 18 दिनों का अनिश्चितकालीन हड़ताल चला था। इस हड़ताल के दौरान भी मुख्यमंत्री निवास के घेराव को लेकर हजारों की भीड़ राजधानी में उमड़ी थी। प्रदेश अध्यक्ष मनीष मिश्रा ने कहा है कि इस बार पिछली बार की तुलना में ज्यादा भीड़ दिखेगी। मनीष मिश्रा ये भी कहते हैं कि वेतन विसंगति की मांगें पूरी नहीं होने से सहायक शिक्षक काफी आक्रोशित हैं, लिहाजा इस बार ज्यादा विरोध राजधानी की सड़कों पर दिखेगा।

प्रदेश भर से शिक्षक आज से पहुंचने लगेंगे रायपुर

सहायक शिक्षक फेडरेशन ने जोरदार आंदोलन की तैयारी की है। प्रदेश भर से 40 हजार से ज्यादा सहायक शिक्षकों के रायपुर में जुटने का दावा है। इन दावों के बीच दुरस्थ क्षेत्र से आज ही रायपुर सहायक शिक्षक पहुंचने लगेंगे। जशपुर, कोरिया, सुकमा, कोंटा, दंतेवाड़ा, बीजापुर, बस्तर, सरगुजा, बलरामपुर, सूरजपुर, रायगढ़ जैसे जिलों से कल ही सहायक शिक्षक रायपुर पहुंचने लगेंगे। कई शिक्षकों ने जिलों से रायपुर आने के लिए बस भी बुक कर लिये हैं, तो कई लोग ट्रेन और निजी गाड़ियों से रायपुर पहुंच रहे हैं।

प्रशासन ने भी कसी है कमर

इधर, सहायक शिक्षकों को रोकने के लिए प्रशासन ने भी कमर कस ली है। जगह-जगह पर सहायक शिक्षकों को रोकने के लिए बैरिकेट तैयार किये जा रहे हैं। संख्या बल ज्यादा होने और सहायक शिक्षकों के आक्रामक तेवर को देखते हुए तैयारी है कि तय स्थल से काफी पहले ही सहायक शिक्षकों को रोक दिया जाये। वहीं बस और ट्रेन से भी आंदोलन के लिए पहुंचने वाले लोगों को भी रोकने की तैयारी है। खबर है कि कई जिलों में प्रशासन की तरफ से सहायक शिक्षकों को चेतावनी दी गयी है कि वो आंदोलन में ना जायें।

प्रदेश अध्यक्ष मनीष मिश्रा ने क्या कहा .

प्रदेश अध्यक्ष मनीष मिश्रा ने आंदोलन की पूरी रणनीति तैयार की है। प्रदेश और जिला टीम के साथ लगातार समन्यवय बना रहे हैं। लगातार बैठकों का दौर भी जारी है। मनीष मिश्रा ने कहा कि …

कोई भी शासकीय कर्मचारी आंदोलन तभी करता है, जब उसके पास कोई चारा नहीं रहता। हमारे पास भी कोई विकल्प नहीं था। हमने हर स्तर पर अपनी गुहार लगायी, लेकिन अब लगता है कि आंदोलन की आखिरी विकल्प है। 22 जुलाई तो सिर्फ एकदिनी आंदोलन है। आने वाले दिनों में आप देखियेगा, हमलोग फिर से अनिश्चितकालीन आंदोलन पर जायेंगे। जहां तक विधानसभा घेराव का सवाल है तो हम जोरदार प्रदर्शन करेंगे। चाहे प्रशासन जितनी कोशिश कर ले, हमारा प्रदर्शन जोरदार होगा।

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