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भारत सरकार की ताबड़तोड़ कार्रवाई, एक झटके में बैन हुआ चीन के लोन और बेटिंग वाले 232 ऐप्स

नई दिल्ली 05 फरवरी 2023: केंद्र सरकार ने चीन के खिलाफ बड़ा एक्शन लेते हुए सवा सौ से ज्यादा बेटिंग ऐप यानी सट्टेबाजी ऐप और 94 लोन देने वाले ऐप को भारत में बैन कर दिया है. इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना मंत्रालय ने भारत की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए इन ऐप्स पर बैन करने का फैसला लिया. इससे पहले भी भारत सरकार सैंकड़ों चीनी ऐप को बैन कर चुकी है.

भारत सरकार ने चीनी लिंक वाले 138 सट्टेबाजी ऐप और 94 ऋण देने वाले ऐप पर प्रतिबंध लगा दिया है। इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय (MeitY) ने गृह मंत्रालय (MHA) की सिफारिशों के आधार पर यह फैसला लिया है। सूत्रों के अनुसार MHA ने इस सप्ताह MeitY को इन ऐप्स पर प्रतिबंध लगाने और ब्लॉक करने की सिफारिश की और मंत्रालय ने बाद में संचार के अनुसार प्रक्रिया शुरू की।

ये ऐप आईटी अधिनियम की धारा 69 को आकर्षित करते हैं क्योंकि इनमें ऐसी सामग्री है जो भारत की संप्रभुता और अखंडता के लिए हानिकारक है। इस कदम के पीछे की कार्रवाई उन आम लोगों की जबरन वूसली और उत्पीड़न की कई शिकायतों पर आधारित है, जिन्होंने उन संस्थाओं और व्यक्तियों द्धारा चलाए जा रहे मोबाइल ऐप के माध्यम से कम मात्रा में ऋण लिया था। यह चीनी नागरिकों की खुफियाती दिमाग है जिन्होंने भारतीयों का काम पर रखा और उन्हें निदेशक बनाया।

हताश लोगों को कर्ज लेने का लालच दिया जाता है और फिर सालाना 3,000 फीसदी तक ब्याज बढ़ा दिया जाता है। जब कर्जदार पूरे कर्ज की तो बात ही दूर, ब्याज चुकाने में असमर्थ हो गए तो इन ऐप्स का प्रतिनिधित्व करने वाले लोगों ने कर्ज में डूबे लोगों को परेशान करना शुरू कर दिया। उन्होंने उन्हें भद्दे संदेश भेजे, उनकी छेड़छाड़ की गई तस्वीरों को जारी करने की धमकी दी और अपने संपर्कों को संदेश भेजकर उन्हें शर्मसार किया।

यह मामला विशेष रूप से आंध्र प्रदेश और तेलंगाना में उन लोगों द्वारा आत्महत्याओं के बाद सुर्खियों में आया, जिन्होंने इस तरह के ऋण का विकल्प चुना या सट्टेबाजी करने वाले ऐप्स के लिए पैसे खो दिए। सूत्रों ने कहा कि तेलंगाना, ओडिशा और उत्तर प्रदेश जैसे राज्यों के साथ-साथ केंद्रीय खुफिया एजेंसियों ने तब केंद्रीय गृह मंत्रालय से इन ऐप्स के खिलाफ कार्रवाई करने को कहा था। इन सूचनाओं के आधार पर गृह मंत्रालय ने छह महीने पहले 28 चीनी ऋण देने वाले ऐप का विश्लेषण शुरू किया था। हालांकि, उन्होंने पाया कि 94 ऐप ई-स्टोर्स पर उपलब्ध हैं और अन्य थर्ड-पार्टी लिंक के जरिए काम कर रहे हैं।

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