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पंचायत सचिव हड़ताल : 24 घंटे के भीतर काम पर लौटने का जारी हुआ फरमान…इधर, हड़तालियों ने आदेश की प्रति का कर दिया हवन…

रायपुर 3 अप्रैल 2023। अल्टीमेटम के बावजूद पंचायत सचिव काम पर लौटने को तैयार नहीं है। आलम ये है कि काम पर लौटने के आदेश की प्रतिया जलाकर पंचायत सचिव अपना विरोध जता रहे हैं। सोमवार को कई जगों पर पंचायत सचिवों ने संयुक्त सचिव द्वारा हड़ताल पर बैठे पंचायत  सचिवों को 24 घंटे के अंदर काम में लौटने के आदेश की प्रतियां जलाई और जमकर विरोध किया।छत्तीसगढ़ की लगभग 11 हजार पंचायतों के पंचायत सचिव नियमितीकरण की मांग को लेकर धरने पर बैठे हैं। दरअसल कांग्रेस के जन घोषणा पत्र में 10 दिन में इन्हें नियमित करने का वादा किया गया था। नियमितिकरण का वादा पूरा नहीं होने पर पंचायत सचिव आंदोलन पर उतारू हैं।

आपको बता दें कि छ.ग.शासन सयुक्त सचिव द्वारा हड़ताल पर बैठे पंचायत  सचिवों को 24 घंटे के अंदर काम में लौटने के संबंध में आदेश जारी किया गया है । जिससे सचिवों में नाराजगी है। इधर, कोण्डागांव जिले के पांचों ब्लाक कोण्डागांव, फरसगांव , केशकाल, माकड़ी, बडेराजपुर में हड़ताल पर बैठे सचिवों ने 3 अप्रैल को हड़ताल स्थल पर आदेश के छायाप्रति जलाकर विरोध प्रदर्शन किया गया,सचिवों का कहना है की जब तक सरकार इनकी मांगों को पूरा नहीं करेगी तक तक इनका हड़ताल जारी रहेगा, चाहे आर पार की लड़ाई क्यों न लडना पड़े।

प्रदर्शनकारियों के साथ बीजेपी

प्रदेश भाजपा महामंत्री ओपी चौधरी ने मुख्यमंत्री से कहा कि प्रदेश के सभी 146 विकासखंडों में पंचायत सचिव साथी आपकी वादाखिलाफी के विरोध में अपनी एक सूत्रीय मांग को लेकर धरने पर 17 दिनों से बैठे हैं।चूँकि पंचायत सचिव साथी गांव के आम ग्रामीणों और सरकार के बीच के सबसे महत्त्वपूर्ण कड़ी होते हैं,इसलिये आज आपकी वादा खिलाफी के कारण आज हरेक गांव के ग्रामीण विकास की सभी योजनाओं के काम ठप्प पड़े हुये हैं।आपने चुनाव से पहले कई मंचों पर वादा किया था कि कांग्रेस की सरकार बनने के बाद 10 दिनों के भीतर नियमितीकरण कर दिया जाएगा। आज साढ़े चार साल में भी इनके नियमितीकरण की कोई मंशा नहीं दिख रही। पंचायत से जुड़े कर्मचारियों के साथ वादाखिलाफी का दुष्प्रभाव ग्रामीण क्षेत्रों की जनता पर पड़ रहा है।

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